गांव की सुबह भी कितनी मनमोहक होती है। तरह-तरह की चिड़ियों की आवाजें, खेतों से अपना काम करके लौटते किसान, (अधिकतर किसान दोपहर की तेज धूप से बचने के लिए सुबह तड़के अंधेरे में ही खेतों में पानी देने इत्यादि का कार्य निपटा लेते हैं। सूरज के निकलने के समय वह घर को वापिस आ रहे होते हैं।) वहीं गांव में रोहन अपने घर में इस समय सोना के बारे में ही सोच रहा था कि कैसे वह उसके और करीब जा सके। उससे दोस्ती से बढ़कर रिश्तों में दाखिल हो सके।
तभी उसके पिताजी बाहर से आकर उसे आवाज लगाते हैं।रोहन कहां हो, बेटा। जल्दी बाहर आओ गायों को चारा और पानी देना है। जल्दी करो, यह तुम्हारा काम है। पता है, न।रोहन - हां पिताजी पता है, कहकर जल्दी से गायों को चारा पानी देने लगता है।रोहन के पिताजी धोती कुर्ता पहने सामान्य कद काठी के व्यक्ति थे। सफेद बड़ी मूंछें, सिर पर शिखा और कंधे पर जनेऊ धारण किये। वह नहाने के लिए स्नानघर की ओर चले जाते हैं और रोहन को बोलते हैं - बेटा, मेरे बाहर निकलने तक अपना काम निपटा लेना। फिर तुम नाश्ता करके जा सकते हो। बाकी काम मैं देख लूंगा।रोहन गायों को पानी पिला रहा था लेकिन उसका मस्तिष्क में सोना का चेहरा घूम रहा था कि वह कितनी सुन्दर, होशियार, बहादुर और सबसे अलग लड़की है। अगर वो उसे मिल जाये, तो क्या बात हो। ऐसा वो क्या करे जिससे सोना प्रभावित हो जाये। इन्हीं ख्याली पुलावों को बुनता हुआ, रोहन काम करता जाता है।रोहन के पिताजी नहाकर बाहर निकलते हैं तो देखकर हैरान रह जाते हैं कि रोहन ने न सिर्फ गायों का चारा-पानी का काम पूर्ण कर दिया है बल्कि वहां जमीन से सारा गोबर भी हटा दिया है और पूरी जमीन को धोकर चमका दिया है। यह देखकर उसके पिताजी खुश होते हुए कहते हैं। वाह बेटा, तूने तो आज कमाल ही कर दिया। इतनी जल्दी इतना सारा काम कैसे कर लिया। यह तारीफ सुनकर रोहन थोड़ा सा सकपका जाता है क्योंकि पिताजी तो उसकी तारीफ कर रहे थे लेकिन रोहन का दिल ही जानता था, ये सब प्यार में पड़ने वाले निब्बा-निब्बीयों के साथ तो होता ही रहता है। आखिर अभी वह मात्र 16 साल का ही तो था। जिसे 15 साल की सोना की ओर आकर्षण महसूस कर रहा था। 😂😂😂
रोहन काम निपटाकर तेजी से सोना के घर की ओर दौड़ लगा देता है। सोना को देखने के लिए वह इस समय बहुत उतावला था। उसका घर गांव की सीमा से थोड़ा सा बाहर जंगल से लगता हुआ था। गांव के मुख्य मार्ग से गुजरते समय उसे वहां कुछ पुलिस के लोग गांव वालों से पूछताछ करते हुए दिखे। रोहन थोड़ी दूर जाकर खड़ा होकर उनकी बातों को सुनने लगा कि आखिर क्या माजरा है। पुलिस वाले गांव के लोगों से सुबह जंगल में मिली के लाश के बारे में पूछ रहे थे। जो एक फारेस्ट गार्ड की लाश थी। गर्दन पर किसी लकड़ी के बहुत तेज हमले के कारण उसकी मौत का कारण बताया गया था। गार्ड द्वारा चलाई गोलियों के छर्रे भी उन्हें वहां बरामद हुए थे और किसी जंगली जानवर का खून और उसे गांव की ओर घसीटकर लाये जाने के निशान किसी गांव वाले व्यक्ति को शक की ओर ले जाता था। इसके अलावा उनके पास और कोई सूराग नहीं था।
यह बात सुनकर रोहन यह सब बातें अनसुनी करके फिर सोना के हसीन सपनों में डूब जाता है और प्रेम की नैया में गोते लगाने लगता है। उसकी आंखों के सामने रंगीन तितलियां उड़ने लगती है और वो किसी हिप्नोटाईज व्यक्ति की तरह सोना के घर की ओर तेजी से दौड़ने लगता है, मानों आज सुबह-सुबह किसी घोड़ी का दूध पीकर आया हो। 😜🤓😁