समाज में जब किसी चीज की अधिकता हो जाती है तो समाज उसे अपनाने लगता है, क्योंकि वह चलन में आ जाती है। और जो चीज चलन में आ जाती है उसी का प्रचलन हो जाता है ।
और जो चीज चलन में नहीं आई रहती वह समाज की दृष्टि से बहुत बड़ा मुद्दा बनी रहती है। प्रचलन में आई चीजें धीरे-धीरे समाज स्वीकार करने लगता है।
और वह प्रथा बन जाती है ।शायद ऐसा ही कुछ समाज का स्वरूप होता है। जब जमीदारी प्रथा थी तो राजीव और अवनी के प्रेम का स्वरूप समाज को कतई मान्य ना था ।
,तो वह स्वरूप एक सामाजिक मुद्दा बनकर रह जाता था। अवनी राजीव के बगल बैठने में असहज महसूस कर रही थी, किंतु पता नहीं क्यों उसका मन वहां से हटने का भी नहीं कर रहा था।
वह चाहती तो थी कि राजीव के पास ही बैठे किंतु सब लड़कियां इस तरह से देख रही थी कि वह उठकर खड़ी हो जाती है।
राजीव उसे बैठाने की कोशिश करता है ,किंतु वह नहीं बैठती, तभी सभी लड़कियां और कुछ लड़के डिस्को की धुन पर थिरकने लगते हैं ,
अवनी भी उठकर उन लोगों के साथ डांस में शामिल हो जाती है सब अंदर ही अंदर बहुत खुश हैं अवनी और राजीव की खुशी की तो सीमा ही नहीं थी भले ही वह दोनों एक दूसरे की मन की बात समझ लेते हो,,,
लेकिन एक दूसरे को सामने से दोनों ने प्यार का इजहार नहीं किया राजीव अवनी के प्यार में कुछ भी करने को तैयार रहता है।
वह तो उसके समक्ष अपने प्रेम के विषय में बता भी चुका था भले ही अवनी ने उसका कोई उत्तर न दिया हो किंतु अवनी के सामने उसने अपनी बात रख तो दी थी l
मयंक राजीव के समीप आता है और कहता है क्या अवनी ने कभी तुमसे कहा कि वह तुमसे प्यार करती है,?? राजीव ने कहा मयंक तुमने उसकी आंखों में नहीं देखा ,,,,,
मयंक खीझते हुए बोला "ओ हेलो "मुझे किसी की आंखों में देखने की जरूरत नहीं है ,मैं क्यों किसी की आंखों में देखूं??? मैंने तो बस तेरी आंखों में देखा है।
वह जुनून वह पागलपन इसलिए मैं तुझ से कह रहा हूं पहले पूछ तो सही कि सचमुच जिस तरह तू उसे प्यार करता है क्या वह भी करती है?
, क्योंकि इन बड़े घर की लड़कियों का कोई भरोसा नहीं होता।राजीव ने कहा मुझे किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है मैंने उसकी आंखों में अपने लिए प्यार महसूस किया है।
मयंक ने कहा पागल मत बन पहले पता तो चले कि सचमुच तेरे लिए सबसे लड़ सकती है, अपने परिवार वालों के खिलाफ खड़ी हो सकती है कि तू अकेला ही उसके लिए मरेगा l
मयंक के ऐसा कहने पर राजीव के मन में एक अजीब सा डर पैदा होता है, कि कहीं मयंक की बात सच हुई तो ! कहीं सच में अवनी मेरे प्यार को मजाक समझ बैठी तो मैं क्या करूंगा???
क्योंकि उसके बिना तो अब मैं रह भी नहीं सकता, दूसरे ही क्षण उसे अपने प्यार पर भरोसा होने लगता है और सोचता है ऐसा नहीं हो सकता।
अवनी उसके साथ ऐसा खिलवाड़ करेगी क्या मिलेगा उसे ऐसा करके फिर मैंने उसकी आंखों में अपने लिए जो देखा क्या वह गलत है।
इसी कशमकश में उलझा हुआ राजीव सीधी अवनी के पास आता है अवनी डिस्को की धुन पर नाचते हुए राजीव का हाथ पकड़ कर उसे भी नचाने लगती है।
दोनों नाचते-नाचते एक दूसरे के एकदम करीब आ जाते हैं तभी राजीव अवनी की आंखों की ओर देखता हुआ कहता है अवनी जी मुझे आपसे कुछ पूछना है,।
लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा है मैं आपसे कैसे पूंछू अवनी ने हंसकर कहा पूछो जो पूछना चाहते, हो, मैं सुन रही हूं अवनी को भी उम्मीद थी कि शायद राजीव उससे अपने प्रेम का इजहार करें,
किंतु राजीव ने नज़रें झुका ली उसके मुंह से एक शब्द भी नहीं फूटा अवनी उसके एकदम नजदीक थी ,दोनों की नजदीकी एक दूसरे की गर्म सांसे उन्हें मदहोश कर रही थी।
वह चाहकर भी बोल नहीं पा रहा था और फिर राजीव ने कहा ,जाने दीजिए फिर कभी अवनी ने जोर देते हुए कहा हां बोलो राजीव क्या कहना चाहते हो ???
राजीव ने कहा बहुत शोर है ,अभी आपको सुनाई नहीं देगा अवनी ने कहा हां तुम ठीक कह रहे हो फिर कभी बता देना राजीव चाह कर भी हाथ मलते रह गया और पूछ नहीं पाया
किंतु उसे पूरा विश्वास था, कि जिस तरह से अवनी उसका हाथ पकड़कर नाच रही है उसके साथ रह रही है उससे मिलने हॉस्टल गेट पर आती है,
इससे तो यही समझ आता था कि वह भी उससे उतना ही प्रेम करती थी,जितना वह अवनी से करता है। डांस करते हुए दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं ।
राजीव अवनी की बदन की खुशबू और उसकी सांसों की गर्माहट को महसूस करने लगता है, अवनी भी राजीव के एकदम करीब आ जाती है ।
नीलम यह सब देखती रहती है, और वह इन दोनों के जीवन में आने वाले खतरों को सोचकर कांप उठती है वह सोचती है क्या ठाकुर साहब इस बेमेल रिश्ते को अहमियत देंगे???
क्या अखंड भैया और रूद्र भैया राजीव को अपनाएंगे यही सब सोचते हुए वह अवनी के एकदम समीप जाती है, और कहती है अब बहुत देर हो रही है ।
अब हमें हास्टल चलना चाहिए, वरना हॉस्टल का गेट बंद हो जाएगा और तुझे रात भर राजीव के रूम पर ही रुकना पड़ेगा यह सुनकर राजीव और अवनी दोनों शरमा जाते हैं।
तभी मयंक आता है और राजीव से कहता है कि चलो जल्दी जल्दी कुछ खा लो नहीं तो हम लोगों को अपने रूम पहुंचने में लेट हो जाएगा
, इस पर नीलम कहती है हमें तो अभी हॉस्टल जाना है, और एक बार हॉस्टल गेट बंद हुआ तो हम लोगों की अंदर इंट्री भी नहीं होगी तुम्हारा क्या है ॽ
तुम लोग तो लड़के हो किसी के भी रूम में रुक जाओगे ,तो मयंक बोला मैंने थोड़ी ना कहा था कि सारा टाइम डांस में बिता दीजिए ???
मैं तो खाना खा भी चुका राजीव ने दोनों को बहस करते देखा तो बोला ठीक है, मैं तुरंत खाना खा कर आता हूं, तब हम लोग निकलते हैं।
अवनी से कहा चलिए अवनी जी हम खाना खाकर आते हैं। तभी पीछे से नीलम बोली मैने भी अभी तक खाना नहीं खाया है अवनी ने कहा हां हां चलो सब लोग साथ में चलते हैं ,और सब खाना खाने चले जाते हैं।
क्या अवनी सचमुच राजीव से प्यार करती है?? या फिर यह राजीव का भ्रम है,?? आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए प्रतिउतर 🙏 क्रमशः।।।