जगी आँखों से सपने--
ए मन तू ना देख यहाँ ,
कहाँ लिखे थे उनके संग -
तेरी किस्मत के लेख यहाँ ?
चकोर को कब मिला चंदा -
हर सीप को कब मिला मोती ?
प्यासे सावन को तक अक्सर
चातक की आँखे नम होती !!!!!!!!
28 मई 2017
जगी आँखों से सपने--
ए मन तू ना देख यहाँ ,
कहाँ लिखे थे उनके संग -
तेरी किस्मत के लेख यहाँ ?
चकोर को कब मिला चंदा -
हर सीप को कब मिला मोती ?
प्यासे सावन को तक अक्सर
चातक की आँखे नम होती !!!!!!!!
83 फ़ॉलोअर्स
Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग -----
क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.com
मीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com
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धतूरा का फूल और सीप का चित्रण वाह, सुन्दर गीतिका रेणु जी
11 जुलाई 2017
अति सुंदर रचना
23 जून 2017
वाह आदरणीया वाह , अतीव सुन्दरतम गीतिका
16 जून 2017
बहुत ही उम्दा
9 जून 2017
बहुत ही सुन्दर रचना रेणु जी, आपके लघु शब्द बहुत कुछ बोलते हैं यदि आप कोई ब्लॉग लिखती हैं तो जानकारी दे आभार एकलव्य
8 जून 2017
रचना बहुत acchi r
7 जून 2017
हर सीप को कब मिला मोती, कब चाँद चकोरी ने पाया। जो दिल में था वो मिला नहीं, जो मिला बो कब मन को भाया। बहुत ही सटीक भाव हैं उक्त रचना में , संसार में सब जो नहीं मिला इसी की कामना में दुखी हो रहे हैं। और इसी दुःख में जी पास है कहीं न कहीं उसको भी खो रहे गेन।
7 जून 2017
बहुत सुन्दर पंक्तिया
6 जून 2017
मन को समझाने के लिए आपकी लिखी चंद पंक्तियाँ गागर में सागर की भांति हैं. इस सुन्दर भावप्रवण रचना के लिए बधाई .
4 जून 2017
बहुत सुंदर रचना
30 मई 2017