@@@ दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है @@@
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जिसने खुशियाँ देना सीखा ,और दीन-दुखियों की पीर हरी |
नेकी करी बढ़-चढ़ कर के ,और करी कमाई खरी -खरी ||
उस व्यक्ति की खुशियों का ,नहीं रहता कोई पार है |
दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है ||
मार लिया जिसने भीतर का रावण,वो है नेकी का अवतार |
और जान लेता जो अपनी ताकत ,होता उसका सपना साकार ||
करे जो मानवता की सेवा ,उसका बेड़ा पार है |
दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है ||
जला कर जिसने ज्ञान का दीपक ,अज्ञान-अन्धेर भगा दिया |
अपनी प्रेरक शक्ति से जिसने ,जमीर जनता का जगा दिया ||
ऐसे सज्जन व्यक्ति से ,संसार करता प्यार है |
दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है ||
दिया जलता रहे ज्ञान का ,हर इन्सान के अन्तर मन में |
दीवाली का पर्व मनाएं ,खुशियाँ बाँट कर हर एक जन में ||
खुशी दोगे तो खुशी मिलेगी ,जो जीवन का सार है |
दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है ||
हम पुण्य की चिन्गारी से,जलाएं पापों की होली |
शान्त करें क्रोध हमेशा ,बोल कर शहद सी बोली ||
जिसने खुद को जीत लिया ,वो विजेता असरदार है |
दिन में होली रात दीवाली ,बारह माह त्यौहार है ||