बिना अपराध किये किसी को सजा नही देत ईश्वर प्राकर्तिक आपदा में मनुष्य अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा है फिर वो चाहे नदी इत्यादि को गंदा करना हो या फिर वृक्षों की कटाई इत्यादि इंसान यह नही जानता की "प्रक्रति ही देवी का रुप है " जिस प्रकार अलग-अलग वृक्षों की पूजा इत्यादि करी जाती है व उनमे ईश्वर का वास माना जाता है ठीक उसी प्रकार अगर ईश्वर के बनाये प्रक्रति या प्रक्रति के नियम के साथ कोई छेड़ छाड़ करेगा तो आपदा जैसे परिणाम तो देखने को मिलेंगे ही विज्ञान चाहे इस बारे में कुछ भी अपने तर्क रखे किन्तु सबसे बड़ा वैज्ञानिक तो ईश्वर ही है और यहां उसी की सत्ता चलती थी और चलती रहेगी |