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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 46

22 जून 2023

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सुन्दर को गाड़ी में डालकर सेन्टर ले जाया जा रहा था। कुछ घण्टै गाड़ी के चलने के बाद वह एक सुनसान रास्ते की ओर मुड़ जाती है। जो सूखा, पथरीला और कच्चा होने के कारण गाड़ी में झटके लग रहे थे। थोड़ी देर बाद एक सूखी जगह पर आकर गाड़ी रूकती है। जहां एक बड़ा सा मकान बना हुआ था जो देखने में पुराना था। सफेद रंग के इस मकान में बाहर दीवारों पर हरे-काले रंग की काई जमी हुई थी और दीवारों पर पड़ी दरारों से कुछ पेड़ उगे बाहर निकले हुए थे। मकान के बाहर कुछ बेतरतीब झाड़ियों, प्लास्टिक और कांच की बोतलों ने तो जैसे इस इमारत की खूबसूरती पर चार चांद लगा दिये थे। सुन्दर को धक्का देते हुए वो तीन आदमी उसे गाड़ी से बाहर निकालते हैं। जैसे ही सुन्दर बाहर निकलता है तो देखता है। वह स्थान एकदम सूखा और बंजर था। तेज धूप की गर्मी में गर्म हवा छोटे-छोटे चक्रवात बनाते हुए पीली चिकनी मिट्टी के साथ कुछ पत्तों और प्लास्टिक की पन्नियों को गोल-गोल घुमा रही थी। उमस भरी इस गर्मी में सुन्दर का गला सूखने लगा था और माथे से पसीने की बूंदें टपकने लगी थी। उस बिल्डिंग को देखकर सुन्दर उन आदमियों से पूछता है कि क्या यही अस्पताल है तो वह गुर्राते हुए उसे कहते हैं - हां यहीं तुम्हारे दिमाग का इलाज होगा। अब सीधी तरह बिना कोई सवाल किये चलता चल, नही ंतो.... इतना कहते ही दूसरा आदमी उसे चुप रहने का इशारा करता है।
जैसे ही सुन्दर उन व्यक्तियों के साथ इमारत के अंदर घुसता है तो एक अजीब से दुर्गन्ध से उसका दम घुटने लगता है। जिसके कारण वह नाक बंद करके वापिस दरवाजे से बाहर निकलने को ही होता है तभी वह व्यक्ति उसे धक्का देकर अंदर जाने को कहता है - अबे नाक बंद करके क्या नाटक कर रहा है। अब तुझे यहीं रहना होगा। यहीं तेरा इलाज होगा। ऐसा कहकर चारों युवक हसने लगते हैं। उनकी इस हंसी से सुन्दर मन ही मन डर जाता है क्योंकि यह अस्पताल कम और कोई भूत बंगला अधिक लग रहा है। न कोई साफ-सफाई और न ही कोई नर्सिंग स्टॉफ, कुछ भी तो ऐसा नहीं दिख रहा था जिससे इस इमारत को कोई अस्पताल कह सके।
सीढ़ियों से एक मंजिल ऊपर चढ़ने के बाद उसे कुछ कमरों से रोने और चिल्लाने की आवाजें सुनाई पड़ती हैं। जिसे सुनकर वह डर जाता है और धीरे-धीरे चलने लगता है। तभी उसे एक बड़े से हॉल में ले जाया जाता है जहां पहले से कुछ युवक नीले रंग के कपड़े पहने डरे हुए बैठे थे। तभी एक उसी तरह की ड्रेस सुन्दर के आगे रख दी जाती है और उसे एक और अंदर बने कमरे में चेकअप करने के लिए भेजा जाता है। जहां एक आदमी कुर्सी पर बैठा हुआ था जो दिखने में उन्हीं आदमियों की तरह लग रहा था जो उसे घर से उठा कर लाये थे। वही डील डौल और वैसी की चाल-ढाल और बोलने का लहजा। मतलब साफ था वो डॉक्टर कम और कोई गुण्डा अधिक जान पड़ रहा है। तभी वह सुन्दर को अपने सभी कपड़े उतारने को कहता है ताकि उसके शरीर का पूरा चेकअप किया जा सके। सुन्दर कपड़े उतार देता है तब वह डॉक्टर उसे पूरे कपड़े उतारने को कहता है जिसमें चड्डी भी शामिल थी। सुन्दर नहीं उतारता तभी बाहर से दो आदमी उसके हाथ पकड़ लेते हैं और डॉक्टर जबरदस्ती उसकी चड्डी उतारकर उसे स्ट्रेचर पर लिटा देते हैं और एक बड़ी लाईट जलाकर उसके शरीर का पूरा निरीक्षण करने लगते हैं। निरीक्षण करने के बाद वह उसे नीले कपड़े पहनने को देते हैं और एक बुकलेट देते हैं जिसमें अस्पताल के नियम कानून लिखे गये थे। जिसे हर मरीज को पूरा करना था। नियमों का उल्लंघर करने पर कड़ी सजा थी। जिसका विवरण बुकलेट में नहीं था। पूरी बुकलेट पढ़ने के बाद सुन्दर को ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया जाता है जहां पहले से एक व्यक्ति अपने बैड पर गुमसुम सा बैठा था। दूसरी ओर उसका बैड था। कमरे की दीवारें बाहर की ही तरह सफेद रंग की थी। जिस पर हरी-काली काई जमी थी। देखने से लगता था जैसे उसे आज ही साफ किया गया हो। 

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रचनाएँ
डर का साया
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एक गांव में सोना नाम की एक सुंदर लड़की रहती थी। वह हमेशा बच्चों की तरह खेलती, हंसती और नाचती थी। लेकिन सोना की एक अजीब आदत थी। वह दूसरों के साथ नहीं खेलती थी और न किसी से बातचीत करती थी। वह अकेली होकर खेलती थी और लोगों से दूर रहती थी। उसे अपनी सुंदरता पर बहुत गर्व था और वह हमेशा एक सुंदर फूल माला पहनती थी। वह अपने माता-पिता के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थी। वहीं पास में लगा एक गांव था जहां मुख्यतः ब्राह्मण परिवार के लोग रहते थे। गांव में एक नया लड़का आया जिसका नाम रोहन था, उसकी दोस्ती उस लड़की से हुई जिसके बाद उसके साथ ऐसी घटनाएं घटित हुई जिससे उसका पूरा जीवन बदल गया। यह लड़की इस कहानी की मुख्य किरदार है। जिसके व्यक्तित्व के अनेकों रंग आपको इस कहानी में पढ़ने को मिलेंगे। जो आपको कभी गुस्से से भर देंगे, तो कभी आपको रोमांचित कर देंगे। पूरी कहानी जानने के लिए अवश्य पढ़े डर का साया.... अधिक से अधिक लाइक करें, शेयर करें, कमेंट करें और फॉलो करें। जिससे आपको आगे की रचनाएं समय-समय पर मिल सकें।
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डर का साया - 1

30 अप्रैल 2023
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एक गांव में सोना नाम की एक छोटी सुंदर बच्ची रहती थी। वह हमेशा बच्चों की तरह खेलती, हंसती और नाचती थी। लेकिन सोना की एक अजीब आदत थी। वह दूसरों के साथ नहीं खेलती थी और न किसी से बातचीत करती थी। वह अकेली

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डर का साया - 2

30 अप्रैल 2023
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रात ढलते-ढलते गहरी हो गई थी और सोना झोपड़ी में सोने की कोशिश कर रही थी। जंगल में इस घनी रात को यह झोपड़ी बहुत डरावनी लग रही थी। लेकिन वह इस समय उसके लिए सबसे सुरक्षित स्थल था। जंगल से आती भयानक आवाजों क

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डर का साया - 3

1 मई 2023
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कुकिंग के लिए सोना अब सभी सामान को जुटाने लगी और झोपड़ी के सामने अपनी लगाई हुई बागवानी में चली गई। सोना अक्सर अपनी कुकिंग का कार्य वहीं किया करती थी क्योंकि उसके माता-पिता उसके खाना बनाने और खाने के तर

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डर का साया - 4

1 मई 2023
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तभी सोना ने हड्डी का एक छोटा सा टुकड़ा टॉमी के आगे फैंक दिया। जिसे बड़ी तेजी से मुंह में पकड़कर टॉमी अपनी झोपड़ी की ओर भाग गया। सोना को अब थोड़ी देर के लिए टॉमी से छुटकारा मिल चुका था। अब उसने लकड़ियों को त

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डर का साया - 5

1 मई 2023
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अगले दिन सोना दुबारा जंगल में फिर किसी कारण से उसी झोपड़ी की ओर जाने लगी। जहां कुछ दिन पहले उसने वो भयानक रात गुजारी थी। जंगल में आगे बढ़ते समय उसने महसूस किया कि कोई रहस्यमय व्यक्ति उसका पीछा कर रहा है

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डर का साया - 6

2 मई 2023
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पिछले अंक में आपने पढ़ा कि कोई रहस्यमयी व्यक्ति सोना का पीछा कर रहा था। सोना उसे चकमा देकर जंगल में फंसा देती है, व्यक्ति सोना को ढूंढ रहा था तभी उस पर एक जंगली सुअर हमला कर देता है। वह बंदूक के तीन फा

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डर का साया - 7

2 मई 2023
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गांव की सुबह भी कितनी मनमोहक होती है। तरह-तरह की चिड़ियों की आवाजें, खेतों से अपना काम करके लौटते किसान, (अधिकतर किसान दोपहर की तेज धूप से बचने के लिए सुबह तड़के अंधेरे में ही खेतों में पानी देने इत्याद

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डर का साया - 8

3 मई 2023
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भागते-भागते रोहन सोना के घर पहुंच जाता है। जहां वह दूर से उसे बगीचे में कुछ काम करती हुई दिखाई देती है। बगीचे के चारो ओर लगी बाड़ के कारण वह उसे ठीक से नहीं देख पा रहा था। लेकिन बाड़ के बीच में बने सुरा

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डर का साया - 9

4 मई 2023
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वहीं दूसरी ओर जंगल में फॉरेस्ट गार्ड के हत्याकाण्ड की इन्वेस्टीगेशन करने के लिए शहर से एक नया इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया। जिसका नाम शक्तिनाथ था। लम्बा कद, चेहरे पर हमेशा गुस्सा, बड़ी-बड़ी आंखें और स्वभ

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डर का साया - 10

4 मई 2023
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ग्राम प्रधान और इंस्पेक्टर शक्तिनाथ की बात सुनकर रोहन तेजी से दौड़ता हुआ सोना की घर की ओर जाने लगता है। वह मन ही मन सोना के लिए परेशान था कि कहीं वो किसी मुसीबत में न फंस जाये। सोना इस समय अपने बागवानी

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डर का साया - 11

5 मई 2023
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एक बार पुजारी ने प्रधान और अपने ब्राह्मण समाज के लोगों को इकट्ठा करके बुलाया और उनसे कहा कि आज रात को उनके स्वप्न में स्वयं मां भगवती ने दर्शन दिये हैं और उन्होंने कहा है कि उनकी प्रतिमा इसी गांव के क

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डर का साया - 12

5 मई 2023
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इन सब बातों को याद करके और आज प्रधान द्वारा कही बात को सुनकर सोना बदले की आग में जलने लगती है। गुस्सा और नफरत उसकी आंखों और चेहरे पर उतरने लगता है। तभी वो रोहन को देखती है और अचानक से उसके चेहरे के भा

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डर का साया - 13

8 मई 2023
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वहीं दूसरी ओर इंस्पेक्टर शक्तिनाथ जंगल में हुई गार्ड की हत्या की जांच-पड़ताल अपने ही तरीके से कर रहा था। शक्तिनाथ के साथ जो हवलदार तैनात था जो उस गांव का ही निवासी था, इंस्पेक्टर से कहता है। साहब हमें

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डर का साया - 14

8 मई 2023
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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए रोहन सोना से पूछता है। अब बताओ मुझे अपनी पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए क्या करना होगा। ताकि मैं भी बाहुबली की तरह एकदम तकड़ा और बलवान वन सकूं। बड़े-बड़े पहाड़ों पर चढ़ सकूं और जंगल म

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डर का साया - 15

9 मई 2023
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हर्बल रस पीते ही रोहन अपने शरीर में तुरन्त शक्ति के संचार का अनुभव करने लगता है और उसे बड़ी जोर से भूख लगने लगती है। तभी वो सोना से शरारती अंदाज में कहता है। तुम्हारा रस तो बहुत कमाल का है, देखो अभी इस

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डर का साया - 16

9 मई 2023
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तभी सोना अपनी उन यादों को याद करने लगती है। जब दस साल पहले वो अपने पैतृक गांव आये थे। उस समय सोना के पिताजी कश्मीर से सोना की मां और उसे लेकर गांव आये थे। सोना दिखने में बिल्कुल अपनी मां पर ही गई थी।

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कोढ़ी महिला और माया - 17

10 मई 2023
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वहीं दूसरी ओर सोना की मां जिसका नाम माया था, यह जान चुकी थी कि उक्त महिला जो कोढ़ की बीमारी से ग्रसित है यदि इसका सही समय में समुचित इलाज कर दिया जाये तो वह निश्चित रूप से स्वस्थ हो सकती है लेकिन इसके

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डर का साया - 18

10 मई 2023
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जैसा कि माया ने कोढ़ी महिला को बताया था। उसी के अनुसार उसका भाई कुछ खाने का सामान और अन्य आवश्यक वस्तुएं वहां छोड़ जाता है। जिसकी सहायता से माया उक्त महिला का उपचार करने लगती है। यह सब दूर-दूर से सोना भ

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देवी का अवतरण - 19

13 मई 2023
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गांव में शिवरात्रि का पर्व की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी। गांव के मंदिर में रहने वाली एक महिला जो मंदिर की साफ-सफाई इत्यादि का कार्य करती थी। उसे गांव में बड़े ही आदर की दृष्टि से देखा जाता था। भले

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देवी का अवतरण - 20

13 मई 2023
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माता को अवतरण होते ही वह महिला हवन कुण्ड के चारो ओर कूदते हुए बड़ी भयानक आवाजें निकालती है। तभी वह हवनकुण्ड की अग्नि के एकदम समीप आकर बैठ जाती है। जहां अग्नि का इतना तेज प्रभाव था कि अन्य लोग उससे बहुत

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एक थी डायन - 21

16 मई 2023
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शिष्य एक बार फिर से माता से पूछता है, हे जगदम्बा, मैं आपकी बारंबार वंदना करता हूं। कृप्या शांत हो जायें और हमारा मार्गदर्शन करें। हमें बतायें कि हम पर क्या मुसीबत आ चुकी है और इसका क्या निवारण है। तभी

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डायन का अंत - 22

18 मई 2023
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वहीं दूसरी ओर झोपड़ी के एक कमरे में बंद सोना किसी तरह खिड़की से बाहर निकलकर गांव वालों का पीछा करने लगती है। सोना के पिताजी जिन्हें गांववालों ने रस्सियों से बांधकर उन्हें बैलगाड़ी में डाल दिया था और उसकी

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डर का साया - 23

19 मई 2023
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सोना के चेहरे पर सुबह की पहली सूरज की किरण पड़ती है तब पहली बार वो अपनी पलके झपकाती है और उसकी आंखो से आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। तभी वो धीरे-धीरे जल चुकी अपनी मां की अग्नि की ओर बढ़ने लगती है जिसकी ल

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डर का साया - 24

20 मई 2023
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कश्मीर पहुंचते हुए गंगाधर अपनी बेटी सोना को लेकर बैग उठाकर चल पड़ता है। थोड़ी दूर चलते-चलते उन्हें एक घर दिखाई देता है। जो कश्मीर की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बना था। चारो ओर पहाड़ और हरियाली के बीच दूर-दू

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डर का साया (बदला) - 25

23 मई 2023
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कुछ दिनों के बाद गंगाधर सोना और काया को लेकर वापिस गांव में अपने घर आ जाता है। सोना का मन अब गांव में नहीं लग रहा था और वो अपने पिता से कहती है - पिताजी मुझे अब यहां अच्छा नहीं लग रहा है, अब हमें कश्म

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डर का साया (बदला) - 26

23 मई 2023
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काया श्मशान के मुख्य द्वार पर खड़ी होकर तांत्रिक रूद्रदेव को देखकर जोर से हंसती है और चीखते हुए कहती है, आज मैं तुझे नहीं छोड़ूंगी तांत्रिक। तूने मुझे जिन्दा जलाया था न, अब देख मैं तेरे साथ क्या करती हू

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डर का साया (बदला) - 27

24 मई 2023
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रूद्रनाथ के चेले जंगल में आवाज लगाते हुए उसकी ओर बढ़ रहे थे। रूद्रनाथ जो उल्टा पेड़ पर लटका हुआ था उसे होश आ जाता है और खुद को उल्टा लटका देख वो समझ जाता है कि उसे इस जाल में फंसाया गया है जो किसी भूत क

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डर का साया - 28

26 मई 2023
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इस घटना के बाद सोना अपने परिवार के साथ रहने लगी। जंगल में किसी अनजान जड़ी-बूटी के सम्पर्क में आने के कारण अब सोना का शरीर सामान्य लड़कियों की तरह बढ़ने लगा था जिसे देखकर गंगाधर, काया और सोना सभी खुश थे।

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डर का साया - 29

27 मई 2023
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वहीं गांव में इंस्पेक्टर शक्तिनाथ फारेस्ट गार्ड के मर्डर केस की छानबीन कर रहा था। उसकी छानबीन का केन्द्रबिन्दु पास ही का दूसरा गांव था। शक्तिनाथ अपने सिपाहियों से कहता है - जल्दी से जल्दी वहां के सभी

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डर का साया - 30

29 मई 2023
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चाय पीते हुए भानू प्रताप भारी आवाज में सोना से पूछता है - वहां बगीचे के किनारे मैंने अभी जंगली सुअर का गोली लगा सिर और हड्डियां देखी हैं। उसके बारे में क्या कहोगी? इस पर सोना कुछ नहीं बोलती। भानू प्र

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डर का साया - 31

29 मई 2023
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पूरे गांव में भानूप्रताप को ढूंढता हुआ हीरा ठाकुर वापिस थाने आ जाता है, जहां इन्स्पेक्टर शक्तिनाथ हीरा ठाकुर से पूछता है - आज कहां थे तुम और भानूप्रताप और केस का कुछ पता चला। हीरा ठाकुर - साहब, भानूप

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डर का साया (साइको) - 32

30 मई 2023
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भानूप्रताप के शरीर को पोस्टमॉर्टम हेतु भेजने के बाद इंस्पेक्टर शक्तिनाथ अपने कुछ सिपाहियों के साथ फौजी गंगाधर के घर की ओर चल पड़ते हैं। वहां पहुंचकर शक्तिनाथ गंगाधर को पूछताछ के लिए थाने लेकर आता है और

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डर का साया (साइको) - 33

1 जून 2023
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गांव में एक छोटी सी अफवाह भी बड़ी तेजी से फैलती है। यहां तो दिन-दहाड़े गांव की एक औरत की निर्मम हत्या हुई थी। जिन लोगों ने भी वह लाश देखी थी। सभी अपनी-अपनी कहानियां गांव वालों को सुना रहे थे। कुछ कह रहे

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डर का साया (साइको) - 34

6 जून 2023
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पिछले अंक में आपने पढ़ा कि एक स्त्री जो पेड़ से बंधी हुई थी। चारो ओर पेड़ ही पेड़ थे लेकिन वो जंगल न था। यह एक बाग था, जहां आम और अमरूद के बहुत सारे पेड़ थे। स्त्री अपने सामने एक व्यक्ति को देखती है। जो सा

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डर का साया (साइको) - 35

22 जून 2023
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पिछले अंक में आपने पढ़ा एक साइको ने सोना की मां काया को अपना शिकार बना लिया था जिसे देखकर सोना बड़ी फुर्ती से जंगल की ओर चिल्लाते हुए दौड़ने लगती है। उसके पीछे-पीछे साइको अपने हाथ में लोहे का साइको वाला

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डर का साया (साइको) - 36

22 जून 2023
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जंगल में तेजी से भागते हुए सोना उस व्यक्ति को बांस वाले जंगल की ओर ले जाने लगती है। जहां उसने पहले से बांसों को मोड़कर जाल बिछाया हुआ था। वहां पहुंचते ही सोना तेजी से टेढ़ा-मेढ़ा भागने लगती है। जिसके पीछ

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डर का साया (साइको वर्सेस फौजी) - 37

22 जून 2023
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लोहे की छड़ी गर्म होकर लाल होने लगती है। जिससे उड़ने वाले लोहे के जलने की गन्ध जंगल में महकने लगती है। इस समय पेड़ से बंधी सोना बेहोश हो चुकी थी। तभी साइको सोना के चेहरे को अपने हाथों से हिलाते हुए उसे ज

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डर का साया (साइको वर्सेज पुलिस) - 38

22 जून 2023
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पिछले अंक में आपने पढ़ा साइको और फौजी गंगाधर की जंगल में लड़ाई होती है जिसमें साइको बुरी से चोट खाकर भाग जाता है। तभी थोड़ी देर में कुछ गांव वाले वहां पहुंचते हैं और गंगाधर से पूछते हैं - कहां है वो पागल

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डर का साया (साइको वर्सेस पुलिस) - 39

22 जून 2023
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यह सुनते ही शक्तिनाथ का माथा ठनक गया और वह तेजी से अपनी कुर्सी से उठते हुए बोला, कहां देखा था तूने उस औरत को, हीरा ठाकुर - यहीं पास ही एक कुंआ पड़ता है, बस वहीं पेड़ के नीचे। इससे पहले हीरा ठाकुर कुछ सम

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डर का साया (साइको) - 40

22 जून 2023
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वहीं दूसरी ओर साइको बड़ी तेजी से मोटरसाइकिल दौड़ाते हुए गांव से बाहर बने हाइवे पर कुछ किलोमीटर आगे निकल जाता है। जहां जंगल सड़क के किनारे पड़ने वाले जंगल के अंदर गाड़ी छिपाकर वह पैदल ही थोड़ा आगे चलने लगता

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डर का साया (साइको) - 41

22 जून 2023
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इधर सुन्दर लाल होटल में अपना अधूरा काम पूरा करने के लिए आईने के आगे खड़ा मेकअप कर रहा था। सुन्दर ने इतना परफेक्ट मेकअप किया था जिससे वह पूरी तरह एक सुन्दर औरत लग रहा था। जिसे पहचान पाना बहुत ही मुश्किल

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डर का साया (साइको) - 42

22 जून 2023
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सुन्दर धीमे कदमों से गांव के बाहर बने सोना के घर की ओर चल रहा था। जिसके पीछे थोड़ी दूरी बनाकर रोहन और गांव के कुछ और लड़के आ रहे थे। सुन्दर जो इस समय महिला के रूप में था, उसकी चाल-ढाल और बात करने के तरी

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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 43

22 जून 2023
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कुछ सेकेण्ड आंख बंद करने के बाद जब वह आंख खोलता है जहां उसी नजर खुली किचन की स्लैब में रखे कांच के मर्तबान पर पड़ती है जिस पर बकरे का अचार का स्टिकर चिपका हुआ था। जिसे देखकर सुन्दर का मन ललचा उठता है औ

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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 44

22 जून 2023
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8 वर्ष की छोटी सी आयु में सुन्दर की मां दिल का दौरा पड़ने के लिए चल बसी। जो सुन्दर के लिए बड़ा झटका था। सुन्दर के पिताजी जो आर्मी में सिपाही थे और अक्सर घर से बाहर ही रहते थे। परिवार में नजदीक का कोई ने

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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 45

22 जून 2023
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सुन्दर की मां की बात सुन सुनकर परेशान उसके पिता कुछ महीने की छुट्टी लेकर घर आते हैं और अकेले में सुन्दर को बुलाकर प्यार से समझाते हैं। देखो बेटा सुन्दर आज मैं तुमसे बहुत जरूरी बात करने वाला हूं। जो तु

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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 46

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सुन्दर को गाड़ी में डालकर सेन्टर ले जाया जा रहा था। कुछ घण्टै गाड़ी के चलने के बाद वह एक सुनसान रास्ते की ओर मुड़ जाती है। जो सूखा, पथरीला और कच्चा होने के कारण गाड़ी में झटके लग रहे थे। थोड़ी देर बाद एक स

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डर का साया (साइको की पीड़ा) - 47

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सुन्दर के पास ही बैठा दूसरा युवक जो घबराया हुआ चुपचाप एक कोने में दुबक कर बैठा हुआ था। जिसके चेहरे पर कुछ चोटों के निशान थे। उसे देखकर सुन्दर उसके पास जाकर धीरे से पूछता है कि तुम्हें भी तुम्हारे घरवा

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डर का साया (डॉक्टर जोनी सिन) - 48

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कमरे में बंद सभी युवक युवतियां अभी एक दूसरे को देख ही रहे थे। तभी अचानक एसी तेजी से ठण्डी हवा छोड़ने लगते हैं जिसके कारण कमरें में ठण्ड बढ़ जाती है और सभी ठिठुरने लगते हैं और गर्मी पाने के लिए खुद को रग

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डर का साया (डॉक्टर जॉनी सिन) - 49

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विक्की - बिल्कुल सही समझे। यह सब तिहाड़ जेल में अलग-अलग अपराधों से सजा काट चुके अपराधी हैं। जहां यह पांच लोग एक ही बैरक में बंद थे और इन्होंने प्लान बनाया कि बाहर निकलते ही कुछ ऐसा नया काम करेंगे जिसका

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डर का साया (जॉनी का जलवा) - 50

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यह कहकर जॉनी उसे अंदर ही बने एक दूसरे कमरे में ले जाता है। जहां एक बैड बिछा हुआ था और भिनी-भिनी खुशबू आ रही थी। तभी सुन्दर जॉनी को कहता है आज यह मेरा पहली बार है इसलिए हो सकता है मैं यह सब सह न सकूं।

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डर का साया - 51

22 जून 2023
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कुछ ही देर में अन्दर से एक व्यक्ति बाहर आता है। जिसे देखकर विक्की खड़ा हो जाता है। हाथ मिलाने के बाद वह व्यक्ति विक्की से पूछता है। इतनी रात को यहां कैसे आना हुआ और यह लड़का कौन है? यह सवाल सुनकर विक्की

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डर का साया (अंतिम भाग) -52

22 जून 2023
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तभी वकील साहब अपनी पत्नी सीमा से कहते हैं - तुमने तो कमाल कर दिया। सीमा - इसमें मेरा कमाल तो है ही, जिससे तुम्हें मुनाफा। विक्की - और मुझे भी। यह कहकर तीनों हंसने लगते हैं। असल में वकील साहब को ऐसे

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