कुछ ही देर में अन्दर से एक व्यक्ति बाहर आता है। जिसे देखकर विक्की खड़ा हो जाता है। हाथ मिलाने के बाद वह व्यक्ति विक्की से पूछता है। इतनी रात को यहां कैसे आना हुआ और यह लड़का कौन है? यह सवाल सुनकर विक्की उन्हें सारी बात बता देता है कि किस प्रकार एक गैंग इलाज करने के नाम पर लोगों को टार्चर कर रहे है। इसके अलावा वहां और भी बहुत सारे ऐसे काम हो रहे हैं जो इंसानियत को शर्मशार कर रहे हैं। यह बात सुनकर वकील विक्की को कहता है कि इस बात का कोई सूबूत है तुम्हारे पास।
विक्की - जी बिल्कुल है, मेरे पास वहां की पूरी विडियो है। जो आप मेरे हाथ में यह अंगूठी देख रहे हैं न, जो देखने में बड़ी सस्ती और मामूली लग रही है, लेकिन यह है बड़े ही काम की चीज। तभी वह अपनी अंगूठी निकाल कर दिखाता है जो वास्तव में एक कैमरा था। अंगूठी के अंदर की ओर एक छोटी सी चिप लगी थी। जिसमें विक्की ने वहां की सारी चीजें रिकार्ड कर ली थी। यह सब देखकर वकील साहब उन्हें कहते हैं - ठीक है, मैं तुम्हारी मदद करूंगा, लेकिन इसके लिए एक मजबूत केस बनाना होगा और तुम्हें इस बात के खिलाफ एक रिपोर्ट लिखवानी होगी। कल दोपहर तक उनके खिलाफ अदालत से वारंट निकल जायेंगे। जिससे वहां सभी कैद बच्चे आजाद हो जायेंगे। यह बात सुनकर सुन्दर वकील से कहता है लेकिन हमारे पास तो आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है, तो आप हमारी मदद क्यों कर रहे हैं। यह बात सुनकर वकील मुस्कुराता हुआ कहता है। हम वकील हैं, अपनी फीस तो तुमसे जरूर लेंगे। वो बात अलग है कि अभी तुम्हारे पास नहीं हैं लेकिन आने वाले कल में तुम्हारे पास और बाकी जितने भी कैद बच्चे हैं, उन सबके पास मुझे देने के लिए बहुत पैसे होंगे। इन गुण्डों को पकड़वाने के बाद हमें एक केस तुम सभी बच्चों की ओर से भी दायर करना है। जो उन्हें वहां पहुंचाने वालों के खिलाफ होगा और वही लोग तुम सभी का हक अपनी सम्पत्ति से देंगे और उन्हें देना ही होगा। जिसके बाद तुम अपनी बाकी की जिन्दगी बड़े आराम से गुजार सकेगे। यह बात सुनकर सुन्दर खुश हो जाता है कि कम से कम अब उनका भविष्य अंधकार में नहीं है। उसका और उसके जैसे सभी लोगों का हक यह वकील साहब दिलवा देगे।
अगले दिन वकील सारी कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद वारंट निकलवा देते हैं जिसके बाद पुलिस दल सुन्दर के बताये स्थान पर चल देता है। वहां पहुंचते ही पुलिस पूरी बिल्डिंग को चारो ओर से घेर लेती है और उनमें से कुछ सीनियर ऑफीसर बिल्डिंग के अंदर घुस जाते हैं और सभी कैदी युवक-युवतियों के छुड़वा लेते हैं। वो पांच व्यक्ति वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन इतने सारे पुलिस वालों के आगे उनकी एक नहीं चलती और वो पकड़े जाते हैं। यह बात मीडिया और टीवी चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज बन चुकी थी। जहां सभी का अलग-अलग बातें थी। वोटिंग हो रही थी कि एलजीबीटी लोगों के लिए समाज में कितना स्थान है और जो यह सब हुआ उसका वास्तव में कौन दोषी है? वह गैंग, उनके घरवाले या फिर हमारा यह समाज।
इन्हीं सभी न्यूज के बीच मानवाधिकार आयोग की एक सदस्य मिसेज सीमा टीवी में इंटरव्यू देती है कि वह इन सभी की हर तरह से सहायता करेंगे। इनके रहने का इंतजाम किया जायेगा जब तक इन्हें इनके परिवार वालों की तरफ से इनके अधिकार नहीं मिल जाते। इतने दिन इतना अधिक टार्चर झेलने के बाद सभी की मनोस्थिति बहुत बिगड़ चुकी है इसलिए वह इन सबका मनोवैज्ञानिक समाधान मुफ्त किया जायेगा क्योंकि वह महिला स्वयं एक मनोवैज्ञानिक थी। अब सभी युवक-युवतियां मिसेज सीमा के क्लीनिक में पहुंच अपनी परेशानियां और दुख सांझा कर रहे थे। जहां उनका उचित चिकित्सीय परामर्श से समाधान किया जा रहा था और जिनको कुछ दवाओं की आवश्यकता थी उन्हें दवायें उपलब्ध करवायी जा रही थी।
कोर्ट में गैंग के पांच लोगों को दुबारा तिहाड़ जेल की मजबूत दीवारों के पीछे सारी उमर के लिए धकेल दिया जाता है और सभी युवक-युवतियो को उनके परिवार की ओर से उनकी सम्पत्ति से अधिकार प्राप्त हो जाता है। उन्हें वहां तक पहुंचाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाती है जिसमें अधिकतर को कुछ सालो की जेल हो जाती है जिसमें सुन्दर की सौतेली मां भी शामिल थी।
इन सबके बाद सुन्दर बहुत खुश था। उसका अपना घर था, बैंक बैलेंस था। जिसके बाद वह वकील साहब का धन्यवाद करता हुआ, उनकी बताई फीस खुशी-खुशी अदा करता है। तभी वकील साहब उससे पूछते है - सुन्दर, तुम वहां मिसेज सीमा के क्लीनिक में तो जा रहे हो न। सुन्दर - जी, बिल्कुल। सीमा जी बहुत ही अच्छी महिला हैं। वो हमारी भावनाओं को, हमारे दुखों को अच्छे से समझती हैं। बेशक हम बिल्कुल ठीक हैं, लेकिन उनसे बस बात करके ही मन बहुत हल्का और सुखद हो जाता है। कभी-कभी अपने अंदर निराशा के कारण बहुत कमजोरी महसूस करता था लेकिन सीमा जी ने कुछ दवायें दी है। जिसके बाद मन में आने वाली निराशा की भावना और कमजोरी का अहसास सब समाप्त हो गया है। इस पर वकील साहब कहते हैं - यह तो बहुत ही अच्छी बात है। मुझे खुशी है कि मैं किसी के काम आ सका। वैसे भी वकील नाम से बहुत बदनाम हैं कि वह हमेंशा अपराधी को बचा लेते हैं और बेकूसूर जेलों में सड़ता रहता है। अगर कभी भी कुछ भी काम हो तो मुझे जरूर कॉल कर सकते हो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, कभी घबराना नही। यह सुनकर सुन्दर उन्हें धन्यवाद देते हुए वहां से बाहर निकल जाता है।
सुन्दर के बाहर जाते ही वकील के घर से दृश्य बदलता है। कमरे के अंदर से मिसेज सीमा जो वास्तव में वकील साहब की ही पत्नी थी, बाहर निकलती है। उनके पीछे-पीछे विक्की जो वकील साहब का ही असिस्टेंट था। तीनों आमने-सामने आ खड़े होते हैं और एक दूसरे को देखकर हंसने लगते हैं।
अब यह क्या बवाल है, यह तीनों एक दूसरे को देखकर आखिर क्यों हंसे। इनकी हंसी का राज जानने के लिए अगले अंक को पढ़ें।
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