इमरजेंसी की हालत में इंडियन एयर फोर्स के पायलट अभिनंदन को विमान से इजेक्ट करना पड़ा. जिसके चलते वह गलती से दुश्मन देश पाकिस्तान के इलाके में पहुंच गए. इसके बाद पाक सेना ने उन्हें पकड़ लिया. हालांकि अभिनंदन के मामले में अच्छी बात ये है कि समय से पाकिस्तान ने मान लिया कि अभिनंदन उनके कब्जे में हैं. लेकिन एयर फोर्स के 24 अफसर और भी हैं जो पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. समय-समय पर उनकी रिहाई के लिए आवाज़ उठाई जाती है, लेकिन पाकिस्तान ये मानने को तैयार नहीं होता है कि उनके यहां 1965 और 1971 का कोई भारतीय युद्धबंदी भी है. ऐसे ही एक पायलट मनोहर पुरोहित जो 1971 में युद्धबंदी बना लिए गए थे के पुत्र विपुल पुरोहित ने बताया, युद्धबंदियों के परिजन समय-समय पर अपनों के वहां होने के सबूत देते रहते हैं. इस वक्त पाक जेल में 17 आर्मी अफसर, 12 सिपाही, 24 एयर फोर्स अफसर और एक नेवी अफसर बंद हैं. इस तरह से पाकिस्तान की जेलों में कुल 54 युद्धबंदी बंद हैं. एक युद्धबंदी के परिवार में पाकिस्तान से आए एक खत को भी सबूत के तौर पर रखा जा चुका है. लेकिन पाक किसी भी सबूत को मानने से इंकार करता रहा है. हम केन्द्र सरकार से मांग करते है कि वो हमारे परिजनों को रिहा कराने का मामला भी इंटरनेशनल कोर्ट में उठाए. हम सभी युद्धबंदियों को वापस लाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. वहीं पाक की जेल में बंद 15 पंजाब रेजीमेंट के मेजर एसपीएस बराइच की बेटी डा. सिम्मी कहती हैं कि अब ये ही वो वक्त है जब एक बार फिर जोरदार तरीके से 1971 के 54 युद्धबंदियों की रिहाई का मामला उठाया जा सकता है. Input : News18