राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा के साढ़े चार साल के शासन के दौरान राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाया तो वहीं बीजेपी की ओर से अरुण जेटली ने कांग्रेस पर पलटवार किया। आजाद ने जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने समेत कई राज्यों में तोड़फोड़ कर सरकार बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में अलगाववाद की भावना बढ़ी है। वहीं जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अलग अस्तित्व की परिकल्पना की गई थी, लेकिन कांग्रेस के 70 साल के कार्यकाल में यह अलगाववाद की ओर मुड़ने लगा।कांग्रेस ने वादे तो कर दिये, लेकिन पूरे देश को कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में तो आ गई, लेकिन अपना इतिहास भूलती चली गई। कश्मीर की समस्या कांग्रेस की गलत नीतियों का नतीजा है। इसके लिए कांग्रेस को कभी मुक्ति नहीं मिलेगी। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम रह चुके आजाद ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने सत्ता के लिए गठबंधन कर सरकार तो बना ली, लेकिन जब हर मोर्चे पर विफल होने लगे तो सरकार भंग कर दिया। उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल के दौरान सबसे ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ, सबसे ज्यादा आम नागरिक मारे गए। उन्होंने बीजेपी को इतिहास से सबक लेने तक की नसीहत दे डाली। जवाब के दौरान जेटली ने कहा कि जिस शासनकाल को कांग्रेस गोल्डन पीरियड साबित करना चाह रही है, उसी समय ने कश्मीर के युवाओं को हथियार में तब्दील कर दिया। पत्थरबाजियां उसी वक्त शुरू हुई और युवा अमन की राह से भटकने लगे। उन्होंने कहा कि इतिहास जब फैसला करेगा कि जम्मू-कश्मीर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का दृष्टिकोण सही या था या पंडित जवाहरलाल नेहरू का, तो आपको बहुत तकलीफ होगी। उन्होंने कहा कि अब समय कश्मीर के भविष्य पर बात करने की है।