भारत में एक दो साल के बच्चे ने वो कर दिखाया जिसे करने में बड़े बड़े लोग सोचते हैं। बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दो साल के बच्चे ने 6 ज़िंदगिया बचाई हैं, इसके साथ ये बच्चा सबसे कम उम्र का अंगदाता भी बन गया है. इस दो साल के बच्चे के ब्रेन डेड होने के बाद उसके परिवार ने उसके अंगों को दान करने का फैसला लिया और अस्पताल में घातक बीमारियों से जूझ रहे 6 मरीजों को जीवनदान दिया गया है. गौरतलब है कि बच्चे को इलाज के लिए मुंबई के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार को डॉक्टरों ने बच्चे को ब्रेन डेड घोषित कर दिया, जिसके बाद परिवार ने अंग दान करने का फैसला लिया. बच्चे का हार्ट, किडनी, लिवर और आंखें दान कर दी गईं है. बताया जा रहा है की मासूम को 4 फरवरी को बॉम्बे अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी स्थिति और भी खराब हो गई और डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चे को ब्रेनस्टेम ट्यूमर था. ब्रेन डेड की खबर सुनते ही अभिवावकों को धक्का लगा, लेकिन शोक और दु:ख के बावजूद भी वे मानवता नहीं भूले और बच्चे का अंगदान करके दूसरों की जिंदगी बचाने का फैसला लिया. उस बच्ची के माता पिता से बात करने के बाद यह मालूम पड़ा की वे पुणे के रहने वाले है और बच्ची के इलाज के लिए खास मुंबई आये हुए थे. बॉम्बे अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, बच्चे का हार्ट चेन्नै स्थित अपोलो अस्पताल में भेजा गया है. एक किडनी लीलावती, जबकि दूसरी ग्लोबल अस्पताल को भेजी गई है. वहीं लिवर ठाणे स्थित ज्यूपिटर अस्पताल को दिया गया है. इसके अलावा बच्चे की आंख अंधेरी के एक आई बैंक को दी गई है. बॉम्बे अस्पताल के जनरल फिजिशियन गौतम भंसाली और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि बेहद कम उम्र में बच्चे को खोने के बाद भी अभिभावक दूसरों कि जिंदगी बचाने के बारे में सोचे यह बहुत बड़ी बात है.