एवरेज लुक और अपने रंग की वजह से कभी ‘काजल वाला’ के नाम से जाने जाने वाले जॉनी लीवर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. इन्होंने ये जगह अपने बेजोड़ अभिनय से बनाई है. ये वो नाम और व्यक्तित्व है जो रोते को हंसा दे. मगर क्या आप जानते हैं कॉमेडी किंग बनने से पहले जनी लीवर क्या करते थे? कहां रहते थे? कुछ ऐसी ही इनकी ज़िंदगी से जुड़ी चटपटी बातें, हम आपसे शेयर करने वाले हैं. धारावी से हैं कॉमेडी लेजेंड जॉनी लीवर जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1957 को तेलगु क्रिस्चियन परिवार में हुआ था. उनके बचपन का नाम जॉन राव था. इनके पिता का नाम प्रकाश और माता का नाम जनुमाला है. जॉनी लीवर की तीन बहनें और दो भाई है, जिसमें जॉनी सबसे बड़े हैं. जॉनी लीवर मूलरूप से आंध्रप्रदेश से हैं, लेकिन इनके पिता बहुत पहले ही मुंबई आ गए थे. जॉनी लीवर जब 10 साल के थे, तब तक इनका परिवार माटुंगा धारावी लेबर कैंप झोपड़पट्टी में रहता था. इसके बाद सब लोग किंग सर्किल झोपड़पट्टी में रहने चला गया. चॉल में रहना इतना आसान नहीं था, आज आलीशान घर में रहने वाले जॉनी लीवर उस समय एक ऐसी चॉल में रहते थे, जिसकी छत बारिश में टपकती थी. इसके चलते जॉनी लीवर हाथ में कटोरा लेकर छत से टपकते बारिश के पानी को रोकने की कोशिश करते थे. ज़्यादा पढ़ाई नहीं की है जॉनी लीवर ने परिवार बड़ा और आय कम होने की वजह से इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इसी वजह से जॉनी लीवर ज़्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए. अपने माता-पिता का हाथ बंटाने के लिए जॉनी लीवर ने 7वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़कर मुंबई की सड़कों पर पेन बेचना शुरू किया. लोग उनसे पेन ज़्यादा से ज़्यादा ख़रीदें इसके लिए वो उस ज़माने के कई दिग्गज अभिनेताओं की मिमिक्री किया करते थे. जॉनी का ये अंदाज़ लोगों को बहुत पसंद आता था. 17 साल के उम्र से शुरू की Stand Up Comedy जॉनी को मिमिक्री और डांस में बहुत रुचि थी. इसके चलते 16 साल की उम्र तक वो डांस शो किया करते थे और फिर 17 की उम्र में उन्होंने स्टेज पर Stand Up Comedy करना शुरू किया. ये सब करने के साथ-साथ जॉनी ने 18 साल की उम्र में Hindustan Lever कंपनी जॉइन की. इसी कंपनी में उनके पिताजी भी काम किया करते थे. कैसे पड़ा जॉन राव का नाम जॉनी लीवर? जॉनी लीवर एक ऐसा व्यक्तिव है, जिनकी ज़िंदगी का हर एक किरदार दूसरे किरदार को जोड़ता है. Hindustan Lever में काम करने के चलते जॉनी के नाम के आगे राव की जगह लीवर लग गया. इस कंपनी में उन्होंने 6 साल तक काम किया. इस दौरान कंपनी Function में वे स्टेज पर सीनियर ऑफ़िसर की मिमिक्री किया करते थे. उनके इसी टैलेंट ने कंपनी में उन्हें सबका चहेता बना दिया. हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम करते हुए वो बाहर Stage Show करने लग गए. ये स्टेज शोज़ इनकी इंकम का ज़रिए बने, जिससे उनका परिवार भी अच्छे से चलने लग गया. कैसे मिला पहला फ़िल्मी ब्रेक? लोगों को अपनी हरकतों से हंसाने वाले जॉनी लीवर के साथ कुछ ऐसा हुआ, जो जानकर हैरान रह जाएंगे. ये वो दौर था जब जॉनी प्रसिद्ध संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी के साथ स्टेज शो किया करते थे. तभी एक बार साउथ के डायरेक्टर ने कल्याणजी से पूछा कोई कॉमेडियन है, मेरी फ़िल्म में एक रोल है. उन्होंने बिना देर किये जॉनी लीवर का नाम उन्हें बता दिया. इससे पहले जॉनी ने फ़िल्मों में कभी भी काम नहीं किया था इसलिए वो इतना डर गए कि पूरी रात नहीं सोए. यहां तक कि उनको बुखार भी आ गया. डर तो बहुत गए थे जॉनी मगर उनके कुछ करने के जज़्बे ने उन्हें इस फ़िल्म को पूरा करने की हिमम्त दी. इस फ़िल्म का नाम ‘यह रिश्ता न टूटे’ था. इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अजीब शौक थे जॉनी लीवर के इनके बेहतरीन अभिनय और हंसाने के अलग अंदाज़ ने उन्हें नाम, पैसा और शोहरत सब दिला दिया. मगर कहते हैं न कि सफ़लता अकेले नहीं आती. जॉनी लीवर की ये सफ़लता ने उन्हें शराब और सिगरेट की लत लगा दी. जब भी जॉनी World Tour पर होते थे, तो यात्रा के दौरान टाइमपास के लिए शराब पीते थे. वो रोज़ डेढ़ बोतल शराब और 4 पैकेट सिगरेट पीते थे. इनकी पत्नी, मां और पिताजी इनकी इस आदत से परेशान हो गए, लेकिन उन्होंने पीना नहीं छोड़ा. इस दौरान ज़नी ने कई सपुरहिट फ़िल्में दीं. कौन-कौन सी थीं जॉनी की बेहतरीन फ़िल्में? गोविंदा और क़ादर ख़ान के साथ जॉनी लीवर की जोड़ी ज़्यादा सराही गई. इस तिकड़ी की फ़िल्म बड़े पर्दे पर हमेशा ही धमाल मचाया. जॉनी लीवर की कुछ बेहतरीन फ़िल्मों में हत्या, तेज़ाब, मुजरिम, काला बाज़ार, चालबाज़, नरसिम्हा, करन-अर्जुन, बाज़ीगर, सपूत, कोयला, मिस्टर एंड मिसेस खिलाड़ी के साथ-साथ कई अन्य फ़िल्में भी शामिल रहीं. ये कहा जा सकता है 90 का दशक जॉनी लीवर के ही नाम था. छोटे पर्दे पर भी किया काम 1993 से छोटे पर्दे की भी पारी शुरू की. उन्होंने सीरियल 'ज़बान संभाल के' से छोटी पर शुरूआत की. इसके बाद 2006 में जॉनी आला रे, 2007 में कॉमेडी सर्कस और 2017 में पार्टनर ट्रबल हो गई डबल जैसे शोज़ किए. जॉनी लीवर को मिले कई अवॉर्ड इनको 1997 में आई फ़िल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए स्टार स्क्रीन अवॉर्ड, 1998 में फ़िल्म ‘दीवाना-मस्ताना’ के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता अवॉर्ड, 1999 में फ़िल्म ‘दूल्हे राजा’ के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता अवॉर्ड और 2002 में फ़िल्म ‘लव के लिए कुछ भी करेगा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ ज़ी सिने अवॉर्ड से नवाज़ा गया. सब कुछ अच्छा चलते हुए भी, जॉनी ने क्यों लिया दस साल का फ़िल्मी ब्रेक? जब उनकी ज़िंदगी में सब अच्छा चल रहा था, उसी वक़्त उनके परिवार में एस ऐसा संकट आया जिसने उन्हें पूरी तरह से हिला दिया. हुआ ये कि जॉनी के बेटे गले में ट्यूमर हो गया. इस पर डॉक्टरों का कहना था ऑपरेशन होने के बाद हो सकता हैं इसका आधा शरीर काम करना बंद कर दे. इसी बात ने जॉनी को अंदर से हिला दिया तब जॉनी ने आध्यात्म का रुख़ किया और फ़िल्मों से कट गए. इसी दौरान जब वो अमेरिका के एक चर्च में प्रार्थना कर रहे थे तब उनको पता चला न्यूयॉर्क में कैंसर के लिए एक अच्छा हॉस्पिटल हैं. इसके बाद वो अपने बेटे को वहां ले गए, जहां वो बिल्कुल ठीक हो गया. जॉनी लीवर का एक बेटी और बेटा है. आज उनकी बेटी भी जानी-मानी कॉमेडियन है. बेटी का नाम जेमी लीवर और बेटे का नाम जेसी जॉन लीवर है. इसी के चलते उन्होंने 10 साल तक फ़िल्मों में काम नहीं किया. मगर एक अच्छी बात ये हुई कि बेटे के ठीक होने के बाद उन्होंने शराब और सिगरेट छोड़ दी. अपने ज़िंदगी के अनुभवों से जो जॉनी लीवर ने सीखा वो ये है, कि आपके पास पैसा, नाम, शौहरत सभी हो पर ज़िंदगी में अगर शांति नहीं, तो ये चीज़ें कुछ काम की नहीं हैं.