shabd-logo

कचोटती तन्हाइयां -भाग 33

10 अगस्त 2023

87 बार देखा गया 87
मानसी बोली -" उनके बाप का नहीं मगर उनके बाबा का तो घर है ,वो बाबा ,जिनका स्वास्थ्य इतना खराब हो गया था कि वे मरणासन्न हो गए थे तब तो तुम और देवर जी अपने -अपने मुंह छुपाए वहां पड़े हुए थे तब इनके बाप ने ही उपचार कराया था ,दवा-पानी सब कराया था तब जाकर पिताजी सही हुए थे जबकि पिताजी तो तुम्हारे व देवर जी के हिस्से में हैं मगर रुपए न लगाने पड़ें तो दर्शन तक न हुए थे और जैसे ही पिताजी सही हुए नार बेवार लेकर आ गईं ।
वो उनके बाबा का घर है तो उनका अधिकार है वहां रहने का समझीं !!"
मानसी के मुंह से ये सब सुनकर कनक से कुछ कहते न‌ बना और वो जैसे आई थी वैसे ही वापस हो ली ।
राज प्रताप भानु  और राग प्रताप भानु दोनों‌ ने आपस में मंत्रणा कर ली थी कि तुम खेतों को जाओगे तो मैं हवेली में रहूंगा और मैं खेतों को जाऊंगा तब तुम हवेली में रहना ।

दोनों ने  हवेली में ही डेरा जमा लिया और जैसे ही भोजन बनता वे दोनों आकर पलथी  मारकर भोजन करने बैठ जाते थे ।
दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु छोटे होने के बाद भी राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु को खरी खोटी सुनाते ,जलील करते मगर दोनों उनकी बातों‌ पर ध्यान ही न देते थे ।
दिव्यांश प्रताप भानु चुपचाप भोजन कर अपने कक्ष में चला जाता था , राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु से कुछ न कहता तो दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु एक दिवस उसके कक्ष में गए और दिवाकर प्रताप भानु ने उससे कहा -" दिव्यांश दादा ,आप मिट्टी के माधो हो और वही रहोगे ,देख रहे हो कि हवेली में हिस्सा लेने के लिए राज दादा व राग दादा डेरा डाले बैठे हैं मगर आपको कुछ कहना ही नहीं !!" 
दिव्यांश प्रताप भानु ने भी कह दिया -" पहली बात तो वो‌ दोनों तुम दोनों से बड़े हैं तो उनके साथ तमीज से पेश आओ दूसरी बात ये हवेली अभी भी बाबा की है और बाबा उनके भी हैं उस नाते ये उनकी भी है ,वो जब तक चाहें यहां रह सकते हैं ,तुम दोनों उन्हें मना करने वाले कौन‌ होते हो जब बाबा ने उन्हें मना न किया !!"
"आप भी किसके आगे सिर फोड़ रहे हो दिवाकर दादा , दिव्यांश दादा तो उस शिवाली के ही असल भाई होने के लायक हैं ,वो भी बुद्धिहीन और ..... चलिए हम दोनों मिलकर ही कुछ करते हैं ।"दिनकर प्रताप भानु ने दिवाकर प्रताप भानु से कहा और दोनों दिव्यांश प्रताप भानु के कक्ष से चले गए।
दिव्यांश प्रताप भानु ,दिनकर प्रताप भानु की कही अधूरी बात का अर्थ समझ गया और उसकी आंखों से अश्रु धार बह चली ।

सूर्य प्रताप भानु के मन को छू गया था कि जब मैं बहुत ज्यादा बीमार हो गया था तब शिव प्रताप भानु ने ही मेरा उपचार कराया था इसीलिए शायद सूर्य प्रताप भानु ने राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु को कुछ भी न कहा था ।
राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु भी बाबा सूर्य प्रताप भानु की मौन स्वीकृति महसूस कर आराम से हवेली में रहकर कनक ,दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु की शांति भंग कर रहे थे ।
भोजन बनते ही तुरंत आकर बैठ जाना ,भोजन कर अपनी थाली वहीं रख कर जूठन फैलाकर हाथ धोने के नाम पर आंगन में इधर उधर पानी फैलाना , तौलिए में गंदे हाथ पोछ देना दिवाकर प्रताप भानु ,दिनकर प्रताप भानु के साथ ही साथ कनक को भी बहुत कष्ट दे रहा था और कनक के द्वारा बात दिव्य प्रताप भानु तक भी पहुंच रही थी ।
एक दिवस दिव्य प्रताप भानु ने फोन‌ कर कनक से कडे़ शब्दों में कहा -" कब तक चलेगा ये सब !! मैं यहां विद्यालय  से आकर अपने लिए भोजन ही बनाता रहूं और वहां शिव दादा के दोनों नाग हवेली पर फन फैलाए बैठे रहें !! दिव्यांश प्रताप से तो कोई उम्मीद ही नहीं है पर दिवाकर प्रताप और दिनकर प्रताप से कहो कि उठाकर उन दोनों को हवेली के बाहर फेंक दें वरना अगर मैं वहां आ गया तो उन दोनों को घसीटते हुए अपनी हवेली से बाहर फेंक दूंगा ।"
कनक ने दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु को सूचित किया और उन दोनों ने जाकर राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु के जो एक दो जोड़ी कपडे़  थे वो उठाकर कक्ष से बाहर डाल दिए ,उस समय राग प्रताप भानु सो रहा था और राज प्रताप भानु खेतों पर गया था ।
जब राग प्रताप भानु सोकर उठा तो कक्ष अव्यवस्थित देखा और अपने कपड़े ,चप्पल न देखीं तो कक्ष के बाहर गया तो वहां उसने अपने व दादा राज प्रताप भानु के कपड़े व चप्पल पड़ी देखीं ,उसके क्रोध का पारावार न रहा और उसने तुरंत राज प्रताप भानु को फोन लगाकर हवेली बुलाया ।

राज प्रताप भानु हवेली आया और हवेली का प्रांगण युद्ध का जैसे मैदान हो गया ।
एक तरफ दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु और दूसरी तरफ राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु आपस में अपशब्दों की बौछार करने लगे और बात हाथापाई तक पहुंच गई ।

" और सूर्य प्रताप भानु  बैठे बैठे सब देखते रहे !!" मादा गौरैया ने नर गौरैया से विस्मय से पूछा ।

" नहीं , सूर्य प्रताप भानु को उठकर आना पडा़ , सुनों आगे क्या हुआ ......" नर गौरैया अपने नीड़ में मादा गौरैया के साथ  बैठे हुए मादा गौरैया से कहते हुए आगे सुनाने लगा -- सूर्य प्रताप भानु अपने कक्ष से उठकर हवेली के प्रागंण में आए और तेज स्वर में बोले -"बस करो !! बहुत हो गया ,, और तुम दोनों दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु , अपने से बडों से ऐसे पेश‌ आया जाता है !! 

और तुम दोनों राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु , तुम दोनों को फिर से हवेली में बंटवारा चाहिए ना !! ठीक है , इस रविवार  दिव्य प्रताप भानु हवेली आ जाए फिर अपने पिता शिव प्रताप को भी बुला लाना और नए सिरे से हवेली और जो भाग तुम्हारे पिता शिव प्रताप भानु को मिला है , उसका बंटवारा होगा।" ...........शेष अगले भाग में।

डा भागेन्द्र ठाकुर

डा भागेन्द्र ठाकुर

नर और मादा गोरय्या के माध्यम से आपने बहुत सुन्दर ढ़ंग से कथा को आगे बढ़ाया है।

14 सितम्बर 2024

46
रचनाएँ
कचोटती तनहाइयाँ
4.8
मैं आप सबके लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ ,जिसका शीर्षक है 'कचोटती तनहाइयाँ '। मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है ।मेरी ये कहानी है कहानी के नायक सूर्य प्रताप भानु व उसकी सहधर्मिणी दिव्या प्रताप भानु की । सूर्य प्रताप भानु जो अपने पूर्वजों द्वारा प्राप्त हजारों एकड़ भूमि का स्वामी है और दो बेटों शिव प्रताप भानु व दिव्य प्रताप भानु का पिता है । मेरी ये कहानी 'कचोटती तनहाइयाँ ' वृद्धावस्था में अपनी कचोटती तनहाइयों से जूझ रहे सूर्य प्रताप भानु व दिव्या प्रताप भानु की है,अपनी कचोटती तनहाइयों के लिए ये दोनों स्वयं जिम्मेदार हैं ।हर बार इंसान की औलाद ही दोषी न होती है ,कभी कभी माँ और बाप भी ऐसा कुछ कर जाते हैं जिसका परिणाम उन्हें अपनी वृद्धावस्था में भुगतना पड़ता है जैसे सूर्य प्रताप भानु व दिव्या प्रताप भानु भुगत रहे हैं । आखिर हुआ क्या !! ये जानने के लिए पढे़ं मेरी कहानी -'कचोटती तनहाइयाँ ' 😊🙏🙏
1

कचोटती तनहाइयाँ-भाग 1

26 जुलाई 2023
288
88
16

गोधूलि बेला होने वाली है ।गोधूलि बेला में चरवाहे अपने गोवंशों को घर ले जाते हैं, भगवान भास्कर अपना उदास,क्लांत, मुख लिए पश्चिम में जाते हैं और विहग अपने नीड़ की तरफ लौटते हैं ,ऐसे ही गोधूलि बेला में ग

2

कचोटती तनहाइयाँ-भाग 2

26 जुलाई 2023
159
78
10

कथा सुनते मादा गौरैया सोने लगी थी और नर गौरैया भी ऊँघने लगा था ।"ऊँहहूँ , बडी़ आफत है !दिनभर मजदूरी करके आओ,रात में सोने को मिलता है तो ये बुढ़ऊ भक्क भक्क लगाकर सारी नींद बिगाड़ देते हैं !!"सत्य शरण न

3

कचोटती तन्हाइयां -भाग 3

28 जुलाई 2023
124
77
5

उस दिवस जो, विहग ने सूर्य प्रताप भानु और दिव्या प्रताप भानु के कक्ष से निकलकर हवेली के प्रांगण में बने अपने कोठर में बैठकर अपना सिर अपनी गर्दन पर टिका लिया था , तो उस दिवस से उसने सूर्य प्रताप भानु के

4

कचोटती तन्हाइयां -भाग 4

28 जुलाई 2023
109
77
6

दिव्य प्रताप भानु ,नंदिनी के साथ इसलिए न खेलता कि कहीं वो उससे उसके खिलौने न माँग ले और दूसरी बात अपनी बहन नंदिनी के जन्म पर जो उसके पिता ने कहा व व्यवहार किया था ,उसके कोमल मन पर उसकी छाप बन गई थी ,उ

5

कचोटती तन्हाइयां -भाग 5

28 जुलाई 2023
103
76
7

नंदिनी हवेली के मुख्य दरवाजे की ओट से अपना मासूम मन लिए हुए बाहर बैठे पिता व दोनों दादा को देख रही थी।सूर्य प्रताप भानु ने तो नंदिनी का विद्यालय में दाखिला तक न करवाया था ,नंदिनी दिव्य प्रताप भानु को

6

कचोटती तन्हाइयां -भाग 6

29 जुलाई 2023
100
75
6

सूर्य प्रताप भानु के तीनों बच्चे बडे़ हो रहे थे ।अपनी उम्र पूरी करके दिव्या का प्रिय विहग स्वर्ग सिधार गया था ,जिसकी वजह से दिव्या बहुत शोकाकुल रहने लगी थी। शिव प्रताप भानु पिता के कार्यों में हाथ बँट

7

कचोटती तन्हाइयां -भाग 7

29 जुलाई 2023
93
75
5

"मेरी पीठ पीछे क्या होता रहता है !! स्पष्ट बताओ,पहेलियाँ न बुझाओ !!"सूर्य प्रताप भानु ने कहा।शिव प्रताप भानु हैरानी से छोटे भाई दिव्य को देखने लगा कि ये क्या कहने आया है यहाँ !!दिव्य प्रताप भानु ने कु

8

कचोटती तन्हाइयां -भाग 8

29 जुलाई 2023
92
74
6

नर गौरैया ने आगे की कथा मादा गौरैया को पुनः सुनानी आरंभ कर दी --जहाँ एक तरफ शिव प्रताप के मन में अपने पिता सूर्य प्रताप के प्रति पर्याप्त खटास आ गई थी वहीं दिव्य प्रताप ने मन ही मन निश्चय किया था कि प

9

कचोटती तन्हाइयां -भाग 9

30 जुलाई 2023
90
74
6

श्रीधन सूर्य प्रताप भानु के समीप खडे़ होकर बोला -"मालिक अपनी हवेली के दक्षिण तरफ जो मुख्य मार्ग गया है उस पर जाकर आगे चलकर जो थोडा़ वन क्षेत्र पड़ता है ,उसके आगे ही एक नदी पड़ती है ,,वो नदी पार करने क

10

कचोटती तन्हाइयां -भाग 10

30 जुलाई 2023
89
73
4

सुरतिया पाकशाला का कार्य समेट रही थी और समेटते समेटते ही उसने मनिका व नंदिनी की बात सुनी थी तो उसका मन भी खिन्न हो गया था ,होता भी क्यों नहीं !! माना हवेली के भीतरी कार्यों में लगे रहने की वजह से उसे

11

कचोटती तन्हाइयां -भाग 11

30 जुलाई 2023
88
71
4

"जानती हूँ मैडम जी ,, उसी संबंध में बात करने आई हूँ।"सुरतिया ने दिव्या के पैरों के पास भूमि पर पडी़ दरी पर बैठते हुए कहा ।"हाँ बोल क्या बात करनी है तुझे ?"दिव्या ने पूछा ।"वो मैडम जी ,कल रात से

12

कचोटती तन्हाइयां -भाग 12

30 जुलाई 2023
88
72
5

दिव्या का बुझा और उदास मन याद करने लगा कि कब 'इन्होनें' मुझसे प्यार से बात की !! विवाह के बाद से अभी तक इन्होने उसपर अपनी व्यस्तता ही तो थोपी , अपना रौब ही तो झाडा़ और कुछ नहीं ,,, प्यार के दो बोल तो

13

कचोटती तन्हाइयां -भाग 13

31 जुलाई 2023
85
71
4

नंदिनी के विवाह के दो दिन रह गए थे और दिव्या मन ही मन ये सोचकर कुढ़ रही थी कि इनको लोकलाज की भी परवाह नहीं है ,, ये नहीं सोचते कि सामने भले कोई न बोले मगर पीठ पीछे तो लोग हँसकर कहेंगे ही कि देखो

14

कचोटती तन्हाइयां -भाग 14

1 अगस्त 2023
84
70
5

दिव्य प्रताप भानु प्रसन्न होता हुआ ,मन ही मन अपनी पीठ थपथपाता हुआ हवेली के बाहर जा रहा था कि मैं जैसा सोच रहा था सबकुछ वैसे ही हो रहा है अब मुझे अपना दाँव खेलना है ।गोपी हवेली के सामने वाले शिव मंदिर

15

कचोटती तन्हाइयां -भाग 15

1 अगस्त 2023
83
68
4

पूरे विधि विधान से कुशलता पूर्वक नंदिनी का विवाह संपन्न हो गया था और विवाह संपन्न होते होते भोर हो गई थी ।भोर में कलेवा होने लगा ।सूर्य प्रताप भानु ने हवेली के बाहर बने बरामदे में कलेवा में ही नंदिनी

16

कचोटती तन्हाइयां -भाग 16

2 अगस्त 2023
81
69
4

नंदिनी मनिका को लेकर विदा होकर नवीश के साथ चली गई ,तत्पश्चात श्रीधन हवेली की और उसके सामने शिव मंदिर की सारी सजावट कृषकों की मदद से हटवाने लगा ।शिव प्रताप भानु रात का बचा भोजन व मिठाइयाँ भीतर रखवाकर प

17

कचोटती तन्हाइयां -भाग 17

2 अगस्त 2023
81
69
3

अब वो समय आ गया था जब शिव प्रताप भानु और दिव्य प्रताप भानु दोनों के विवाह के लिए रिश्ते आना प्रारंभ हो गए थे।सूर्य प्रताप लड़की वालों से वार्ता करते और उनके द्वारा लाई उनकी बेटी की फोटो हवेली के

18

कचोटती तन्हाइयां -भाग 18

2 अगस्त 2023
79
68
4

" ओहो , एक तो सूर्य प्रताप का नंदिनी के प्रति ऐसा व्यवहार कि भाई शिव के द्वारा उसके संदूक में जेवर रख देने से आग बबूला हो जाना , अपनी हजारों एकड़ की जमीन में से शिव प्रताप को महज ढा़ई सौ एकड़ दे

19

कचोटती तन्हाइयां -भाग 19

2 अगस्त 2023
80
69
2

जब से सूर्य प्रताप ने अपनी वसीयत कर अपनी हजारों एकड़ की भूमि में से शिव प्रताप को महज ढा़ई सौ एकड़ भूमि दी थी और दिव्या ने भी इस पक्षपात पर कुछ न कहा था तब से शिव प्रताप के मन से माँ दिव्या भी दूर हो

20

कचोटती तन्हाइयां -भाग 20

3 अगस्त 2023
79
68
3

दिव्या व मानसी बात कर ही रही थीं कि दिव्या के कक्ष में दिव्य ने प्रवेश किया ।"अरे दिव्य ,मेरा लाड़ला बेटा ,आओ ,आओ ।"दिव्या ने उठकर आगे बढ़ते हुए दिव्य प्रताप भानु से स्नेह का गागर उडे़लते हुए कहा ।दिव

21

कचोटती तन्हाइयां -भाग 21

3 अगस्त 2023
78
68
3

श्रीधन दिव्य से कुछ भी कहने की हिम्मत न कर सका और दिव्य की तरफ देखकर -"नहीं ,कुछ नहीं बेटा"कहकर वापस हवेली के पीछे बने अपने घर लौट गया ।श्रीधन के घर जाने के दो रास्ते थे ,एक हवेली के गलियारे से होते ह

22

कचोटती तन्हाइयां -भाग 22

7 अगस्त 2023
79
68
3

।श्रीधन हवेली में दबे पाँव आ तो गया मगर चूंकि वो प्रथम बार हवेली के भीतर आया था तो उसे दिव्य प्रताप भानु का कक्ष कौन सा है ये न पता था अतः वो हर कक्ष के पास से दबे पाँव गुजरता हुआ हर कक्ष के अंदर झांक

23

कचोटती तन्हाइयां -भाग 23

7 अगस्त 2023
78
69
1

" उफ़ ! ये दिव्य तो बहुत ही बुरा इंसान है, अपने ही भाई को फंसा रहा है जबकि उसकी कोई ग़लती ही नहीं इस सब में !!" मादा गौरैया ने नर गौरैया से कहा ।" हां ,ये इंसान और इनकी प्रकृति ऐसी ही होती है ,ये अपने

24

कचोटती तन्हाइयां -भाग 24

7 अगस्त 2023
77
67
5

सुरतिया श्रीधन को लेकर अस्पताल के बाहर पड़े परिसर के एक वृक्ष के नीचे बैठ गई और रोते हुए बोली - "ये आपने क्या कर दिया ! अब हम कहां रहेंगे ,क्या खाएंगे ! " " मैं भी जा रहा हूं दिव्य दादा , यहां कब

25

कचोटती तन्हाइयां -भाग 25

7 अगस्त 2023
75
66
2

कनक बिना कुछ कहे ही चली गई, बडे़ और उदार ह्रदय वाली मानसी ने भी घर में शांति बनी रहे इस हेतु आगे कुछ न कहा और सारे कार्य स्वयं ही करती रही ।मानसी की चुप्पी से कनक और ज्यादा मनमानी करने लगी और मा

26

कचोटती तन्हाइयां -भाग 26

7 अगस्त 2023
74
66
2

"क्या ! पिताजी ने हमारे साथ इतना पक्षपात किया और मां ने कुछ न कहा क्या !आप भी तो उनके बेटे हो और बडे बेटे हो कोई आपको कहीं से उठा कर तो न लाया गया !!"मानसी ने राज प्रताप भानु को सुलाते हुए कहा ।" एक त

27

कचोटती तन्हाइयां -भाग 27

8 अगस्त 2023
72
65
3

"ये कैसा बंटवारा है पिताजी !! पूरी हवेली दिव्य प्रताप भानु की और जितना परिसर पड़ा वो सब मेरा !! मैं पहले अपने लिए घर बनवाऊं तब जा कर रह पाऊं !! "शिव प्रताप भानु ने हैरानी में भरकर पिता सूर्य प्रताप भा

28

कचोटती तन्हाइयां -भाग 28

8 अगस्त 2023
74
66
2

हवेली के पीछे श्रीधन के लिए जो घर सूर्य प्रताप भानु ने दिया था वो बस दो कक्षों का एक छोटा सा घर था जिसमें एक कक्ष इतना छोटा था कि उसमें पाकशाला ही हो सकती थी , दूसरा कक्ष ही था जिसमें दो पलंग पड़ने के

29

कचोटती तन्हाइयां -भाग 29

8 अगस्त 2023
74
66
2

जैसे जैसे बच्चे बडे़ हो रहे थे उन्हें चीजें समझ आ रही थीं । शिवन्या, शिवल्या और शिवाली को समझ आने लगा था कि बाबा उन्हें पसंद न‌ करते हैं तो वो अब हवेली न‌ जाकर अपने यहां शिव‌ मंदिर के सामने ही अपने गु

30

कचोटती तन्हाइयां -भाग 30

8 अगस्त 2023
75
66
3

दिव्य प्रताप भानु के बच्चों की पढाई हो चुकी थी इसलिए वे अपनी मां कनक के साथ हवेली ही रुक गए थे मगर दिव्य प्रताप भानु की सरकारी नौकरी थी अत: वो वापस चला गया था ,कनक ने दिव्य प्रताप भानु से कह दिय

31

कचोटती तन्हाइयां -भाग 31

10 अगस्त 2023
74
66
1

शिव प्रताप भानु को एक पिता का जो स्नेह सूर्य प्रताप भानु से न मिला था वो उसे श्रीधन से मिलता महसूस होता था ,यही कारण था कि वो श्रीधन से हर छोटी-बड़ी बात कहकर अपना मन हल्का कर लेता था ।आज भी वो अपने खे

32

कचोटती तन्हाइयां -भाग 32

10 अगस्त 2023
74
66
1

मानसी शिव प्रताप भानु के पास बैठती हुई बोली ,-" राज और राग दोनों हवेली के बंटवारे की बात करने पिताजी के पास जाएंगे , मुझे तो यही लग रहा है कि पहले तो पिताजी ही उसके बाद दिव्य प्रताप और उनके दिवाकर व द

33

कचोटती तन्हाइयां -भाग 33

10 अगस्त 2023
75
66
1

मानसी बोली -" उनके बाप का नहीं मगर उनके बाबा का तो घर है ,वो बाबा ,जिनका स्वास्थ्य इतना खराब हो गया था कि वे मरणासन्न हो गए थे तब तो तुम और देवर जी अपने -अपने मुंह छुपाए वहां पड़े हुए थे तब इनके बाप न

34

कचोटती तन्हाइयां -भाग 34

10 अगस्त 2023
75
66
2

पिता ससुर सूर्य प्रताप भानु के इस निर्णय को सुनकर कनक का मुंह उतर गया और दिवाकर प्रताप भानु और दिनकर प्रताप भानु के चेहरों पर भी बारह बज गए ।सूर्य प्रताप भानु ने आगे राज प्रताप भानु और राग प्रता

35

कचोटती तन्हाइयां -भाग 35

10 अगस्त 2023
74
67
1

सबके पेट दुख रहे थे दिव्य प्रताप भानु और उसके बेटों को हवेली में रहते देखकर ,खाना न‌ हजम हो रहा था ,हवेली बंटवा ली तभी सबके कलेजे को ठंड़क पड़ी ।"दिव्या यूं भुनभुनाते हुए ये भी न सोच रही थी कि उ

36

कचोटती तन्हाइयां -भाग 36

11 अगस्त 2023
74
66
2

"पिताजी , आपकी पोती का श्रावस्ती जिले में विवाह देख आया हूं , आपको विवाह की बातचीत तय करने चलना है ।" शिव प्रताप भानु ने कहा ।दिव्यांश प्रताप भानु को पता चला कि शिव प्रताप ताऊ जी आए हैं तो

37

कचोटती तन्हाइयां -भाग 37

11 अगस्त 2023
72
65
1

राज प्रताप की बात सुनकर शिव‌ प्रताप भानु समझ गया कि इसने मेरी और मानसी की विगत रात्रि की बात सुन ली है तभी इसने अपनी दादी के समक्ष प्रश्न उठाया है वहीं राज प्रताप भानु के मुंह से 'बाबा की तो पूरी तिजो

38

कचोटती तन्हाइयां -भाग 38

11 अगस्त 2023
73
66
2

बाबा सूर्य प्रताप भानु का उत्तर सुनकर राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु उठकर जाने लगे ।घर के अंदर से अपने ट्रांसपोर्ट के लिए जाते दिनकर प्रताप भानु ने बाबा और राज दादा व राग दादा की बात सुनी और वो व्

39

कचोटती तन्हाइयां -भाग 39

11 अगस्त 2023
74
66
1

दिव्यांश प्रताप भानु , शिवन्या के विवाह में सम्मिलित हुआ था , ये राज प्रताप भानु को तो न बुरा लगा क्योंकि वो सुलझे दिमाग का और सह्रदय था मगर राग प्रताप भानु का उसको देखकर मुंह बना ही रहा ।अगले दिन जब

40

कचोटती तन्हाइयां -भाग 40

12 अगस्त 2023
75
67
5

सूर्य प्रताप भानु ने अपने दरवाजे पर राज प्रताप भानु और राग प्रताप भानु को आया देखकर उनसे कहा -" कहो शिव प्रताप के दूतों , आज शिव प्रताप की तरफ से क्या संदेश लेकर आए हो !!" " चरण स्पर्श बाबा , हम

41

कचोटती तन्हाइयां -भाग 41

13 अगस्त 2023
74
66
2

शिवल्या भी अपने भाइयों , पिता व मां को परेशान‌ देखकर दुखित थी और दोपहर का भोजन‌‌ कर अपने कक्ष में लेटी हुई करवटें बदलती जा रही थी , जब चैन‌ न पडा़ तो सोचा कि चलकर कुछ क्षण शिव‌ मंदिर में ही बैठूं ! और

42

कचोटती तन्हाइयां -भाग 42

13 अगस्त 2023
72
64
1

दिव्यांश प्रताप भानु का विवाह कुशलतापूर्वक निपट गया था और शिवन्या और शिवल्या अपने अपने पतियों के साथ अपने ससुराल वापस जाने के लिए सामान बांध‌ रही थीं ।सामान बांधने के बाद शिवन्या और शिवल्या दोनों मां

43

कचोटती तन्हाइयां -भाग 43

13 अगस्त 2023
72
65
3

राज प्रताप भानु खेतों पर काम करते हुए पिता से बोला -" पिताजी ,आप चिंता न करें, शिवाली ने कह दिया है मगर वो एक दिन‌ भी भूख सह न पाएगी और भोजन कर लेगी , वो एक दिन भोजन न करे वो मैं सह सकता हूं मगर उसको

44

कचोटती तन्हाइयां -भाग 44

15 अगस्त 2023
74
66
4

शिवाली के लिए इसके आगे एक शब्द भी कहा तो मैं तुम्हारी जुबान खींच लूंगा ,मुझे शिवाली के लिए ऐसे शब्द सुनना कदापि स्वीकार नहीं है , तुम्हें पूरी सौ एकड़ भूमि चाहिए ना , ठीक है तुम्हें पूरी सौ एकड़ भूमि

45

कचोटती तन्हाइयां -भाग 45

16 अगस्त 2023
73
66
3

शिव प्रताप भानु का कोई समाचार न‌ मिलने के कारण श्रीधन का मन छटपटाता रहा ........... राज प्रताप भानु बहन शिवाली के विवाह की तिथि समीप आने के कारण विवाह की बची हुई तैयारियों में लगा था और उसी मध्य

46

कचोटती तन्हाइयां -भाग 46अंतिम भाग

16 अगस्त 2023
76
67
7

दिव्या और सूर्य प्रताप भानु घर के मुख्य दरवाजे से पहले बने बरामदे के ऊपर बने कमरे में ले गए , और दिव्य प्रताप भानु और कनक , दिनकर प्रताप भानु और उसकी पत्नी सहित चले गए ।दिव्य प्रताप भानु ने चतुराई के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए