@@@@@@ हमारी हिन्दी, हमारा गर्व @@@@@@
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कितनी सुन्दर ,कितनी प्यारी ,हमारी हिन्दी भाषा है |
सभ्यता और संस्कृति की , मानो यह परिभाषा है ||
देवनागरी जो लिपि है इसकी , इसका सुन्दर वेश है |
हिन्दी हमारी अपनी भाषा ,देती एकता का सन्देश है ||
कानों को लगे मीठी ऐसी , जैसे कोयल की बानी है |
पूर्ण वै ज्ञान िक हिन्दी भाषा ,भाषाओं की रानी है ||
जैसे लिखा जाता इसमें ,वैसे ही पढ़ा जाता है |
भीतर बाहर सज्जन व्यक्ति ,ज्यों नजर एक सा आता है ||
अंग्रेजों की गुलामी से तो ,हम पूर्ण आजादी पा गयें |
पर अंग्रेजी भाषा के चंगुल में ,हम हिन्दुस्तानी आ गयें||
हिन्द देश के हम सब वासी ,हिन्दी का विस्तार करें |
और अंग्रेजी को ,अंग्रेजों की भान्ति,हिन्द देश से बाहर करें ||
विश्व-भाषा बना हिन्दी को ,राष्ट्र संघ में प्रतिष्ठ करें |
सब भाषाओँ में स्थान इसका ,हम सब मिल विशिष्ट करें ||
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