विक्की - बिल्कुल सही समझे। यह सब तिहाड़ जेल में अलग-अलग अपराधों से सजा काट चुके अपराधी हैं। जहां यह पांच लोग एक ही बैरक में बंद थे और इन्होंने प्लान बनाया कि बाहर निकलते ही कुछ ऐसा नया काम करेंगे जिसका अभी तक किसी ने सोचा भी नहीं होगा जिससे यह जल्दी से किसी की नजर में आये बिना बहुत सारा पैसा भी बनायेंगे और मजे भी करेंगे क्योंकि लम्बी सजा पाने वाले अपराधी अक्सर होमोसैक्शुएलीटी के आदी हो जाते हैं। जेल से बाहर निकलकर ऐसा सेन्टर खोला जिसमें एलजीबीटी कम्प्यूनिटी के लोगों को सुधारने के नाम पर उनसे परेशान अमीर सम्बन्धीयों से मोटी रकम लेकर उनको मारना ही इनका काम है। मतलब सेन्टर की आड़ में कान्ट्रैक्ट किलर हैं ये सब। यह सुनकर सुन्दर की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं।
तभी वह ध्यान से दरवाजे का आंकलन करने लगता है। जहां अंदर से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। लोहे के बने मजबूत दरवाजों को तोड़ना उनके बस की बात नहीं थी और दरवाजें में कुण्डी भी बाहर की ओर लगी हुई थी जिस पर कोई ताला नहीं था क्योंकि ताले की आवश्यकता ही नहीं थी। अंदर बंद व्यक्ति के लिए बाहर की कुण्डी खोलना असंभव था। तभी सुन्दर खिड़की से बाहर की ओर झांकने लगता है। जहां उसे सामने दरवाजें से वहीं डॉक्टर जॉनी जो अभी भी सफेद कोट पहने था, सिर से गंजा, लम्बा कद, गोरा रंग, नीली आंखें और सामने दिखता लोहे के दांत वाला यह शख्स कोई विदेशी जान पड़ता था लेकिन जब वो बोलता था तब उसकी पोल खुल जाती थी कि वो कोई विदेशी नहीं बल्कि कोई देसी ही होगा। जो इस गु्रप का लीडर भी था क्योंकि सभी आदमी उसकी बात मानते थे। तभी सुन्दर अपने दिमाग में एक योजना बुनने लगता है और खिड़की से डॉक्टर को देखकर मुस्कुराते हुए आंखों ही आंखों में इशारे करने लगता है। जॉनी सुन्दर को देख लेता है और उसके सुन्दर चेहरे को देखकर मुस्कुराता हुआ उसके कमरे की ओर बढ़ने लगता है और उसके कमरे का दरवाजा खोलकर उससे पूछता है - लगता है कुछ चाहिए? इस पर सुन्दर अदाएं दिखाते हुए लड़कियों की तरह कहता है - क्या दे सकते हो। जौनी जो इस समय नशे में था - मुस्कुराता हुआ कहता है बहुत कुछ। यह कहते हुए उसे लेकर सामने वाले कमरे की ओर ले जाता है। कमरे में प्रवेश करते ही वहां का नजारा कुछ ओर ही था। अंदर तेज म्यूजिक बज रहा था और दो आदमी एक ओर दो युवतियों के साथ जबरछस्ती कर रहे थे। वहीं एक कोने में एक युवक बुरी तरह से जख्मी हालत में बेहाश पड़ा था। जिसे देखकर जॉनी सुन्दर को कहता है - हरामजादा, मान नहीं रहा था इसलिए इसकी ज्यादा खातिरदारी हो गयी। हमारे किसी काम भी नहीं आया। कल देखना क्या हाल करता हूं इसका। वहीं दूसरी ओर दूसरा युवक आराम से तीसरे व्यक्ति के साथ लगा हुआ था। तभी जॉनी सुन्दर का चेहरा अपना हाथों में लेते हुए कहता है तो अब देर किस बात की है। चलो अपना प्रोग्राम भी शुरू करते हैं। ऐसा कहकर जॉनी अपने लोहे के दांत को दिखाता हुआ हंसने लगता है। सुन्दर का ये सब करने का मन तो नही था लेकिन अपने जैसे दूसरे युवक को देखकर उसके अन्दर कुछ-कुछ होने लगता है और उसे यहां से बचकर भागना भी था इसलिए उसे बहुत सावधानी की आवश्यकता था। जरा सा भी शक होने पर वह मारा जा सकता था। जॉनी सिन शरीर में भी काफी तगड़ा था जिसे भिड़ने की कोई भी सोच भी नहीं सकता था।
तभी सुन्दर जॉनी को अदायें दिखाते हुए कहता है, इतनी भी क्या जल्दी है। जबरदस्ती में भी क्या मजा है, अगर यह काम रजामंदी में हो तो और ज्यादा मजा आयेगा। बोलो क्या कहते हो। यह सुनकर जॉनी की बांछें खिल जाती हैं। वो कहता है - तुमने बहुत अच्छी बात की। तुम बहुत काम की चीज हो। तुमने अगर मुझे खुश कर दिया तो तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी। तुम्हें रानी बनाकर रखूंगा। मैं यहां का राजा और तुम रानी।
अब क्या होने वाला है जानने के अगले अंक को पढ़ें, जॉनी का जलवा। लाइक, सबस्क्राइब, शेयर, कमेट, रेटिंग, सबकुछ बढ़चढ़कर जोरदार तरीके से करें, बिल्कुल न डरें.... हम आपके साथ हैं......