कुछ तुमने कहा कुछ मैंने कहा
कुछ गलती तुमने की कुछ मैंने की
कुछ नादानी तुम्हारी थी कुछ मेरी
कुछ शक तुमने किया कुछ मैंने
थोड़ी सी बेवफाई तुम्हारी थी थोड़ी मेरी
थोड़ा सा सितम वक्त का थोड़ा अपनों का
कुछ हालात खराब थे कुछ किस्मत
यूं जिंदगी ने हम दोनों को रुसवा किया
जमाने की बातों में आकर यूं मुंह मोड़ लिया
मासूम दिल का जरा ना खयाल किया
वो साथ गुजारे हुये पल भूल गयीं तुम
मैंने भी रोष में कुछ ज्यादा ही सुना दिया
बहुत हो गये झगड़े फसाद आओ बैठें बात करें
दिल से दिल की वो पहली सी मुलाकात करें
कुछ तुम आगे बढ़ो कुछ कदम में बढ़ाऊं
इस जिंदगी की फिर से एक नई शुरुआत करें
हरिशंकर गोयल "हरि"
2.1.22