साक्षरता और शिक्षा को सामान्यतः सामाजिक विकास के संकेतकों के तौर पर देखा जाता है। साक्षरता का विस्तार औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, बेहतर संचार, वाणिज्य विस्तार और आधुनिकीकरण के साथ भी सम्बद्ध किया जाता है। संशोधित साक्षरता स्तर जागरूकता और सामाजिक कौशल बढ़ाने तथा आर्थिक दशा सुधारने में सहायक होता है। साक्षरता जीवन की गुणवत्ता-आयु प्रत्याशा, बच्चों का पोषण स्तर और निम्न शिशु मृत्यु-दर को सुधारने में योगदान करती है। आइये जानते हैं basic shiksha news : भारत में साक्षरता दर का पूर्ण विवरण साक्षरता का सीधा सीधा अर्थ होता है साक्षर होना अर्थात पढ़े लिखा होना। बता दें कि अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। बात अगर भारत की की जाये तो भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है। बता दें कि किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को साक्षरता दर कहा जाता है। साक्षरता दर ज्यादातर प्रतिशत में ही दर्शाया जाता है। साक्षरता दर प्रतिशत = शिक्षित जनसंख्या/कुल जनसंख्या{\displaystyle *100} सूत्र द्वारा साक्षरता की दर को निकला जाता है। देश में देश की आजादी के समय राष्ट्रीय स्तर पर महिला साक्षरता दर बेहद कम महज 8.6 प्रतिशत ही थी, लेकिन राहत की बात यह है कि 2011 की जनगणना के अनुसार 65.46 दर्ज की गई। लड़कियों के लिए स्कूलों मे सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) प्राथमिक स्तरपर 24.8 प्रतिशत था, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर (11-14 वर्ष के आयु वर्ग में) पर यह महज 4.6 प्रतिशत ही था। निश्चित तौर पर ये पिछले दशक महिला साक्षरता के लिये अच्छे रहे जिससे न केवल समाज मे उनकी स्थति मजबूत हुई, वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हुई बल्कि इससे उनके स्वास्थ्य, जच्चा बच्चा मृत्यु दर में कमी आयी और जनसंख्या सीमित करने मे मदद मिली लेकिन हालत अब भी संतोषजनक ठीक नही है यानि अभी लंबा सफर बाकी है पचास के दशक के बाद महिलाओं की शिक्षा पर शनै:-शनै: ध्यान दिया जाने लगा। आँकडो के जरिये अगर देखे तो इस यात्रा में महिला साक्षरता दर पुरूष दर 46.32 प्रतिशत के मुकाबले महिलाओं की 49.69 प्रतिशत रही। आजादी के तीन दशक बाद महिला साक्षरता पुरूषों के मुकाबले तेजी से वृद्धि हुई। वर्ष 1971 मे यह 22 प्रतिशत थी यानि पिछले समय के मुकाबले वृद्धि दर 11.72 प्रतिशत रही। अच्छी बात यह रही कि वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2005 तक की अवधि के दौरान लड़कियों द्वारा बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देने की दर में 16.5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई वैसे महिला पुरूषों की तुलना के अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों मे भी महिला साक्षरता मे बड़ा अंतर है। ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ‘महिला साक्षरता के लिए साक्षर भारत मिशन’ जैसे कार्यक्रमों की बदौलत देश में महिला साक्षरता दर जो आजादी के फौरन बाद पहले 10 प्रतिशत से भी कम थी वह आज बढ़कर लगभग 66 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जहां एक ओर पुरुष साक्षरता दर 82.14 प्रतिशत आंकी गई, वहीं दूसरी ओर महिला साक्षरता दर 65.46 प्रतिशत रही, यानि महिला साक्षरता का सफर अभी काफी लंबा है। आँकड़ो के अनुसार हमारे देश में वर्ष 1990 में 61.6 फीसदी पुरुष शिक्षित थे तो सिर्फ 33.7 फीसदी महिलाएं ही शिक्षित थीं। उधर, वर्ष 2000 में 74 फीसदी पुरुष शिक्षित थे तो वहीं 47.8 फीसदी महिलाएं ही शिक्षित थीं। इसका मतलब यही है कि देश में साक्षर महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन गरीबी समाजिक सोच के चलते अब भी महिला साक्षरता की स्थिति पर सवालिया निशान है हालांकि समाज, बड़ी संख्या में लोगों की बदलते सोच एवं विभिन्नि सरकारों की सकारात्मक सोच काम आ गई कि ‘एक व्यक्ति को पढ़ाने से केवल एक आदमी पढ़ता है, जबकि एक महिला को पढ़ाने से पूरा परिवार पढ़ता है। यहां तक कि इस पढ़े-लिखे परिवार के आसपास का समाज भी जागृत होता है। यही नहीं, इसका लाभ आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में भी मिलता है।’ बता दें कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, केरल में सबसे ज्यादा महिला साक्षरता दर 92% है, जबकि राजस्थान में महिला साक्षरता दर महज 52.7% है, जो भारत में सबसे कम है। वहीं, दूसरी ओर घनी आबादी वाले राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में महिला साक्षरता दर 59.3% और बिहार में महिला साक्षरता दर 53.3% है। लक्षद्वीप, मिजोरम, त्रिपुरा और गोवा में महिला साक्षरता की स्थिति बड़ी अच्छी है। Basic Shiksha News : साक्षरता क्या होती है ?
Basic Shiksha News : भारत में पुरुषों और महिलाओं के बीच साक्षरता दर में अंतर
Basic Shiksha News : भारत में राज्यों के आधार पर साक्षरता दर
स्थान | राज्य | साक्षरता दर (%) |
1 | मिज़ोरम | 91.1 |
2 | केरल | 89.9 |
3 | गोआ | 83.3 |
4 | हिमाचल प्रदेश | 81.3 |
5 | त्रिपुरा | 80.2 |
6 | महाराष्ट्र | 77.6 |
7 | सिक्किम | 76.6 |
8 | मणिपुर | 76.5 |
9 | असम | 76.3 |
10 | उत्तराखंड | 75.7 |
11 | तमिल नाडु | 74.2 |
12 | पंजाब | 74.0 |
13 | नागालैंड | 72.5 |
14 | गुजरात | 72.1 |
15 | मेघालय | 72.1 |
16 | पश्चिम बंगाल | 71.6 |
17 | हरियाणा | 71.4 |
18 | कर्णाटक | 69.3 |
19 | उडी़सा | 68.8 |
पूर्ण भारत | 67.3 | |
20 | जम्मू और कश्मीर | 66.7 |
21 | आंध्र प्रदेश | 63.7 |
22 | छत्तीसगढ़ | 63.6 |
23 | अरुणाचल प्रदेश | 62.8 |
24 | उत्तर प्रदेश | 61.6 |
25 | मध्य प्रदेश | 60.9 |
26 | झारखंड | 58.6 |
27 | राजस्थान | 57.4 |
28 | बिहार | 54.9 |
बता दें की भारत में सर्वाधिक साक्षरता दर वाला राज्य मिजोरम (91.1)हैं और सबसे काम साक्षरता वाला राज्य (54.9) है।