कमरे में बंद सभी युवक युवतियां अभी एक दूसरे को देख ही रहे थे। तभी अचानक एसी तेजी से ठण्डी हवा छोड़ने लगते हैं जिसके कारण कमरें में ठण्ड बढ़ जाती है और सभी ठिठुरने लगते हैं और गर्मी पाने के लिए खुद को रगड़ने लगते हैं। लगभग पांच मिनट बाद कमरे का तापमान बहुत गिर जाता है और छत में बने छेदों से तेजी से बर्फीला पानी किसी बारिश की तरह बरसने लगता है। एक मिनट पानी बरसने के बाद रूक जाता है। कमरे की जमीन में ठण्डा पानी घुटनों तक भर गया था जिसके कारण सब की हालत खराब थी। कुछ बेहोश होने ही वाले थे कि साथ के लोग किसी न किसी तरह उन्हें खड़ा रखते हैं क्योंकि पानी में गिरने के कारण दम घुटने का खतरा था। आधे घण्टे बाद दरवाजे में हलचल होती है। जैसे ही दरवाजा बाहर की ओर खुलता है तेजी से कमरे में भरा सारा पानी बाहर की ओर निकल जाता है। जिसके बाद डॉक्टर जाँनी सिन अन्दर आता है जो टकला था और सबसे पूछता है। अब तक तो तुम सबकी गर्मी निकल गई होगी। अब बताओं कौन लड़का या लड़की अपने मे बदलाव महसूस कर रहे हैं। जिसमें सभी हाथ खड़ा कर देते हैं कि हम सभी ठीक हो चुके हैं, अब हमें जाने देना चाहिए। इस पर डॉक्टर कहता है - ठीक है, इसके लिए पता लगाना होगा कि वाकई तुम ठीक हुए हो या नहीं। नहीं तो आगे का इलाज करना होगा। उसके बाद सभी को अपने-अपने कमरों में भेजकर उनके दरवाजों को बाहर से बंद कर दिया जाता है। उनमें से दो युवक और दो युवतियों को एक साथ एक कमरे में बंद कर दिया जाता है। करीब एक घण्टे तक बाहर बने कमरे में फिर से तेज म्यूजिंक बजने लगता है। जिसके बाद वहां से उनके जोर-जोर से बात करने की और हंसने की आवाजें आने लगती हैं। थोड़ी देर में सामने के कमरे से एक आदमी बाहर निकलता है और उन बंद किये हुए चार युवक-युवतियों को बाहर निकाल अपने साथ ले जाने लगता है तो उनमें से कुछ युवक चीखने चिल्लाने लगते है। दरवाजें में बनी छोटी सी खिड़की से सभी झांक कर बाहर देखने लगते हैं तो वह आदमी उन दो युवक और युवतियों को पकड़कर बाहर बने कमरे की ओर जबरदस्ती खींचते हुए ले जाता हैं और बाहर से दरवाजा बंद हो जाता है। थोड़ी देर यूं ही तेज म्यूजिक की आवाजें आती रहती हैं और चिल्लाने की भी, जिसे सुनकर बाहर बंद सभी बहुत डर जाते हैं क्योंकि सभी अच्छी तरह से समझ चुके थे कि अन्दर उन चारों के साथ क्या हो रहा है जो कभी भी उनके साथ भी हो सकता है।
ये सब देखकर सुन्दर विक्की से कहता है कि आखिर इन लोगों ने हमें समझ क्या रखा है अगर हम इनकी तरह नहीं हैं या हम खुद को कुछ अलग अनुभव करते हैं तो क्या इन लोगों को यह हक मिल गया कि यह हमारे साथ जबरदस्ती कर सके। आखिर यह हक इन्हें किसनें दिया। क्या हम इंसान नहीं या फिर हमारे जैसे लोगों के लिए कोई न्याय और कानून नहीं। यह कहते हुए सुन्दर रोने लगता है। तभी विक्की उसे सांत्वना देते हुए चुप करवाता है और उससे कहता है - देखो सुन्दर अब डरने से कुछ न होगा। सबसे पहले हमें यहां से जल्दी से जल्दी भागने की सोचनी होगी। नही तो हमारी भी यही हालत होने वाली है, तुम्हें नहीं पता कुछ दिन बाद ये हम सभी को मार डालेंगे। मैंने खुद अपने कानों से यह बात सुनी है और ये सब कौन हैं मैं अच्छी तरह से जान चुका हूं। बस हमें जल्दी से यहां से निकलना होगा और बाहर मैं एक बहुत अच्छे वकील को जानता हूं। जिससे मिलकर हम बाकी के अपने जैसे यहां फंसे लोगों को बचा भी लेंगे और इन गुण्डों की पोल भी खोल कर वापिस इन्हें वहीं भेज देंगे जहां से यह आये हैं।
सुन्दर - तुम्हारा मतलब यह सब जेल से आये हैं?
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