विश्व एड्स दिवस 2018 - Essay on World Aids Day in Hindi , world aids day 2018 theme..1 दिसम्बर विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) के रूप मनाया जाता है | एड्स दिवस मानाने का मूल कारण लोगों को AIDS (एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम) के प्रति जागरूक करना है। एड्स एक जानलेवा बीमारी है जो HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस) के संक्रमण के कारण होती है | फ़िलहाल एड्स का कोई उपचार नहीं है केवल सतर्क रह के बचाव किया जा सकता है। सरकारी-गैर सरकारी संगठन, स्वास्थ्य अधिकारी, कॉलेज के छात्र-छात्राएं एवं नागरिक समाज नुक्कड़ नाटक, भाषण, चर्चा एवं बैठक करके एड्स से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता फैलाते है | लोगों को एड्स के लक्षण, बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है |2018 विश्व एड्स दिवस अपनी 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित कर रहा है | इस वर्ष का वर्ल्ड एड्स डे का थीम “अपनी स्थिति जानें” (Know your status) है |
2018 विश्व एड्स दिवस अपनी 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित कर रहा है | इस वर्ष का वर्ल्ड एड्स डे का थीम “अपनी स्थिति जानें” (Know your status) है |
विश्व एड्स दिवस का थीम
वर्ष | थीम |
1988 |
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1989 |
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1990 |
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1991 |
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1992 |
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1993 |
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1994 |
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1995 |
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1996 |
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1997 |
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1998 |
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1999 |
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2000 |
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2001 |
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2002 |
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2003 |
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2004 |
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2005 |
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2006 |
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2007 |
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2008 |
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2009 |
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2010 |
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2011-15 |
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2016 |
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2017 |
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2018 |
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विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाने की आधिकारिक घाेेषणा वर्ष 1995 में अमेरिका के राष्ट्रपति विलियम क्लिंटन (Bill Clinton) ने की थी। जिनका अनुसरण दुनियॉ भर के देशों द्वारा किया गया। विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) की परिकल्पना 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन जिनेेवा स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोवल कार्यक्रम के सूूचना अधिकारी थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न (James W. Bann) ने की थी। उन्होने एड्स दिवस मनाने का यह विचार एड्स ग्लोवल कार्यक्रम के निदेशक डॉ जोनाथन मन्न (Dr. Jonathan Mnn) से साझा किया और उन्होने इसे स्वीकृति दे दी। वर्ष 1988 से 1 दिसंबर के दिन को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जानेे लगा। आपको बता दें कि एक अनुमान के मुताविक 1981 से 2007 तक करीब 25 लाख लोगों की मृृत्यु एच आई बी सक्रमण के कारण हो गई। 2007 में लगभग दो लाख लोग इस महामारी से संक्रमित हुए। धीरे धीरे विश्व एड्स दिवस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य समारोह बन गया. चूँकि युवा ही नहीं हर उम्र का व्यक्ति इस बीमारी से पीडित होने लगा। इसलिए सभी उम्र और वर्ग के लोगोंं को जागरूक करने के लिए विशेष प्रोग्राम आयोजित किये गये। जिसमें हर वर्ष की एक अलग थीम बनाई गयी। 1988 में विश्व एड्स दिवस अभियान की थीम का नाम “संचार” था। 2007 के बाद से विश्व एड्स दिवस को व्हाइट हाऊस द्वारा एड्स रिवन (AIDS ribbon) का एक प्रतीक देकर शुरू किया गया।
एचआईवी एड्स के लक्षण और संकेत – Signs of HIV AIDS in hindi
कई हफ्तों तक लगातार बुखार का रहना
हफ्तों खांसी रहना, मुँह में घाव होना
विना किसी बजह के वजन का घटना, भूख खत्म हो जाना
बार-बार दस्त लगना
गले में सूजन भरी गिल्टियों का होना और गले में खराश होना
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले दोदरे या लाल चक्कते हो जाना
रात में सोते समय पसीना आना
हमेशा थकान बनी रहना
जोड़ो में दर्द रहना
एचआईवी एड्स का वायरस दूसरों से सीधे(बिना सुरक्षा के) संपर्क में आने के दौरान बहुत आसानी से फेल सकता है. असुरक्षित यौन संबंध बनाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने या फिर दूषित सुई से इंजेक्शन लगाने से एड्स फैल सकता है. यह एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के जरिए भी शिशु को संक्रमित कर सकता है. संक्रमित मां से बच्चे को स्तनपान कराने से बच्चा भी संक्रमित हो सकता है.
एड्स से बचाव के तरीके – Ways to prevent AIDS in hindi
एड्स से बचाव के लिए सामान्य व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के वीर्य, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आने से बचना चाहिए। साथ ही साथ एड्स से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।
पीड़ित साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, अगर कर रहे हों तो सावधानीपूर्वक कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन कंडोम इस्तेमाल करने में भी कंडोम के फटने का खतरा रहता है।
अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें, एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध ना रखें।
खून को अच्छी तरह जांचकर ही उसे चढ़ाना चाहिए। कई बार बिना जांच के खून मरीज को चढ़ा दिया जाता है जोकि गलत है। इसलिए डॉक्टर को खून चढ़ाने से पहले पता करना चाहिए कि कहीं खून एच.आई.वी. दूषित तो नहीं है।
उपयोग की हुई सुईओं या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एच.आई.वी. संक्रमित हो सकते हैं।
दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करने के लिए कहना चाहिये।
एड्स से जुड़ी हुई भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
एड्स के बारे में समाज में कुछ मिथक भी लोगो के बीच देखे जाते रहे हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की एड्स हाथ मिलाने, गले लगने, सामने छींकने, बिना कटी त्वचा को छूने या एक ही शौचालय के उपयोग करने पर कभी नहीं फैलता है।
अगर आप में किसी के आसपास कोई एचआईवी पॉजिटिव हो, तो उचित जाँच के साथ दवा का सेवन करें, और अपना और अपने साथी का खास ख्याल रखें एड्स के साथ भी लम्बा जीवन जिया जा सकता है।
विश्व एड्स दिवस 2018 - Essay on World Aids Day in Hindi , world aids day 2018 theme..