शीला देखने में काफी सुंदर है, बड़ी बड़ी आंखे, घुंघराले बाल और दूध सी दमकती त्वचा और साथ गुणवंती भी थी, उसके ससुर को वो देखते ही भा गई तो उसने अपनी बेटे मनोज का रिश्ता उसके साथ तय कर दिया, मनोज टॉप के कॉलेज से पढ़ा लिखा था और सिर्फ अंग्रेजी में ही बात करना पसंद करता था, तो वही शीला संस्कृत में एम ए पास थी वो भी अपने कॉलेज में टॉप की थी। चाहे तो किसी कॉलेज या स्कूल में पढ़ा सकती थी लेकिन शादी के एक साल बाद ही वो दो जुड़वा बच्चों की मां बन गई, हालांकी उसे जो देखता देखता ही रह जाता लेकिन जब भी मनोज के दोस्त उसे अपनी पत्नी से मिलवाने को कहते तो वो टाल जाता उसे लगता यदि उन्होंने उसकी बीवी से हाउ आर यू भी पूछ लिया तो वो ठीक से उस बात जवाब दे पाएगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं थी। यहां तक की सोशल मीडिया पर भी वो उसकी तस्वीर नहीं डालता था सिर्फ अपने बच्चों की तस्वीर लगा रखी थी, शीला को भी ताने मारने से बाज नहीं आता कि वो उसके सर्कल में उठने बैठने लायक नहीं है। वो बेचारी चुपचाप सुनती जाती सुबह 5 बजे उठकर टिफ़िन बनाने से रात 10 बजे तक वो काफी व्यस्त रहती थी।
मनोज की शादी को 15 साल हो चुके थे वो 45 साल का था, मनोज भी सांवले रंग का आकर्षक व्यक्ति था उसके बाल थोड़े थोड़े सफ़ेद होने लगे थे जिन्हें वो डाय से काला किया करता था साथ ही सुबह उठकर जिम भी जाया करता था वो बमुश्किल 35 साल का लगता था। जैसे जैसे उसका पद बढ़ता गया गुरूर भी बढ़ा साथ ही मिज़ाज भी रंगीन हो चला था, उसके इसी रवैये से परेशान लड़कियों ने कभी बुखार का बहाना बनाकर तो कभी किसी और शहर में शिफ्ट होने का बहाना बनाकर उसकी कंपनी से किनारा कर लिया, तो कुछ लड़कियां जिनकी जीवन में कोई ना कोई मजबूरी रहती थी वो उन्हें अपनी मीठी मीठी बातों के जाल में फंसा लेता तो कभी प्रमोशन का लालच दिखाता, इस तरह से दोहरी ज़िंदगी जीने लगा। एक घर में और एक बाहर कई लड़कियां उसकी ज़िंदगी में आई और गई। ऑफिस के अन्य कर्मचारियों को भी उसका ये रवैया खलता था वो सोचते थे कोई तो इसे आईना दिखाए, लेकिन डर की वजह से चुप रहते थे।
एक दिन एक लड़की ऑफिस में आई, उम्र करीब 22 साल छरहरी काया गेहुंआ रंग, किसी ब्यूटी क्वीन से कम नहीं थी वो, मनोज उस पर भी डोरे डालने से बाज नहीं आया। क्योंकि वो काफी मार्डन विचारों वाली और बिंदास लड़की थी तो उसे मनोज की फ़ितरत का पता नहीं लगा, मनोज से उसे कॉफी पीने का ऑफर दिया जो उसने स्वीकार कर लिया लेकिन महज एक दोस्त की तरह, अगले दिन उस लड़की ने ऑफिस के वाट्स अप ग्रुप में तस्वीर डाली, कैप्शन दिया सर के साथ कॉफी का आनंद लिया हालांकि इस बार मनोज ने कोई गलत कदम नहीं उठाया था लेकिन ऑफिस के कुछ लोगों को मौका मिल गया उन्होंने मनोज की पत्नी को ढूंढ निकाला और उसकी वो तस्वीर फेसबुक मैसेंजर में डाल दी, फिर क्या था मनोज की पत्नी आग बबूला होकर ऑफिस पहुंची और मनोज को कोने में बुलाकर झगड़ा करने लगी। हालांकि इस बार उसने कुछ गलत नहीं किया लेकिन वो शक के दायरे में आ गया, उसने सोचा कि उस लड़की को बुलाकर बात क्लीयर कर ली जाए जैसे ही वो बॉस के केबिन में पहुंचा तो पता चला कि वो उनके बड़े भाई की बेटी जो कुछ दिन काम सीखने आई थी और चली गई, मनोज के पैरो के नीचे की ज़मीन खिसक गई और उसने चुप रहना ही मुनासिब समझा। ताकि बात का बतगंड ना बनें और उसकी पुरानी हरकतों की पोल ना खुल जाए।
मनोज की बीवी जा चुकी थी, अगले दिन जब मनोज ऑफिस के लिए निकला तो उसकी बीवी जो हमेशा ताजा खाना पैक करके दिया करती थी ने कहा “आज मेरी तबीयत खराब है इसलिए कल की पनीर की सब्जी और रोटी गर्म करके टिफिन में रख दी है, आज उसके अंदर की देवी जागृत हो चुकी गई इसलिए मनोज उसका बहाना समझ गया और चुपचाप ऑफिस की तरफ चल दिया जब लंच के वक्त उसने टिफ़िन खोला तब सब कहने लगे आपकी पत्नी कितनी अच्छी है जो रोज पनीर की सब्जी देती है कल भी दी और आज भी फिर वहीं बनाई है हम भी खाएंगे।
मनोज के पास झूठी मुस्कान देने के सिवाए कोई चारा नहीं था, आज उसे वो करारा जवाब मिला जो उसे वैवाहिक जीवन में एक बार भी नहीं मिला था।
नोट- यह कथा पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति व्यक्ति, घटना या स्थान से कोई संबध नहीं है। सर्वाधिकार सुरक्षित
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