दिन की शुरुआत होने से पहले हम नाजाने कितनी गलतियाँ करते है फिर वो चाहे कही से हमे कुछ खरीदना हो या किसी बाजार इत्यादि में से कुछ सामग्री लानी हो या किसी के पास बैठना हो गली मोहल्ला या फिर पड़ोस में आदि "शब्दों में शिस्टाचारिता अगर किसी इन्सान के पास मौजूद है तो उसके जीवन की दैनिक या फिर कैसी भी शुरूआत हो अव्वल ही उसका परिणाम आयेगा अस्त्रों शास्त्रों से ज्यादा खतरनाक होते है शब्दों के बाण इसलिये मधुर बोलिए मधुर बनिये मधुर रहिये मधुर ही जीवन को बनते देखिये "|