बालिका क्या है- सही मायने पर अगर बात करे तो बालिका माँ भगवती का रुप है जो की जिस भी घर में जन्म लेती है तो उस घर को खुशियों से भर देती हैं किन्तु अभी भी कुछ ऐसी मानसिकता के लोग है जो की बेटी को बोझ समझते है तो आप यहां से अंदाजा लगा सकते है की बेटी किसी भी घर में जन्म ले ले वो चाहे किसी की आर्थिक स्थिति खराब हो या सम्पन्न एक बेटी अपने माता पिता के साथ बेटे से भी एक उँचा दर्जा निभा देती हैं जहां आज हर कार्य में बेटियों ने बेटों को कई कोस पीछे छोड़ अपनी शक्ति का प्रदर्शन दिखाया हैं शायद इसलिये ही एक बेटी को लक्ष्मी व दुर्गा दोनों का रूप कहां गया है और इसी के सम्मान में अन्तराष्ट्रीय बालिका दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता हैं इसलिये अगर बेटी को उत्तम संस्कार व उत्तम कोटि की विद्या मिले तो वह आसमान भी छूने की ताकत रखती हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आप आज की दुनिया में देख रहे है बेटियों का वर्चस्व |