अहसासों की चादर पे मुस्कुराहटों के फूल खिलाये हैं
ये दुनिया हसीं लगने लगी जब से आप करीब आये हैं
ख्वाबों खयालों अरमानों में बस तुम ही तुम बसती हो
हां, ये सच है कि पल पल दिल के पास तुम रहती हो
हरिशंकर गोयल "हरि"
7.11.21
7 नवम्बर 2021
अहसासों की चादर पे मुस्कुराहटों के फूल खिलाये हैं
ये दुनिया हसीं लगने लगी जब से आप करीब आये हैं
ख्वाबों खयालों अरमानों में बस तुम ही तुम बसती हो
हां, ये सच है कि पल पल दिल के पास तुम रहती हो
हरिशंकर गोयल "हरि"
7.11.21
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जो मन में आता है , लिखता हूं । साफ कहना, साफ दिल , साफ लिखना मुझे पसंद है । D