सरकार जिसे जनता अपने चुनाव से पांच वर्ष के लिये कुर्सी पर बिठाती है की वो उनके लिये कुछ अच्छा करेगी किंतु देखने वाली बात यह है की जिसे भी कुर्सी पर बैठा दो वो केवल और केवल पांच वर्षों में कितना पैसा कमाना है और किस अक्ल्बन्दी से जनता का बेवकूफ बनाना है वो केवल इन्हीं पांच वर्षों में यही सोचता है अब बात करे न्यायपालिका की तो न्यायपालिका जिस पर सभी को भरोसा होता है की वह हमारे साथ न्याय करेगी किन्तु यहां भी आलम यह है की जिसके पास पैसा है उसी का वकिल है उसी का न्याय है गरीब जनता का यहां कोई नही है वो सदा पिसती है और सदा पिसती रहेगी |