हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 50
अब तक आपने पढ़ा सलमा और लोरी दोनों स्टेडियम पहुंच जाते हैं जहां सब लोग स्पोर्ट्स की तैयारी में बिजी हैं,,, अब आगे 👉
एक उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है बच्चे प्रैक्टिस में लगे हुए हैं चारों तरफ़ डेकोरेशन का काम भी चल रहा है,,,,,आर्मी की टीम आई हुई है कहां क्या होना है डिस्कशन जारी है,,! नूरी यह सारी चीजें बहुत चाव से देख रही है उसके लिए यह सब बिल्कुल नया है,,,!
नूरी और सलमा भी अपने अपने स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस कराने में बिजी हो जाती हैं,,, आज प्रिंसिपल मैम भी राउंड पर है सब लोग बड़ी लगन से काम करते हुए देखकर वह बहुत खुश होती हैं,,!
और एक अनाउंसमेंट कराती हैं,, आप सब लोग थक गए होंगे सुबह से सब लोग बिजी हैं इसलिए 15 मिनट का ब्रेक लें लें और चाय नाश्ता लेने के लिए हॉल में जमा हो जाएं,,!
ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ अनाउंसमेंट सुनकर हॉल की तरफ़ चल पड़ता है और आपस में अपनी बातें करते हुए कुछ लोग कहते हैं सच में इस व़क्त चाय की बड़ी जरूरत थी,,,!
वैसे भी छुट्टी होने में थोड़ा ही समय बाकी है,,, पर जाते ही काम करने का मूड नहीं यहीं पर इतना थक चुके हैं घर जाते ही आराम करने को दिल कर रहा है,,!
नूरी अरे दो दिन की ही तो बात बच्ची है,,,, अब एक बार सारा काम हो जाए फिर आराम ही आराम ही करना है,,, !
हां भाई स्पोर्ट्स के बाद 2 दिन की छुट्टियां,,, फिर सेकंड सेटरडे संडे,,, जितना मर्ज़ी आराम करो,,,,!
नूरी तेरा क्या इरादा है,,,?
इन छुट्टियों में मैं यहीं रहूंगी,,,! मुझे यहां रहकर बहुत सा काम निपटाना है,, सलमा तू भी घर जाएगी या रहेगी यहां,,,?
नहीं यार तुझे पता है ना मेरी शादी फिक्स हो गई मुझे यहां रह कर शॉपिंग करनी है,,,!
तब ठीक है हम दोनों मिलकर शॉपिंग करेंगे,,,, वैसे भी मुझे बहुत सी जगह देखनी है अभी जब से आई हूं घूमने को नहीं मिला,,,!
हाल में पहुंचकर सब लोग चाय नाश्ता करते हैं और फिर अपने अपने घर की तरफ चल पड़ते हैं,,,, नूरी और सलमा के साथ विजय बाला मैडम भी उनके साथ हैं,,,!
नूरी जब अपने कमरे पर आती है तो देखती है शमीम वहां पर उसका इंतजार कर रहा होता है,,,, नूरी को देखते ही खुश हो जाता है,,,, देखो आज मैं तुमसे मिलने पहुंच गया हूं,,,,!
नूरी अरे एक फोन करके बता दिया होता,,,, शमीम बता देता तो सरप्राइस खत्म हो जाता ना,,, फिर मैं तुम्हारे चेहरे पर फ़ैली ये मुस्कान कैसे देखता,,,? नूरी दरवाजा खोलती है और शमीम को अंदर बुलाती है,,, और मुस्कुरा कर कहती हैं,,, वैलकम शमीम,,,!
नूरी बोलो क्या खाओगे शमीम,,?
गरमा गरम चाय के साथ जो भी प्यार से खिला दोगी हम खा लेंगे,, वैसे तुम कहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं,,,!
दोनों मिलकर ढेर सारी बातें करते हैं नूरी पूछती है यूं अचानक आने का प्रोग्राम कैसे बना लिया,,,?
मिलने को दिल कर रहा था तुमसे,,,, फिर तुम्हारा कैंपस देखना था ,,,,तुम तो फोन पर भी बहुत कम बात करती हो,,,, और वीडियो कॉल तो उठाती ही नहीं मिलने ना आता तो क्या करता,,,!
"नहीं आना चाहिए था क्या,,?"
"नूरी मैंने ऐसा कब कहा,,?"
अब तुम्हारे बिना नहीं रहा जाता जल्दी शादी के लिए हां बोल दो यार,,,,,! नूरी उसकी बातों पर हंसने लगती है,,, और कहती है चलो मैं तुम्हें अपना कैंपस घुमाती हूं,,!
और दोनों घूमने निकल पड़ते हैं,,,! शमीम कहता है बहुत अच्छी जगह तुम्हारा स्कूल है लोकेशन्स भी बहुत अच्छी है,,,!
बहुत खूबसूरत फूल लगे हैं चारों तरफ़,,, वह एक फूल तोड़ कर नूरी को देता है,,,! और नूरी की आंखों में आंखें डाल कर कहता है मेरा प्यार कबूल करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया,,,!
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक
हमें मिलना ही था 💕
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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