जिन्होंने वारे लाल वतन पे -
नमन करो उन माँओं को ;
जिनके मिटे सुहाग देश - हित--
शीश झुकाओं उन ललनाओं को !!
दे सर्वोच्च बलिदान जीवन का -
मातृभूमि की लाज बचाई .
जिनकी बदौलत आज आजादी -
हो सत्तर की इतरायी ;
यशो गान रचो उन वीरों के -
गाओ उनकी गौरव - गाथाओं को !!
करो तिलक उस माटी का -
जिस में वो वीर सूरमा खेले ,
चुन के राह वतन की जिन्होंने -
तजे सब वैभव के मेले ;
जय घोष करों उन का जिन्होंने -
पार किया सब बाधाओं को !!
कैसे हम सो पाते नींद चैन की -
जो ये अपना चैन न खोते ?
कौन बढाता मान देश का -
जो ये माओं के सिरफिरे लाल ना होते ?
मिटे ना चाह देश की -
मिटाया अपनों की आशाओं को !!
जिन अबोध नौनिहालों के पिता -
तिरंगे में लिपट घर आये ,
देखो !किसी भी कारण से --
उनकी आँख ना नम हो पाए ;
दुलारो !ये बालक देश के हैं -
पूर्ण करों इनकी अभिलाषाओं को !!
जिन्होंने वारे लाल वतन पे -
नमन करो उन माँओं को ,
जिनके मिटे सुहाग देश - हित-
शीश झुकाओं उन ललनाओं को !!!!!!!!!!
चित्र -- गूगल से साभार -
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