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Behtarin collection👌🏻👌🏻👌🏻💗
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<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85
<p><br></p> <p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e0
<div align="left"><p dir="ltr">उतार चढ़ाव सी भरी जिंदगी<br> कर ले ईश्वर की हम बन्दगी<br> दो दिन है खु
<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85c9
<p>सुबह जल्दी उठकर सोनम ने राज के साथ योगा और फिर चाय साथ में पीते हुए कहा कि लगता है कि इस महीने का
<div><br></div><div> </div><div> महेश स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से सहायक महाप्रबं
<div align="left"><p dir="ltr"> अरे अभागन तूने तो जन्म लेते ही अपनी माँ को खा दिया था, त
<div> </div><div><br></div><div>वो अपनी दुनिया में मशगूल हो गए</div><div>उनकी एक झलक देख
<div> </div><div>कुमुद ने बीएससी बायोलॉजी से की थी उसके बाद उसकी शादी हो गई कुमुद का पति
<div><br></div><div><br></div><div><b>(पति पत्नी से )</b></div><div><br></div><div>चलो कुछ पल साथ बि
<div><br></div><div><span style="font-size: 1em;">अरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर
<div> उम्मीद </div><div><br></div><div>नरेश और महेश बृजेश तीनो परम् मित्र थे,
<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01
<div> </div><div><span style="white-space:pre"> </span>रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को म
<div> <span style="font-size: 1em;">भास्कर रेलवे में क्लर्क के पद से सेवानिवृत्त होकर देहरादून
<div align="left"><p dir="ltr"><i><b><u>बेटी की </u></b></i><i><b><u>सीख</u></b></i><i><b><u>( </u><
<div><b> (दूसरा दृश्य )<
<div> </div><div>सुमेश दिल्ली में एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम करता था। लॉकडाउन के दौरान सब घर प
<div> विकास नहा कर बाथरूम से बाहर निकला देखा तो फोन पर दो मिस कॉल आई थी उसने चेक किया तो
<div> <span style="font-size: 1em;">अनूप अपने गाँव बहुत सालों बाद गया, वँहा जाकर उसने देख
<div><br></div><div><u> </u></div><div><u> मंगलू रोज की तरह जल्दी उठकर 15 लीट
<div><br></div><div> मंगलू ऋषिकेश बस अड्डे पर बैठा हुआ है, दिल्ली, सहारनपुर, रूड़की, जाने वाली च
<div><br></div><div> मंगलू इधर विधायक जी का इंतजार कर रहा है, उधर घर में दर्शनी ने
<div> <span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;"> राजन
<div> </div><div> बलवंत अपनी नौकरी से शाम को घर आया तो उसके लिए गॉव से साली के बेटे
<div> मेंहदी (भाग -2)</div><div><br></div><div> इधर दूसरे कक्ष में दूल्हे को
<div> <img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85c9d58
<br style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Calibri, "sans-serif"; font-size: 14.6667px;"
<div> सीडीएस श्री बिपिन रावत को सपत्नीक सभी सैन्य कर्मियों को भाव भीनी श्रद्धांजलि।</div><div><
<div> जब तक फूफा जी ससुराल के अकेले जवाई और जीजा जी थे तब तक तो उनकी खातिरदारी और रूठना चलता रह
नवीन के पापा शहर के मंत्री नये नये निर्वाचत हुये, नवीन कॉलेज जाता था, वहॉ वह भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहता। पापा के मंत्रीबनते ही उसके रंग और ढंग बदल गये, अब वह कॉलेज का जाना माना चेहर
रौनक शिवम और अनु तीनों एक कोचिंग सेण्टर में कोचिंग ले रहे हैं, तीनों के पिताजी अच्छी पोस्ट पर हैं। रौनक अच्छे परिवार से है, े पिताजी सरकारी विभाग में उच्च पद पर हैं, वहीं शिवम के पिताजी एक बिजने
सपनों की वो सड़कअरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर म कहते हुए राजन की मॉ ने राजन को उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है। देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज रंजन की कानों मे
फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से
फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जी
<div><u> </u><span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: -apple-system, ".SFNSText-Regular", "San Francisco", Roboto, "Segoe UI", "Helvetica Neue", &
सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च
रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े
काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज
कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs
सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर
सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर
अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का 
सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध
*छांव* वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव
मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स
विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन
बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत
हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स
अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर
कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल
घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,
रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय
रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया
नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या
बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें
रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो
कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल
अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत
मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह
गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे
हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू
हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन
दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत
मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म
भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते
ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर
शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब
रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,
सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा 
राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे