@@@एक नेता द्वारा सत्ता की स्तुति @@@
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जमीर बेचा है ,जुबाँ बेचेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए |
हर तिकड़म हम करेगे ,ए सत्ता तेरे लिए ||
मेरी शान है तू ,मेरी जान तू है ,तू मेरा अभिमान है |
ए सत्ता महबूबा तुझ पे , दिल मेरा कुर्बान है ||
हम लड़ेगे और भिड़ेगे ,ए सत्ता तेरे लिए |
जमीर बेचा है , जुबाँ बेचेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए ||
चंदा लिया है चमड़ी भी लेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए |
हर चालाकी हम करेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए ||
मेरी आन है तू ,मेरी बान तू है ,तू मेरी पहचान है|
ए सत्ता महबूबा तुझ पे ,जमीर मेरा कुरबान है ||
हम जीएगे और मरेगे ,ए सत्ता तेरे लिए |
जमीर बेचा है , जुबाँ बेचेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए ||
दगा किया है दंगा करेगे ,ए सता हम तेरे लिए |
हरेक चाल हम चलेगे , ए सत्ता तेरे लिए ||
मेरा दीन है तू ,मेरा ईमान तू है ,तू मेरी हमजान है |
ए सत्ता महबूबा तुझ पे ,इन्सानियत कुरबान है ||
हम झुकेगे और वोट ठगेगे ,ए सत्ता तेरे लिए |
जमीर बेचा है ,जुबाँ बेचेगे , ए सत्ता हम तेरे लिए ||
झगडा किया है ,भंगड़ा करेगे,ए सत्ता हम तेरे लिए |
हर नौटंकी हम करेगे ,ए सत्ता तेरे लिए ||
मेरी ढाल है तू ,टकसाल तू है ,तू मेरा मोहजाल है |
ए सता तेरी कृपा से ,परिवार मालामाल है ||
सर फोड़ेगे,हाथ जोड़ेगे ,ए सत्ता हम तेरे लिए
जमीर बेचा है ,जुबाँ बेचेगे ए सत्ता हम तेरे लिए ||
हर तिकड़म हम करेगे ,ए सत्ता तेरे लिए |