पिछले अंक में आपने पढ़ा एक साइको ने सोना की मां काया को अपना शिकार बना लिया था जिसे देखकर सोना बड़ी फुर्ती से जंगल की ओर चिल्लाते हुए दौड़ने लगती है। उसके पीछे-पीछे साइको अपने हाथ में लोहे का साइको वाला डण्डा हवा में लहराते हुए सोना के पीछे दौड़ने लगता है। जिसके बाद सोना सीधे जंगल में प्रवेश कर जाती है और कंटीली झाड़ियों वाले पतले रास्ते से होते हुए ढलानदार और फिसलन भरे कच्चे रास्ते पर दौड़ने लगती है। जिसका पीछा करता हुआ वह व्यक्ति अपना डण्डा लहराते हुए भागता आ रहा था। यह वही रास्ता था जहां सोना ने कुछ ही दिन पहले हवलदार भानूप्रताप का मारा था। रास्ते में अचानक से आने वाले बड़े पत्थर और बीच रास्ते खड़ी ढलान पर कंटीले पेड़ इसे और अधिक दुर्गम बना देते थे। जिसे पार करना सोना के बांऐ पैर का काम था। वह एकदम किसी कुशल धावक की तरह बिना किसी चीज से टकराए तेजी से स्टंट मारते हुए भागती जा रही थी। जो किसी आम आदमी के बस की बात न थी। वह व्यक्ति भी सोना के पीछे चिल्लाता हुआ दौड़ता चला आ रहा था। आगे जाकर अचानक सोना कहीं जाकर घात लगाकर छिप जाती है ताकि मौका पाकर वह चोट खाए उस व्यक्ति पर हमला कर सके। तभी उसे वह व्यक्ति दिखाई पड़ता है। जो बिना कोई चोट खाये और किसी भी बाधा से टकराये बड़ी ही आसानी से उस स्थान से भी बचकर आ जाता है जहां सोना ने पहले से रास्ते में पेड़ों से तारों को बांधा हुआ था। यह देखकर सोना भी बहुत हैरान थी कि आखिर कैसे वह व्यक्ति इतनी आसानी से बच गया।
जैसे ही वह व्यक्ति पतले रास्ते से कूदता हुआ जंगल में खुली जगह में निकलता है और खुद को अकेला पाता है, तो एक बार वह जोर से चिल्लाता है - ऐ लड़की, छुपती कहां हैं? जल्दी से बाहर निकल कर मेरे सामने आजा और मुझसे दोस्ती करके, अपनी मर्जी से एक बार, बस एक बार यह ठप्पा लगवा ले। तो मैं तेरी जान बख्श दूंगा। अगर मेरे साथ यह खेल खेलेगी, तो कान खोलकर सुन ले। जिन्दा नहीं छोड़ूगा। बहुत बुरा हश्र होगा तेरा। तभी वह उस लोहे के डण्डे को एक पत्थर को ऊपर जोर-जोर से मारने लगता है। जिससे जंगल के सन्नाटा शोर में बदल जाता है। तभी सोना जो एक पेड़ के ऊपर चढ़कर छिपी हुई थी। गुलेल से एक पत्थर उस व्यक्ति के सिर पर निशाना लगाकर मारती है, लेकिन उसे न जाने कैसे पता लग जाता है कि उस ओर से कोई पत्थर आ रहा है, और वह उस पत्थर पर अपने डण्डे से किसी क्रिकेट के बॉल की तरह वार करता है और वह पत्थर डण्डे से टकराकर दूसरी ओर उड़ जाता है। तभी वह जोर से हंसने लगता है और कहता है - लड़की, तू तो बड़ी ही भोली है और तेज भी। अब तेरे साथ खेलने में और ज्यादा मजा आयेगा। आज तू पहली ऐसी मिली है, जिसने मुझे इतनी देर तक उलझाये रखा। अब होगा मुकाबला बराबरी का। तुझे जो करना है करले, तभी वह तेजी से भागता हुआ जंगल की दूसरी ओर जाता है और अचानक ही गायब हो जाता है।
सोना पेड़ पर चढ़ी उसे भागता हुआ तो देखती है लेकिन अचानक उसके गायब हो जाने से उसे बिना कोई आवाज किये चारो और ढूंढने लगती है। लेकिन उसे वह कहीं नहीं दिखाई देता। इस समय सोना जानती थी कि वो उसके साथ उसका ही दांव खेल रहा है। आखिर कब तक वह पेड़ पर चढ़े उसका इंतजार करती। कभी न कभी तो उसे नीचे उतर कर उसे ढूंढना ही था या वहां से बचकर जंगल से बाहर निकलना था। धीरे से बिना आवाज किये वह पेड़ से नीचे उतरने लगती है। लेकिन जैसे ही वह जमीन पर पांव रखती है, कई सारे सूखे पत्ते चरमराने लगते हैं जिसकी आवाज सुनते ही एक कोने से आवाज आती है, Where are you black sheep? तुम्हारे चलने की आवाज मैंने सुन ली है। मैं आ रहा हूं। तभी सोना को किसी को अपनी ओर भागता आने की आवाज आती है तो वह दूसरी ओर तेजी से भागने लगती है क्योकि वह जानती थी कि वह कभी भी उस साइको से सीधी लड़ाई में नहीं जीत सकती। इसलिए उसे जाल में फंसा कर ही मारा जा सकता है लेकिन यह कमबख्त तो फंसने का नाम ही नहीं ले रहा। उल्टा मैं ही इसके जाल में फंसती जा रही हूं।