वैसे तो सभी बुधिजीवी नारा लगाते रहते है की शिक्षा सभी को मिलनी चाहिये शिक्षा में सभी का अधिकार है पर अगर देखा जावे तो कहने और करने में बहुत अन्तर है आज जहां सब कुछ बिजनस बन चुका है अगर उसको मद्देनजर रख कर के बात करे तो तमाम स्कूल,कॉलज वालों ने फीस इतनी महँगी कर दी है की एक बच्चे को सही से पढ़ाने के लिये परिवार कि खराब हो जाती है पता नही किन किन कठिन परिस्थितियों से माता पिता बच्चे को पढ़ाते है कोई अपनी जमीन गिरवी रखता है तो कोई मजदूर बनकर के अपने बच्चे को पढाता है किन्तु स्कूल,कोलेज बन रहे ऐसे बिजनस जिसने लोगो को कहीं का नही छोड़ा "भारत में स्नातक तक सबको मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिये |" इसके लिये सरकार को नियम भी बनाना चाहिये ताकि प्रतिभा पैसों की कमी के कारण दब के ना रह जाये |