आज़ादी के ७५वें साल में,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मनायेंगे।
याद करेंगे बलिदानों को,
शहीदों के आगे शीश झुकायेंगे।।
लेंगे सीख इन बलिदानों से,
उनके आदर्शों को अपनाएंगे।
खूब करेंगे मेहनत हम सब,
देश को समृद्ध बनायेंगे।।
हिन्दू ,मुस्लिम,सिक्ख,इसाई,
सब मिलजुल कर रह पाएँगे।
एक दूसरे की मदद करेंगे हम,
शसक्त समाज बनायेंगे।।
खूब पढ़ेंगे, खूब लिखेंगे,
धर्म के नाम पर नहीं लड़ेंगे।
एक दूसरे की ताकत बनकर,
विश्व में अपना नाम करेंगे।।
अनेकता में एकता पिरोकर,
विविध संस्कृतियों को अपनायेंगे।
कठिन परिश्रम के मूल मंत्र से,
भारत को विश्व गुरु बनायेंगे।।
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर