@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ जिन्दगी की शतरंज में , है नहीं ठिकाना पासों का | बीत जाएगा चन्द दिनों में,ये मौसम मधुमासों का || जो करना है जल्दी करले , ओ अनाड़ी इन्सान , क्या पता कब रुक जाए , ये आना-जाना सांसों का || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@
30 जून 2016
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ जिन्दगी की शतरंज में , है नहीं ठिकाना पासों का | बीत जाएगा चन्द दिनों में,ये मौसम मधुमासों का || जो करना है जल्दी करले , ओ अनाड़ी इन्सान , क्या पता कब रुक जाए , ये आना-जाना सांसों का || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@
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आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारकD
सराहना के लिए धन्यवाद शुक्ल जी .
30 जून 2016
क्या पता कब रुक जाए , ये आना-जाना सांसों का |सुन्दर पंक्तियाँ
30 जून 2016