5 अप्रैल 2020,रात 9 बजे,9 मिनट का प्रकाश-पर्व
विजय कुमार तिवारी
विश्वास करें,यह कोई सामान्य घटना घटित होने नहीं जा रही है और ना ही आज का प्रकाश-पर्व एक सामान्य प्रकाश-पर्व है।ब्रह्माण्ड की ब्रह्म-शक्ति का आह्वान हम सम्पूर्ण देशवासी प्रकाश-पर्व मनाकर करने जा रहे हैं।हमारे भीतर स्थित वह दिव्य-चेतना जागृत होकर उस अतिमानस को धरती पर उतरते हुए भीतर के आलोक और हमारी मानसिक ईच्छाओं से सम्बर्धित दीये की लौ के रुप में सम्पूर्ण विश्व की रक्षा के लिए उर्जा का विस्फोट होने वाला है।यह हमारा उस परम-शक्ति के प्रति सामूहिक साधना और समर्पण है।अद्भूत क्षण है कि एक साथ देश की करोड़ो आत्मायें परम पूण्य भाव से उस दिव्य-सत्ता का हृदय की गहराई से आह्वान कर रही है।विश्वास कीजिये,ऐसी पुकार अवश्य सुनी जाती है।इसका प्रतिफल अच्छा ही होगा और सम्पूर्ण विश्व इस स्थिति से मुक्त होगा।
मैं महसूस कर रहा हूँ कि वह चेतना सक्रिय हो उठी है और हमारी करुण पुकार वहाँ तक पहुँच रही है।पूरे मन और समर्पण से हम आज का प्रकाश-पर्व मनायें और प्रार्थना करें कि हे प्रभो,मानवजाति की रक्षा कीजिये।हमारे अपराधों को क्षमा कीजिए और हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दीजिये।
कुछ लोग अपनी अज्ञानता और भोगवादी संस्कृति के पोषक होने के कारण त्यागमयी भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को पहचान नहीं पाते।ऐसे लोगों से सावधान रहकर हमें अपने मूल्यों के साथ जीना चाहिए।आज पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है और हमारा देश उल्लास और आलोकमय प्रकाश-पर्व मना रहा है।कोई न कोई शक्ति तो है जो प्रेरित कर रही है और हमारा मार्गदर्शन कर रही है।इस रहस्य को समझने में दुनिया को शायद अभी और समय लगे,परन्तु वह दिन दूर नहीं,जब पूरी दुनिया हमारा अनुसरण करेगी और हमारे आध्यात्मिक त्यागपूर्ण विचारों को अपनायेगी।