पुलवामा हमले के बाद पूरे भारत के खिलाफ आक्रोश भरा हुआ था जिसके चलते वो सरकार से जल्द से जल्द कड़ा जवाब देने की गुज़ारिश कर रहे थे। आखिरकार सरकार ने देशवासियों की सुनी और पाकिस्तान को जवाब दिया। जवाब में इंडियन एयर फोर्स ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में हमला कर तीन आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। अनौपचारिक तौर पर इसे नाम दिया गया सर्जिकल स्ट्राइक 2.O। जैसे ही इस हमले की बात सामने आयी वैसे ही पूरे पाकिस्तान में बौखलाहट शुरू हो गई। फिर क्या मीडिया, क्या सोशल मीडिया और क्या वहां के नेता, सब के सब भारत के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। लेकिन हमला इंडियन एयरफोर्स ने किया था, जो सबसे पहले जवाबदेही प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री की थी। दोनों ने अपने-अपने हिसाब से इस हमले के बारे में बात की। लेकिन इस हमले पर सबसे बड़ी जवाबदेही पाकिस्तानी सेना की थी। तो पाकिस्तान की सेना की तरफ़ से डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर मीडिया के सामने आए और इस हमले के बारे में तफ्सील से बताया। गफूर ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा जवाब देगा कि भारत देखता रह जाएगा। डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत की मीडिया के स्क्रीन शॉट्स दिखाते हुए बताया कि भारत का दावा है कि उनकी एयरफोर्स ने 21 मिनट तक पाकिस्तान में बन गिराए और 350 आतंकी मार दिए। लेकिन भारत के दावे को खारिज करते हुए गफूर ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स की हिम्मत नहीं है कि वो 21 मिनट तक पाकिस्तान में रह सकें। गफूर का दावा है कि 14 फरवरी के बाद दोनों देशों की एयरफोर्स तैयार थी। इंडियन एयरफोर्स का पहला फाइटर प्लेन 26 फरवरी की सुबह लाहौर सियालकोट बॉर्डर के पास देखा गया और हमारे राडार ने इसे पकड़ा। इसके बाद दूसरा फाइटर प्लेन भी दिखा तो पाकिस्तान एयरफोर्स की टीम ने उसे जवाब दिया। पता चला कि इंडियन एयरफोर्स की तीसरी टीम मुजफ्फराबाद सेक्टर में किरन वैली की तरफ से आ रही है और ये बड़ी टीम है। इसके बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने इसे चैलेंज किया तो इंडियन एयरफोर्स एलओसी पार कर गई। गफूर का दावा है कि इंडियन एयरफोर्स के आने-जाने का कुल टाइम सिर्फ 4 मिनट रहा है और जब पाकिस्तान ने जवाब दिया तो वो भाग गए। भागते हुए उन्होंने खाली जगह पर चार बम गिराए और इन्होंने किसी को भी टारगेट नहीं किया। गफूर के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स का मकसद किसी ऐसी जगह पर हमला करना था, जो सेना का न हो और जिससे दावा किया जा सके कि ये आतंकी थे, जो मारे गए। उनका मकसद सिर्फ सियासी फायदा लेना था। गफूर ने कहा कि अगर इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान की एयरफोर्स या मिलिट्री पर हमला किया होता, तो उसे जवाब मिला होता। तस्वीर गफूर के दावे को झुठलाने के लिए काफी है. सच तो ये है कि इंडियन एयर फोर्स के इस हमले से पाकिस्तान बौखला गया है। डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने अपनी मीडिया से कहा कि वो चाहते थे कि पत्रकार उस जगह पर जाएं, जहां भारत ने बम गिराए हैं। लेकिन मौसम खराब होने की वजह से वो प्लेन से मीडिया को वहां नहीं ले जा सकते। रोड से जाने की बात पर गफूर ने कहा कि जब तक रोड से मीडिया वहां पहुंचेगा, अंधेरा हो जाएगा। इसके बाद गफूर ने धमकी देते हुए कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि हम ऐसा कदम उठाएंगे कि आपको आश्चर्य होगा तो आप इसका इंतजार करिए। मैंने कहा था कि जवाब मिलेगा, तो जवाब मिलेगा और अलग तरीके से मिलेगा, इसका इंतजार करिए। गफूर ने कहा कि भारत ने लड़ाई का रास्ता चुना है तो हम पीछे नहीं हटेंगे।27 फरवरी को संसद का जॉइंट सेशन है। इसके बाद फैसला लिया जाएगा। अवाम तैयार है, पाकिस्तान के लोग तैयार हैं और एक जुट हैं। अब भारत को पाकिस्तान के जवाब का इंतजार करना है। जवाब मिलेगा और तब मिलेगा जब हम चाहेंगे. इसके लिए अगले 24 घंटे का इंतजार करिए। जब पाकिस्तानी मीडिया ने सवाल किया तो गफूर ने जवाब देते हुए कहा कि हम इन बंदरों को शांत कर देंगे, लेकिन उस तरह से नहीं, जैसा वो चाहते हैं. हम हमला उस तरह से करेंगे, जैसा हम चाहते हैं। हम ये ज़रूर करेंगे और पूरी दुनिया इसे देखेगी। हम दुनिया को दिखाएंगे कि भारत क्या चाहता है। पलटकर हमला न करने पर गफूर ने कहा कि अगर इंडियन एयरफोर्स के फाइटर प्लेन पाकिस्तान में कुछ वक्त तक रहते तो हम उन्हें मार गिराते। लेकिन वो तो आए और चले गए। हम भी चाहते तो बॉर्डर पार करते और भारत पर हमला कर देते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, क्योंकि हमने पहले भी कहा था कि हमारा जवाब अलग तरीके का होगा। इसलिए आप इंतजार करिए. पाकिस्तान भारत को हर तरीके से जवाब देगा। लेकिन अपनी मीडिया से बात करते हुए गफूर ये भूल गए कि इंडियन एयरफोर्स पाकिस्तान में घुसी थी और पाकिस्तानी एयरफोर्स उसे छू भी नहीं सकी। गफूर को इतना ही पता होना चाहिए था कि जो पाकिस्तानी सेना खराब मौसम में अपने हेलिकॉप्टर नहीं उड़ा सकती, वो भारत पर हमला क्या करेगी और रही बात बंदरों को शांत करने की, तो शायद गफूर ने रामायण भी नहीं पढ़ी होगी, जिसमें एक बंदर ने सोने की लंका को राख में मिला दिया था। उस लंका को, जिसके राजा के झूठे अभिमान का सिक्का उस वक्त पूरी दुनिया में चलता था। आज पूरे हिंदुस्तान में उस बंदर की पूजा होती है और लोग उन्हें महावीर, हनुमान जैसे कई और नाम से जानते हैं। अगर गफूर ने या फिर पाकिस्तानी मीडिया ने उस भारतीय बंदर की कहानी पढ़ी होती, तो वो इंडियन एयरफोर्स को बंदर कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।