हर साल हम विजयादशमी का त्योहार बड़े हर्षोलास के साथ मनाते है और संकल्प लेते है की जिस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं दशहरा ठीक उसी प्रकार हम भी अपने मन की व्याधियों को समाप्त कर नेक इंसान बने किंतु ऐसा केवल भाषण में ही देखने को मिलता है की इन्सान को नेक होना चाहिये नेक कर्म करना चाहिये वगेराह वगेराह पर इन बातों पर चलने के लिये कोई तय्यार नही है जिस प्रकार रावण के दस सिर थे उसी प्रकार देश में आज भी दस सिर वाले रावण हैं जिनमे उनके कार्य है 1भ्रष्टाचार 2 लूटमार 3 हत्या 4डकैती 5राजनीती का दुरुपयोग 6धन से इंसान को कमजोर करना 7अपने अधिकारों का दुर्पयोग 8बढ़ती जनसंख्या 9बेरोजगारी 10 भूखमरी ये ऐसी दस सिरों वाली रावण रुपी समस्या है जिनका जल्द से जल्द अग्नि में होम कर समस्या का समाधान नही किया गया तो रावण का अंत नही हो सकेगा ये ही समस्या आज की असल जीवन में सबसे बड़ा रावण साबित हो रही हैं |