8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। तो आइये इस अवसर पर जानते हैं देश की उन बेटियों के बारे में जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर ना सिर्फ एक मुकाम पाया बल्कि लाखों भारतीयों की रॉल मॉडल बन गई है। फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ ने एक नया इतिहास रच दिया है. वह वायुसेना की दूसरी महिला फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने मिग 21 लड़ाकू विमान को अकेले उड़ाया है। इससे पहले फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने मिग-21 लड़ाकू विमान को अकेले उड़ाकर नया इतिहास रचा था। जानकारी अनुसार पहले अवनी चतुर्वेदी और अब भावना कंठ। जी हां, भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ मिग-21 लड़ाकू विमान अकेले उड़ाने वाली दूसरी महिला पाटलट बन गई हैं। कुछ ही समय पहले अवनी चतुर्वेदी अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनी थी। वायुसेना में महिलाएं वर्ष 1991 से ही हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती रही हैं लेकिन लड़ाकू विमान उड़ाने का मौका उन्हें अब मिला है। बीते दिनों भावना कंठ ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से मिग 21 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। अपने विमान के साथ वह लगभग 30 मिनट तक हवा में रहीं। बिहार की बेटी भावना कंठ दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव की निवासी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बेगुसराय के बरौनी रिफाइनरी के डीएवी स्कूल से हासिल की। दसवीं कक्षा के बाद भावना ने कोट के विद्या मदिंर स्कूल में दाखिला ले लिया। साथ ही इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी। बेंगलुरू के बीएमस कॉलेज से बी.टेक करने के बाद भावना का चयन भारतीय वायुसेना में हो गया। बचपन से ही भावना का लक्ष्य आकाश में उड़ान भरने का था। भावना कंठ ने मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी के साथ मार्च 2016 में लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल की। पिछले दो वर्ष में इन्हें लड़ाकू विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया। लड़ाकू विमान अकेले उड़ाने का गौरव सबसे पहले अवनी चतुर्वेदी को मिला और अब भावना कंठ का नाम भी इसमें शामिल हो गया है।