जिस प्रकार इंसान को ऊर्जा प्राप्त करने के लिये भोजन की आवश्यकता होती है व उसी भोजन को प्राप्त कर हमारे शरीर को शक्ति मिलती है ठीक उसी प्रकार प्रकृति को संचालन करने वाली शक्ति का नाम मां दुर्गा है | " इन्सान के उदर की भूख जिस प्रकार भोजन मिटाता है ठीक उसी प्रकार इंसान के शक्ति का संचालन मां आदिशक्ति करती है गर शक्ति इस धरती पर क्षीण हो जाये तो इन्सान किसी भी कार्य को करने में असमर्थ हो जायेगा | " जिस प्रकार शिव के बिना शक्ति है अधूरी ठीक उसी प्रकार शक्ति के बिना है शिव अधूरे "| इस धरती पर माँ दुर्गा की दस महाविद्यायाये है जो अलग-अलग नामों से प्रख्यात है जिनकी उपासना तंत्र व मंत्र आदि से होती है और जो की इस धरती का संचालन से लेकर दुष्टों का विनाश तक कर देती है | हर साल आने वाली शारदिय नवरात्रो
में माता के विभिन्न स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा अर्चना करी जाती है लोग उन्हें तंत्र मंत्र इत्यादि से प्राप्त करने के लिये पूजा अर्चना करते हैं |