@@@@@@ सबसे बड़ा बेईमान @@@@@@
******************************************************
एक निकृष्ट व्यक्ति ने मुझ को,सबसे बेईमान बताया |
झूठा यह आरोप सुनकर , गुस्सा बहुत ही आया ||
नहीं कभी रिश्वत खायी , न किया कोई घोटाला |
मेरे उज्जवल चरित्र पर,न लगा कोई दाग काला ||
बहुत कोसा उस व्यक्ति को , पर नहीं चैन मिल पाया |
पर जब खुद को जाँचा-परखा,सच समझ में तब आया ||
पहला कर्तव्य हर व्यक्ति का ,अपने तन का रखना ध्यान |
पर मैंने हक़ मारा है तन का ,हुआ मुझ को यह अन्तर्ज्ञान ||
काम लिया मैंने तन से पूरा ,पर भूखा रखा आधा जिसको |
मुझ से बड़ा बेईमान आदमी ,कोई कहेगा आखिर किसको ?|
आया मैं इस दुनिया में , फैलाने को ज्ञान-प्रकाश |
हार बैठा था खुद हौसला, ढो रहा था खुद की जिन्दा लाश ||
जिस ज्ञान पर हक़ जनता का , दबा रखा था मैंने उसको |
मुझ से बड़ा बेईमान आदमी,कोई कहेगा आखिर किसको ?|
*************************************************************