हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 51
अब तक आपने पढ़ा,,,शमीम,,,,, नूरी की आंखों में आंखें डाल कर कहता है मेरा प्यार कबूल करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया,,,!
अब आगे 👉
नूरी भी मुस्कुरा कर उसकी तरफ़ देखती है,,,! और बात बदलते हुए कहती है
ये जगह कैसी लगी तुम्हें,,,?
तुम से ज्यादा अच्छा कुछ भी नहीं,,,!
नूरी,,, फिर बात बदलते हुए कहती है,,,,ये सब चीजें मुझे बहुत पसंद हैं,,, थ्री बेडरूम सैट,,, बड़ा सा किचन कुलमिलाकर घर भी बहुत अच्छा है,,,! मेरा तो बहुत दिल लगता है यहां,,, शमीम हां मुझे भी बहुत पसंद आया,,,!
वैसे तुम्हारा साथ हो तो मैं जंगल में भी ख़ुश रह सकता हूं,,,!
फिर वह नूरी का हाथ अपने हाथों में लेकर कहता है,, तुम नहीं जानती नूरी मैं कितना खुश हूं तुमसे शादी करने की मेरी ख़्वाइश आज से नहीं उसी दिन से है जिस दिन से मैंने तुम्हें कॉलेज में पहली बार देखा था,,,!
मैं जल्दी से जल्दी तुम्हें जिंदगी की हर खुशी दे देना चाहता हूं,, कल मेरे पापा तुम्हारे अब्बा जान से हमारी मंगनी की बात करेंगे,,,,,,,, मैंने सोचा एक बार तुमसे मिलकर फिर से पता कर लूं,,, तुम खुश तो हो ना,,!
नूरी,,,, आजकल मैं बहुत खुश हूं,,,, तुम क्यों परेशान हो रहे हो,,,,, तुमसे शादी का फैसला मैंने बहुत सोच समझ कर लिया है,,,,,,,मैं जान चुकी हूं तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो और मुझे खुश देखने के लिए सब कुछ जानते हुए भी मुझसे शादी कर रहे हो,,,!
ठीक है नूरी मैं चलता हूं,,,,, अपना ख़्याल रखना,,,, अब तो मैं जल्दी-जल्दी तुमसे मिलने आता रहूंगा,,, बोलो क्या ख्याल है,,,?
ज़रूर आना मैं भी तुम्हारा इंतज़ार करूंगी,,,!
शमीम मूवी से विदा लेकर चला जाता है और नूरी अपने कमरे में बैठी हुई शमीम की कही गई बातों पर सोच रही है शमीम कितना प्यार करता है मुझे मैंने कभी महसूस ही नहीं किया आज जब सोचती हूं तो कॉलेज की हर बात याद आती है कितना ख्याल रखता था यह कॉलेज में मेरा,,,!
नूरी समीर के ख़्यालों में गुमसुम है और अब्बू जान का फोन आ जाता है,,,! कैसी है मेरी बेटी तेरा दिल तो लग गया है ना वहां?
मैं बिल्कुल ठीक हूं अब्बा जान आप सुनाइए आप कैसे हैं दवाइयां तो टाइम पर ले रहे हैं ना,,,?
हां हां सब अच्छा चल रहा है आजकल तबीयत बिल्कुल ठीक रहती है,,,!
मैंने इसलिए फोन किया था तुझे,,,,, मैं शमीम के साथ तेरी शादी करना चाहता हूं,,,, बहुत अच्छा लड़का है ,,,,और तुम दोनों एक दूसरे को जानते भी हो फिर भी मैंने सोचा एक बार तेरी मर्ज़ी जान ले,,,, वह लोग सगाई के लिए बोल रहे हैं,,,!
नूरी अब्बा जान मैं जानती हूं आप जो भी फैसला लेंगे वह अच्छा ही होगा आप ठीक समझते हैं तो मुझे कोई एतराज नहीं,,,,!
ठीक है बेटा बस मैं तेरी मर्ज़ी जानना चाहता था तेरी मां भी इस रिश्ते के लिए राजी है,,,! कब है तेरी छुट्टी वही तारीख उनको बताएं देता हूं ,,,!
सारा से भी मैंने बात की है वह भी आने को तैयार बैठी है,,,!
ठीक है पापा आने वाले संडे को ठीक रहेगा,,,!
और हां तेरी मां कह रही थी,,,, वह सामान की लिस्ट तुझे भेज देगी कुछ चीजें तू अपनी पसंद की वहीं से खरीद लेना,,,!
ठीक है अब्बू अपना ख़्याल रखना,,,!
नूरी आज बहुत खुश है फाइनली उसकी जिंदगी में वह दिन आ गया जिसको वह सालों से टाल रही थी,,,! इससे ज्यादा खुशी उसको इस बात की है उसके अम्मी और अब्बा जान इस रिश्ते से बहुत खुश है,,,।
उनको रह रह कर फिकर होती थी और वह जल्दी से जल्दी उसकी शादी कर देना चाहते थे,, खुदा का लाख-लाख शुक्र है आख़िर वह घड़ी आ ही गई,,!
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक
हमें मिलना ही था 💕
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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