हर इंसान अपनी आजिविका को चलाने के लिये नित्य निरन्तर कठोर परिश्रम कर धनोपर्जन करता है | व अपने परिवार के भरण पोषण के लिये हर रोज कुछ ना कुछ करता ही रहता है | ताकि उसका परिवार खुशहाल रहे | किंतु जो इंसान संपन्न है | और दान इत्यादी देने के लिये प्रतिबध है | उनको कही न कही अपनी पूंजी का निवेश मानव हित में अवश्य करना चाहिये | ताकि समाज में उनका एक अग्रिणम स्थान बना रहे | आप चाहे कितना भी धनोपर्जन कर ले | पर अगर धरती पर आपने किसी की मदद नही की तो आप पशु समान है | इसलिये ध्यान रखे की "मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा हैं |" जो अपने धन का हिस्सा मानवीय पूंजी में निवेश करता है | वह सदा संपन्न और खुशहाल जीवन व्यतीत करता है |