जब सबने रुला दिया -
तब तुमने हंसा दिया ,
ये कौन प्रीत का जादू भीतर -
तुमने जगा दिया ?
जीवन में तुम्हारा होना -
शायद अरमान हमारा था ;
इसी लिए अनजाने में
दिल ने तुम्हे पुकारा था ;
सहलाया ये घायल अंतर्मन --
मरहम सा लगा दिया !!
खुद को भूले बैठे थे -
जीवन की तप्त दुपहरी थी -
जो साथ तुम्हे लेकर आई -
वो भोर सुनहरी थी ;
तुम आये खुशियाँ संग लाये -
हरेक दर्द भुला दिया !!
जो मन में गूंजा करता था
वो इक नाम तेरा ही था ;
एक अलग रूप में मिला है साथी -
तू घनश्याम मेरा ही था ;
साथ दिया अपना तुमने
मायूसी की नींदों से जगा दिया !!
उसी क्षण की परिक्रमा करता -
ये अनुरागी मन मेरा ,
जो भर गया दामन में उमंगे -
और बदल गया जीवन मेरा ;
उपकार बड़ा उस पल का-
जिसने तुमसे मिला दिया !!!!!!!!!!!!
चित्र -- गूगल से साभार -----
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