कुछ लोगों की दूसरों और ज़रूरतमंदों के प्रति निःस्वार्थ भावना हमें चकित कर देती है. 14 फ़रवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. लोग शहीदों के परिवारों की मदद के लिए आगे आने लगे. इसी कड़ी में राजस्थान के अजमेर से एक मिसाल पेश करने वाली ख़बर आयी है.
TOI के अनुसार, नंदिनी शर्मा नाम की एक बुज़ुर्ग महिला भिखारी, जिनकी मौत अगस्त 2018 में हो चुकी है, की वसीयत के अनुसार, उनकी बचत के पैसे समाज और देश की भलाई में उपयोग होने थे. इसलिए उनके ट्रस्टीज़ ने उनकी पूरी जिंदगी की जमा-पूंजी, 6.61 लाख रुपये, पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए दान कर दिए. ट्रस्टीज़ के अनुसार ऐसा उनकी आख़िरी इच्छा को पूरा करने के लिए किया गया है.
बता दें कि नंदिनी शर्मा ने इतने पैसे अजमेर के बजरंगढ़ में अम्बे माता मंदिर के आगे भीख मांग कर जमा किए थे. वो हर दिन भीख में मिले पैसों को बैंक में जमा करती थीं और उन्होंने अपने दो ट्रस्टीज़ भी बनाए थे, ताकि उनकी मौत के बाद उनकी जमा-पूंजी का सही इस्तेमाल हो सके.
उनकी मौत के बाद ट्रस्टीज़ पैसे दान करने लिए सही वक़्त का इंतज़ार कर रहे थे. पुलवामा हमले की त्रासदी को देख कर ट्रस्टीज़ ने निश्चय किया कि यही नंदनी शर्मा और देश के जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
अजमेर के कलेक्टर, विश्व मोहन शर्मा ने कहा,
‘ट्रस्टी बुधवार को जिला प्रशासन कार्यालय में आए और हमले के पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे दान करने की इच्छा जतायी. क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पैसा स्वीकृत किया गया और एक प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया.’
एक ट्रस्टी, संदीप गौड़ ने कहा,
'भले ही उनकी बचत भीख के पैसे से हो, मगर वो इसका इस्तेमाल देश के लिए करना चाहती थीं. इसलिए हमने सोचा की पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों की मदद करना सबसे अच्छा रहेगा.’
ये ख़बर बहुत तेज़ी से फैली और उसी मंदिर में श्रद्धालुओं ने उनकी आत्मा की शांति के लिए एक विशेष प्रार्थना का आयोजन किया.