जब व्यक्ति गुस्से में होता है तो सबसे पहले उसका स्वविवेक मर जाता है। और अक्सर वह गलत निर्णय ले लेता ।
क्योंकि जब वह गुस्से में होता है , तो सारी इंद्रियां उसकी क्षण भर के लिए इतनी वेगवान हो जाती हैं ,कि कुछ क्षण पश्चात उसकी समस्त इंद्रियां ढीली पड़ जाती हैं
,जब वह गुस्से में होता है तो उसके हाथ ,पैर ,चेहरे सभी में एक अजब की ताकत और एक गजब का वेग आ जाता है ।
इसी तरह से उसके मस्तिष्क में भी तुरंत से एक वेग उत्पन्न होता है। जो कुछ क्षण पश्चात शिथिल हो जाता है। इसी कारण व्यक्ति निर्णय लेने की स्थिति में नहीं रहता ,
और वह हमेशा गलत निर्णय ले लेता है, रेहान के साथ भी कुछ ऐसा ही होता था ,गुस्सैल स्वभाव होने के कारण वह अपनी अच्छी इमेज को भी लोगों के सामने खराब कर देता था।
क्योंकि छवि तो वही बनती है जो हम सबको दिखती है, अवनी नीलम के चले जाने के पश्चात रेहान भी अपने सामान को फटाफट पैक करता है ।
और ठकुराइन से बोलता है हम भी यहां से जाना चाहते हैं ठकुराइन बोली हम अभी गाड़ी और ड्राइवर की व्यवस्था करते हैं ।और रेहान हवेली से जयपुर के लिए निकल जाता है।
रास्ते भर अवनी बहुत खुश रहती है, क्योंकि उसे राजीव से जो मिलना था ।उसे खुश देखकर अखंड प्रताप बोले तुम्हारी भाभी ने हमें रेहान वाली बात बताई ऐसा कभी कुछ तुम्हारे साथ हो या नीलम तुम्हारे साथ हो तो निसंकोच तुम हमसे भी कह सकती हो ,
अवनी बोली भैया मैं तो डर गई थी, क्योंकि रेहान ने मुझे धमकी दी थी, कि अगर मैं यह सब किसी को बताऊंगी तो वह उल्टा नीलम पर ही सारा आरोप मढ़ देगा इसी कारण मैंने किसी को कुछ नहीं बताया,,,,
वह तो भाभी कमरे में आई और हमारे चेहरे देखकर समझ गई, और पूछने लगी तो हमने सब सच सच बता दिया क्योंकि हमें विश्वास था कि भाभी कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगी
, उधर राजीव कई दिनों से परेशान था, क्योंकि अवनी उसे क्लास में एक भी दिन दिखाई नहीं दी नीलम भी नहीं दिखाई दी अपने मन में सोच सोच परेशान हो रहा था कि क्या कारण होगा, कि अवनी और नीलम दोनों नहीं आई ,,,,,
पहले उसने सोचा हो सकता है घर से आई हो और क्लास करने ना आ रही हो, किंतु एक दिन, जब उससे किसी भी तरह रहा न गया तो हॉस्टल की एक लड़की से बड़ी हिम्मत करके नजरें झुकाए हुए पूछता है।
की हॉस्टल में नीलम लौटकर नहीं आई क्या?? अवनी के विषय में पूछने में न जाने क्यों उसको बहुत झिझक महसूस हुई
उसने ,सोचा अगर नीलम का पता चल जाएगा तो हो सकता है, अवनी का भी पता चल जाए ??क्योंकि दोनों एक ही कमरे में रहती है। वह लड़की बोली हां उन दोनों के रूम में तो ताला बंद है।
वह दोनों अभी आई ही नहीं घर से राजीव ने मानो कई दिनों की अपने मन में चलती जंग को जीता और तेज कदमों से अपने लाज जाकर कमरे में चुपचाप लेट गया ,,,,,,
वोउसको इस तरह लेटा देख मयंक ने कहा क्या बात है ।??राजीव इस बार देख रहा हूं जब से तुम घर से आए हो कुछ खुश नजर नहीं आ रहे हो ,
क्लास करने भी तुम्हारा जाने का मन नहीं करता कभी-कभी तो जाते भी नहीं ऐसा क्या हो गया है ॽ तुम्हारी तबीयत खराब हैॽ
राजीव बोला नहीं यार पता नहीं क्यों क्लास में मन ही नहीं लगता ?मयंक थोड़ी देर कुछ सोचता फिर कहता है, क्योंॽ
राजीव कुछ नहीं बोलता चुपचाप किचन में चला जाता है। मयंक बोला यार किचन में क्या करने गए हो राजीव बोला चाय पियोगे मयंक बोला नहीं यार मेरी क्लास है।
मैं जा रहा हूं और तुझे चलना हो तो चल ,राजीव बोला मेरा आने का मन नहीं कर रहा है ।आज मैं नहीं जाऊंगा मयंक उसकी तरफ ध्यान से देखता है।
और फिर उसके माथे पर हाथ रखकर कहता है। बुखार का मामला तो नहीं है ।दिल का मामला तो नहीं है ॽऔर हंसने लगता है,
राजीव झेंप गया फिर किचन में चला जाता है ।मयंक अपनी क्लास करने कॉलेज चला जाता है, अवनी और नीलम हॉस्टल पहुंच जाती हैं।
और अपना सामान हॉस्टल में रखकर नीलम आराम से बिस्तर में लेट जाती है, अवनी बोली उठो क्लास करने जाना हैं।
हालांकि नीलम का जाने का मन नहीं था, वह अवनी से बोली , अवनी नहीं आज रहने दे, आज तो वैसे भी दो क्लास तो हो ही गई होगी,
एक दो ही क्लास बची होगी आज हम क्लास नहीं करते, आते-आते थक गई हूं ,लेकिन अवनी कहां थकने वाली थी ,उसे तो बस एक ही सनक सवार थी। कि नहीं मुझे क्लास करना है।
,ना चाहते हुए भी नीलम जबरदस्ती अवनी के साथ कॉलेज चली जाती है, अवनी तेज कदमों से क्लास की ओर जाती रहती है ।।
नीलम बोली आज तुझे क्या क्लास का भूत सवार हो गया इतनी तेज तेज दौड़ कर जा रही है। जैसे कोई तेरा वहां बैठा इंतजार कर रहा हो, ?
अवनी दबी जबान मे कहती है हां इंतजार ही तो कर रहा है कोई, नीलम बोली मुझे सुनाई नहीं दिया तूने क्या कहा अवनी ने कहा जल्दी चलो नहीं क्लास खत्म हो जाएगी ।
अब सुनाई दिया नीलम बोली हां हां ठीक है ,चल तो रहे हैं और दोनों क्लास में आ जाती है, क्लास में घुसते ही अवनी की दिल की धड़कने तेज हो जाती है।
एक निगाह चारों तरफ दौड़ा कर देखती है, उसे राजीव कहीं दिखाई नहीं देता ,वह फिर से ध्यान से देखती है फिर भी उसे राजीव नजर नहीं आता वह सोचती है हो सकता है किसी काम से क्लास से बाहर निकला हो ।
और आकर अपनी सीट पर बैठ जाती है ।कुछ मिनट बाद प्रोफेसर दीक्षित क्लास में आते हैं । और क्लास लेने लगते हैं अवनी बार-बार राजीव की सीट की तरफ देखती है।
अब तो उसे यकीन हो गया कि लगता है राजीव आज क्लास करने नहीं आया उसके बार-बार उधर देखने पर प्रोफेसर दीक्षित उसको खड़ा कर देते हैं ,
और पूछते हैं ।अवनी सिंह ठाकुर आपका ध्यान किधर है ,अवनी घबरा कर सामने देखने लगती है। जैसे ही प्रोफेसर दीक्षित की क्लास खत्म होती है, अवनी नीलम से कहती हैं।
नीलम उठो बाहर चले नीलम बोली अभी-,अभी इसके बाद एक लेक्चर बाकी है अवनी ने कहा रहने दो अवनी बोली वह लेक्चर मेरा अटेंड करने का मन नहीं है ।
नीलम आश्चर्य से देखते हुए क्यों क्या हो गया ?नीलम तू चल मैं बहुत थक गई हूं ओहो जब मैं थक गई थी तो मैडम को क्लास करनी थी।
अब मैडम थक गई तो मैं सारी क्लास छोड़कर चल दूं पीछे ,चुपचाप बैठो और क्लास करो ,उसने कहा तुम्हें क्लास करनी है तो करो मैं जा रही हूं
नीलम सोचती इसको क्या हो गया हम समझ ही नहीं पा रहे है कि इस के मन में चल क्या रहा है।, अवनी क्लास से बाहर निकल कर सीधे आर्ट्स डिपार्टमेंट की ओर जाती है।
नीलम भी उसके पीछे पीछे आती है नीलम पीछे से आवाज देती है। अभी उधर कहां जा रही हो हॉस्टल इधर है ।भूल गई क्या अपना हॉस्टल अवनी बोली तुझे आना हो तो आओ मैं इधर ही जाऊंगी, नीलम ने कहा वह आर्ट डिपार्टमेंट है ,
अवनी बोली पता है तो वहां तू किससे मिलने जा रही है, अवनी ने कहा मयंक से नीलम आश्चर्यचकित हो जाती है, और अवनी से कहती है 1 मिनट अब मुझे समझ में आया कि तेरा राजीव से नहीं मयंक से चक्कर था,
इसीलिए तो उसके प्यार में पगलाई उसकी डिपार्टमेंट तक दौड़ी जा रही है। इसी से तूने आज मुझे आराम नहीं करने दिया वरना जिस दिन हम लोग घर से आते हैं उस दिन तो कभी क्लास करने नहीं आते अवनी चुप थी और नीलम आश्चर्यचकित थी सच्चाई न नीलम जान रही थी ,न अवनी को पता था उसको क्या हुआ और नीलम नहीं समझ पा रही थी, आगे जानने के लिए पढ़ें प्रतिउत्तर ॽॽॽ में 🙏 क्रमशः