किसी भी विषय या वस्तु मे इंसान की औकात की रूपरेखा को देखने व दिखाने के लिये जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे शर्त कहते है अब बात करे बिना शर्त के प्यार की तो बिना शर्त के आज की दुनिया में कुछ भी संभव नही है बिना दहेज के विवाह संभव है नही आज की दुनिया में भले ही विवाह वर व वधु के बीच एक पवित्र रिश्ते का नाम हो किन्तु शर्त कहीं ना कहीं जरुर होती ही है भले वो चाहे भूमि,वस्त्र, शोहरत,गाड़ी,बंग्ला रुपया पैसा महल और हवेली ही क्यों ना हो बिना शर्त के प्यार का मतलब है की जिसमे औकात और हैसियत शब्दों का प्रयोग नगण्या हो उसे हम बिना शर्त का प्यार कह सकते है जो की आज की दुनिया में होना काफी मुश्किल सा प्रतित होता है प्यार शब्द की अगर व्याख्या करे तो प्यार एक बहुत ही पवित्र शब्द हैं जिसमें की एक मां का अपनी सन्तान से एक मित्र का दूसरे मित्र से एक शिक्षक का अपने छात्र
से एक गुरु का अपने शिष्य से होता है उसी को हम प्यार कहते है लेकिन आज की इस दुनिया में प्यार जैसे पवित्र शब्द में कामवासना का समावेश हो चुका है जिसे आज के कुछ बुधिजिवी लोग ही प्यार का नाम देते है और इसमें ही फँसकर लड़का और लड़की अपना सर्वनाश कर लेते है और अपने माता-पिता व सगे सम्बनधियों को नर्क के रास्ते पर ढकेल देते है |