पिता साथ हो तो रहे, इक सुंदर अहसास।
'कल्पतरु' जैसे कोई, हो बच्चों के पास.
पिता नारियल की तरह, करें बात पर गौर.
भीतर शीतलता भरी, बाहर भले कठोर।
पिता सदा ही प्रिय रहे, ज्यों बरगद की छाँव।
लगा दिया घर के लिए, अपना जीवन दांव।
जिनके कांधों ने दिया, हमको इक आकाश.
भूल नहीं सकते कभी, अपना वो इतिहास.
माता से ममता मिले, और पिता से दाम .
दोनों से मिल कर बने, जीवन सुख का धाम .
पिता साथ में हैं अगर, जीवन लगे सनाथ.
दुनिया के संघर्ष की, ताकत अपने हाथ.
घर-आंगन को सींचते, पिता सदा दिन-रात.
माता उसे संवारती, बिगड़े ना फिर बात.