पिछले अंक में आपने पढ़ा कि एक स्त्री जो पेड़ से बंधी हुई थी। चारो ओर पेड़ ही पेड़ थे लेकिन वो जंगल न था। यह एक बाग था, जहां आम और अमरूद के बहुत सारे पेड़ थे। स्त्री अपने सामने एक व्यक्ति को देखती है। जो सामान्य कद का पतला, लम्बा और गोरे रंग का युवक था। उसने काले चमड़े के पॉलिश किये हुए जूतों के साथ काले रंग की टाईट पैंन्ट पहनी हुई थी। जिसके ऊपर काले रंग की टाई के साथ सफेद कमीज के ऊपर तोतिया रंग का एकदम चमकीला कोट पहना हुआ। आंखों में काला गोल फ्रेम वाला चश्मा लगाये वह किसी हीरो से कम न लग रहा था।
तभी वहां तेज आवाज में म्यूजिक बजने लगता है। ओप ओप, ओप ओप, गंगनम स्टाइल.... तेज बैकग्राउण्ड डांसिंग म्यूजिक..... हे यो, लेसे ये यो, ये यो.... ल स स स स स स ओ गंगनम स्टाईल। इस म्यूजिक में वह युवक उछल-उछल कर अपने दोनों हाथों को कमर पर रखकर दोनों पैरों को दांये-बांये कुदाते हुए गंगनम स्टाइल डांस करने लगता है। जो देखने में काफी मजेदार लग रहा था। थोड़ी देर डांस करने के बाद वह युवक हाथ में एक छड़ी लेकर लड़की की ओर भयानक अंदाज में बढ़ने लगता है। जिसे देखकर लड़की डर के मारे जोर से चिल्लाती है। बचाओ. कोई है...... कोई है, मुझे बचाओ।
युवक हंसता हुआ छड़ी गोल-गोल घुमाते हुए लड़की की ओर बढ़ता है और छड़ी को तेजी से लड़की के सिर की ओर लहराता है लेकिन यह क्या! अचानक से उसकी छड़ी सिर के एकदम करीब आने पर रूक जाती है और लड़का और लड़की दोनों हंसने लगते हैं। क्योंकि वह लड़का रोहन था और युवती सोना। इस समय यह सब मात्र एक खेल था। थोड़ी देर बाद रोहन वहां से चला जाता है। सोना अभी भी अपने बगीचे में कुछ काम कर रही थी। तभी उसे बाहर से किसी के चलने की आवाज आती है। वह अपने कुत्ते टॉमी को आवाज वाले स्थान की ओर भेज देती है। टॉमी भौंकते हुए उस ओर जाता है लेकिन कुछ ही देर में टॉमी के भौंकने की आवाज आनी बंद हो जाती है। सोना उस ओर जाती है, लेकिन वहां टॉमी नहीं था। वह उसे इधर-उधर ढूंढने लगती है। थोड़ी ही दूर उसे टॉमी खून से लथपथ मिलता है जिसे किसी ने डण्डे जैसे किसी भारी चीज से मारा था।
तभी सोना को झोपड़ी से उसकी मां काया के चिल्लाने की आवाज आती है। सोना बिना देर किए उस ओर भागने लगती है। लेकिन झोपड़ी तक पहुंचते ही वहां का नजारा देख सोना की चीख निकल जाती है। वह मध्यम कद का व्यक्ति जिसने काया को पहले बेरहमी से पीटा था और इस समय वह उसके सीने पर लोहे का बनाया हुआ PSYCHO का ठप्पा गर्म और लाल करके दाग रहा था। सोना के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह व्यक्ति सोना को देख लेता है और क्रूरतापूर्वक हंसते हुए सोना से कहता है। तेरी मां के सीने पर तो मैंने अपना ठप्पा लगा दिया है लेकिन अगर कोई मुझे इस रूप में देख लेता है तो फिर उसे भी यह ठप्पा लगवाना पड़ता है। इसलिए जल्दी आजा और यह ठप्पा खुशी-खुशी अपने सीने पर लगवा ले। फिर मैं तुझे नहीं मारूंगा। इतनी औरतों के मरने का कारण मैं नहीं बल्कि वो खुद ही थी। मेरी इतनी सी बात नहीं मानी तो फिर मुझे उनके साथ सख्ती से पेश आना पड़ा। मैं इतना भी बेरहम नहीं। पर पता नहीं क्यों, कोई मुझे पसन्द ही नहीं करता। कोई मेरा फैन ही नहीं बनना चाहता। अपनी मर्जी से कोई ये ठप्पा लगवाना ही नहीं चाहता। इससे ज्यादा तकलीफ नहीं होगी। तभी वह व्यक्ति अपनी शर्ट के बटन खोलकर अपना सीना दिखाता है, जिस पर उसने यही PSYCHO का निशान दागा हुआ था। देख मेरे सीने में भी यही निशान है, बिल्कुल दर्द नहीं होता। इसलिए अच्छी बच्ची के तरह आकर ये निशान लगवा ले। मैं कुछ भी नहीं कहूंगा। ऐसा कहकर वह व्यक्ति हाथ बढ़ाकर सोना की ओर बढ़ने लगता है।
अपने पास आता देख सोना बड़ी फुर्ती से जंगल की ओर चिल्लाते हुए दौड़ने लगती है। उसके पीछे-पीछे साइको अपने हाथ में लोहे का PSYCHO वाला डण्डा हवा में लहराते हुए सोना के पीछे दौड़ने लगता है। सोना का इस प्रकार अपने दुश्मन को आकृषित कर जंगल की ओर भागने का मतलब तो एकदम साफ था। वो अब उसे किसी भी कीमत पर छोड़ने वाली नहीं थी। बस अब यह देखना है कि यहां शिकारी कौन है और शिकार कौन?
जानने के लिए अगले अंक को पढ़ें - डर का साया (फौजी वर्सेस साइको) - 35