नवज्योति इंडिया फाउंडेशन (Navjyoti India Foundation) एक गैर-लाभकारी संगठन है। जिसकी शुरुआत 1988 में प्रथम महिला आईपीएस (IPS) डॉ. किरण बेदी और दिल्ली पुलिस के 16 पुलिस अधिकारियों की टीम के द्वारा भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, निरक्षरता, भेद-भाव, जैसी समाज में फ़ैली विकृतियों को एक जुट होकर सामना करने और इनको दूर करने का एक प्रयास है। नवज्योति इंडिया का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली विकृतियों का एक जुट होकर सामना करने के लिए लोगों को जाग्रत है। नवज्योति इंडिया फाउंडेशन सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को चुनौती देने और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर समाज के कमजोर वर्गों को सक्षम करने के लिए कार्यरत है। अपराध, रोकथाम और समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास के एक अंतिम उद्देश्य के साथ निरक्षरता, अज्ञानता, लिंग भेदभाव और नशीली दवाओं की लत की बुराई के लिए बच्चों, युवाओं, महिलाओं और लोगों की शक्ति को संगठित करके इन बुराइयों को समाज से दूर करना ही नवज्योति इंडिया फाउंडेशन का एक मात्र लक्ष्य है। ये भी पढ़ें : दिल्ली के ये 10 NGO’s जो हर रोज़ बदल रहे हैं लाखों ज़िंदगियाँ “Navjyoti India Foundation - Towords self-reliance” न केवल एक NGO है बल्कि यह एक प्रयास है खुद को कमज़ोर समझने वालों को आत्मनिर्भर बनान का। आज हम ऐसे ही एक कमज़ोर वर्ग के बच्चे की कहानी आपसे साझा करने वाले हैं, जिसने नवज्योति इंडिया की सहायता से खुद को आत्मनिर्भर बनाया और अब वह अपने जैसे कई बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें नई ज़िंदगी की दिशा देने की कोशिश कर रहे है। 14 वर्ष का रिज़वान आज एक आत्मनिर्भर बच्चा है। जो खुद तो पढ़ता ही है पर वो अपने जैसे कई बच्चों को पढ़ाता है और उन्हें पढ़ाई का महत्त्व समझता है। रिज़वान के माता-पिता दोनों ही मज़दूर वर्ग के हैं और दोनों मज़दूरी कर के अपने परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं। रिज़वान अपने चार भाइयों और दो बहनों के साथ रहते हैं। रिज़वान भी उन अंधियारी गलियों में ज़िंदगी गुज़ार रहा था जहाँ न तो शिक्षा का प्रकाश था और न ही उसके टैलेंट की कद्र। लेकिन जिस दिन वह नवज्योति इंडिया फाउंडेशन से जुड़ा तो मानों उसकी ज़िंदगी बदल सी गई। आइये जानते हैं रिज़वान से ही नवज्योति इंडिया फाउंडेशन के साथ उसके सफ़र के बारे में - मेरा नाम रिज़वान है और मेरी उम्र 14 साल है। मैं कक्षा नौ का छात्र हूँ। मेरे पिता का नाम ईशा मोहम्मद और माता का नाम खुसबूदा हैं। मेरे माता पिता दोनों ही मज़दूर हैं और मज़दूरी करके ही हमारे परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मैं अपने चार भाइयों और दो बहनों के साथ रहता हूँ। मुझे किताबें पढ़ना और कार्टून देखना बेहद पसंद है। मुझे पढ़ना बेहद पसंद था लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मुझे अपने टैलेंट दिखने और पढ़ने की सुलभ सुविधाएँ नहीं मिली। फिर मेरी मुलाक़ात नवज्योति इंडिया से हुई। नवज्योति से जुड़ने के बाद मानों मेरी पुरानी ज़िंदगी अब नई सी हो गई थी। उस वक़्त में कक्षा दो में पढ़ता था और तभी से में नवज्योति के साथ जुड़ा हुआ हूँ।रिज़वान
“नवज्योति इंडिया फाउंडेशन ” के साथ रिज़वान का सफ़र रिज़वान की ज़ुबानी
नवज्योति ने मुझे शिक्षा की अहमियत बताई और साथ ही जीवन में आत्मनिर्भरता का महत्त्व भी समझाया। आज मैं जो भी हूँ और मैंने जितना सीखा है सब नवज्योति इंडिया फाउंडेशन की वजह से ही सीखा। मैं नवज्योति रेमेडियल एजुकेशन प्रोजेक्ट में एक सक्रिय और नियमित छात्र हूँ। साथ ही मैं नवज्योति बाल गुरुुकुल से जुड़ा हुआ हूँ और नवज्योति के नेतत्व में ही मैं आज 25 छात्रों को पढ़ा रहा हूँ। नवज्योति की वजह से ही आज मैं आत्मनिर्भर बन पाया हूँ। मैं जो वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में जी रहा हूँ उसकी मैंने बचपन में कभी कल्पना भी नहीं की थी।
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नवज्योति रेमेडियल एजुकेशन प्रोग्राम मॉडल ने मुझे मेरे अकादमिक में दृढ़ नींव बनाने में बहुत मदद की जिसकी वजह से मेरी प्रतिभा निखर के सामने आयी और मैं हर दिन अपनी प्रतिभा को एक नई दिशा दे रहा हूँ। NGO से जुड़ने के बाद मैंने कई ऐसे सफलताएं हासिल की जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।साथ ही मैंने कई कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी भी सुनिश्चित की है और कक्षा उपस्थिति में पहला पुरस्कार भी जीता।एक समय ऐसा था जब मैं किसी के बात करने में भी डरता था पर नवज्योति से जुड़ने के बाद शिक्षा के क्षेत्र से साथ साथ मेरे आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई और आज मैं किसी के भी सामने अपना पक्ष रखने से नहीं कतराता।
नवज्योति इंडिया का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली विकृतियों का एक जुट होकर सामना करने के लिए लोगों को जाग्रत है। नवज्योति इंडिया फाउंडेशन सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को चुनौती देने और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर समाज के कमजोर वर्गों को सक्षम करने के लिए कार्यरत है।
अपराध, रोकथाम और समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास के एक अंतिम उद्देश्य के साथ निरक्षरता, अज्ञानता, लिंग भेदभाव और नशीली दवाओं की लत की बुराई के लिए बच्चों, युवाओं, महिलाओं और लोगों की शक्ति को संगठित करके इन बुराइयों को समाज से दूर करना ही नवज्योति इंडिया फाउंडेशन का एक मात्र लक्ष्य है।