चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी है। राज्यसभा में बहुमत में विपक्ष अब एकजुट होता दिख रहा है, बिल के पेश होने से पहले ही करीब 12 राजनीतिक दलों ने सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की थी। इन 12 पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, TMC, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं। केन्द्र सरकार के लिए बड़ा झटका ये भी है कि इन 12 दलों में तमिलनाडु की AIADMK भी शामिल है। जो अभी तक मोदी सरकार के समर्थन में मानी जा रही थी। नियमों के मुताबिक, तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में चर्चा से पहले चेयरमैन इस प्रस्ताव की जानकारी सदन को देंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि तीन तलाक बिल के मुद्दे पर उनकी पार्टी का स्टैंड साफ है। गौरतलब है कि कांग्रेस पिछले लंबे समय से मांग कर रही है कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाए। खासकर कांग्रेस को इस बिल में सजा प्रावधान पर कड़ा ऐतराज है, साथ ही कांग्रेस पीड़ित महिलाओं को मुआवजे की मांग भी करती आ रही है। गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन राज्यसभा में संख्या की बात की जाए तो इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं। वैसे, तो राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ताकत बढ़ी है, लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 90 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, 7 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं। जबकि विपक्ष का पलड़ा संख्याबल के मामले में सरकार पर भारी है। मौजूदा परिस्थिति में विपक्ष के पास 145 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, AIADMK के 13, BJD के 9, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK के 4, BSP के 4, NCP के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं।राज्यसभा में आसान नहीं राह