महिला क्या है- माँ की कोख से पैदा हुई नन्ही सी परी पापा की उंगली पकड़कर जो थी चली जिसने अपने चरणों से किया था खुशियों से सराबोर अपने घर को माता व पिता के सपनों को पूरा किया था जिसने अपने संघर्षों से एक जोड़े में जब चली विदा होकर के दूसरे घर तमाम संघर्षों को परास्त कर हर पल जो कठिनाईयों से है लड़ती रहती है वो एक महिला होती है |
एक महिला जितना संघर्ष अपने जीवन में करती है पुरुष उसकी बराबरी नही कर सकता है वो इसलिये जहां महिला पूरे घर की जिम्मेदारी को साथ लेकर के चलती है वही साथ साथ बच्चों की देखभाल भी करती है उनको स्कूल भेजने से लेकर उनको पढ़ाने तक का भी कार्य करती है पुरुष जहां एक ही कार्य पर निर्भर रहता है वही महिला अपने दोनो हाथों से सहस्त्र भुजाएँ तक का कार्य करती है अर्थात दो हाथों से सभी कार्य एक साथ कर लेती है वो चाहे परिवार हो समाज हो या कहीं कुछ भी क्यों ना हो महिला हर असंभव कार्य को संभव बना देती है शायद इसलिये ही इसे जगदंबा का अवतार कहां जाता है रही बात महिला की सुरक्षा की तो आगे यही लिखता हूं की महिला कमजोर नही है यह आदिशक्ति का रूप है दुष्ट प्रवर्ति लोग जब ज्यादा अमानवीय
कार्य को अंजाम देंगे तो यह मां काली का रूप धारण कर उनका विध्वंंस करने में देरी भी नही लगाएगी |