@@@@@@बीज नेकी के बोना सीख@@@@@@ *********************************************************** केवल अच्छे कर्म कर तू ,हर हाल में खुश होना सीख | कुछ अच्छा पाने के खातिर, कुछ पल्ले से खोना सीख || खुशियाँ बाँट सको तो बांटो ,पर अकेले में तू रोना सीख | नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख || कोशिश की तूने खुश करने की,इतने से ही खुश होना सीख | सराहनीय काम कर तू केवल,सराहना की तू माँग न भीख || नहीं बोझ तू बन दूजे पर , अपना बोझ खुद ढोना सीख | नहीं परिणाम की चिंता कर तू , बीज नेकी के बोना सीख || जो करता है प्यार तुम्हीं से,उसे प्यार तू करना सीख | जो मरता केवल तेरे पर , तू भी उस पे मरना सीख || बद कर्म की गन्दगी को , नेकी से तू धोना सीख | नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख || अगर ख़ुशी मिली किसी से,तो धन्यवाद तू कहना सीख | नहीं बनना कुँए का मेढक, नदी की भान्ति बहना सीख || धत कर्म से दूर रह कर , सुख की नींद तू सोना सीख | नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख || ***********************************************