परीक्षाफल जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है, परीक्षा फल से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखार कर सामने आता है, सोचिए अगर परीक्षा फल ना हो तो व्यक्ति उस कदर मेहनत कर पाएगा ???
जिस तरह उसे मेहनत करनी चाहिए, क्योंकि बिना फल की इच्छा के व्यक्ति कोई भी कार्य करने में प्रवृत्त नहीं होता वह अलग बात है कि, कुछ निष्काम कर्मयोगी फल की चिंता नहीं करते और अपने कार्यों में लगे रहते हैं।
सांसारिक जीवन में तो ज्यादातर यहीं प्रवृत्ति पाई जाती है कि अगर हम कोई काम कर रहे हैं तो वह उसकी परिणित के रूप में उसका परिणाम अवश्य चाहेंगे।
अवनी नीलम के साथ पार्टी में आने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी जाने क्यों अंदर से उसको लग रहा था कि मेरे कारण ही राजीव का नंबर इतना खराब हुआ ।
राजीव ने अवनी को टोकते हुए कहा किस सोच में डूब गईं अवनी जी, आप अवनी ने कहा कुछ नहीं राजीव ने पूछा कुछ तो ,अवनी ने कहा तुम नहीं समझोगे राजीव अवनी से कहता है बताइए ना क्या बात है।
अवनी बोली आज शाम को कॉलेज गेट के पास मिलते हैं ,फिर बात करते हैं ,राजीव बोला आज शाम को आप नीलम की पार्टी में नहीं आएंगी ॽ
अवनी ने कहा नहीं, राजीव ने कहा लेकिन क्यों आपके परिणाम तो अच्छे आए हैं ना ??,तो आप क्यों नहीं जाना चाहती अवनी ने कहा मैं तुम्हें कैसे समझाऊं की मुझे तुम्हारे लिए कितना दुख हो रहा है ।
,राजीव ने कहा आपको यह कहने की जरूरत नहीं मैं जानता हूं । अवनी बोली जब जानते हो तो तुम फिर तुमने जानबूझकर अपने नंबर खराब क्यों किएॽ
राजीव अवनी की बात का कोई उत्तर नहीं दे पाता और शाम को कॉलेज के गेट के पास मिलने के लिए कह कर चला जाता है। अवनी के दिमाग में कशमकश जारी थी,
नीलम अवनी के साथ हॉस्टल वापस आ जाती है हॉस्टल में परीक्षा फल आने के बाद खुशी का माहौल रहता है ।सब लड़कियां अवनी का इंतजार करती रहती है अवनी के हॉस्टल आने के बाद सब उसे बधाई देकर उससे पार्टी मांगती है ।
अवनी कहती है। हां ठीक है सबको पार्टी मिलेगी लेकिन मैं पार्टी में शामिल नहीं होऊंगी यही कॉलेज कैंटीन में तुम लोगों को जो भी खाना है, तुम लोग खा लो मैं पेमेंट कर दूंगी
, सारी लड़कियां कहने लगी तुम्हारी पार्टी जब तुम ही नहीं होगी तो फिर क्या फायदा नहीं चाहिए हमें पार्टी जब तक तुम पार्टी में शामिल नहीं होगी तब तक हम लोग पार्टी नहीं करेंगे और कॉलेज कैंटीन में तो बिल्कुल भी नहीं,,,,,
बाहर रेस्टोरेंट में देना हो तो दो अवनी को उन लोगों की इस मांग पर जाने क्यों गुस्सा आ जाता है, बिना कुछ उन लोगों से बोले अपने रूम में चली आती है।
नीलम कहती है कि आखिर तुझे क्या हो गया पहले तू फर्स्ट आना चाहती थी आज तो फर्स्ट भी आ गई तो भी तुझे वह खुशी नहीं है ।
अवनी कहती है ।नीलम तुम्हें तो सब बात पता है राजीव ने जानबूझकर मुझे प्रथम स्थान पर लाने के लिए खुद उसने अपने नंबर खराब कर लिए नीलम बोली तो क्या हुआ???
, तुम राजीव को समझा देना फाइनल एग्जाम में वह तुम से आगे निकल जाएगा और आज मेरे साथ पार्टी में चलो वरना ,राजीव को भी बुरा लगेगा।
उसे बार-बार यह महसूस होगा कि अवनी को यह पता चल गया कि उसने जानबूझकर अपना परीक्षा फल खराब किया है।
अवनी नीलम से कहती है लेकिन मैंने तो राजीव से शाम को हॉस्टल गेट के पास मिलने के लिए कह दिया है ,तो हम पार्टी में कैसे जाएंगे ??
उसे तो यही पता है कि मैं पार्टी में नहीं जाऊंगी हो सकता है वह भी ना जाए नीलम बोली तुझे बड़ी पता है उसके मन की बात अवनी ने शर्माते हुए कहा उसने मुझे बताया था।
नीलम शरारत भरी आंखों से अवनी को देखती है अवनी मुस्कुरा देती है, नीलम कहती है ठीक है अगर तूने राजीव से कहीं दिया है तो उसमें इतना परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
क्योंकि आज ही राजीव ने तुमसे तुम्हारा नंबर लिया है तो हो सकता है वह तुम्हें फोन करें तो बस तुम उससे कह देना कि आज शाम को पार्टी में चलना है।
नीलम फिर बोली वैसे तुम्हारे पास भी तो उसका नंबर होगा, अवनी ने कहा नहीं मेरे पास राजीव का नंबर नहीं है उसने नंबर मांगा था, मैंने उसको दे दिया उससे नंबर मांगने की मेरी हिम्मत नहीं पड़ी और मैं ना मांग सकी,
इधर राजीव के पास अवनी का फोन नंबर तो था लेकिन वह बार बार यह सोच रहा था कि किस बहाने से वह अपनी को फोन करें क्योंकि , अवनी को फोन करने का कोई कारण उसे समझ नहीं आ रहा था ।
राजीव सोचता है कि अगर मान लो मैंने फोन कर ही दिया तो मैं अवनी से कहूंगा क्या वह पूछेगी फोन किस लिए किया तो मैं उससे क्या कहूंगा???
मन में यही उलझन थी तभी मयंक राजीव की ओर देखते हुए कहता है कि बेटा अब तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता राजीव बोला क्या मतलब??
मैं समझा नहीं मयंक ने कहा जिस चीज का डर था वही हुआ उस लड़की के चक्कर में तुमने अपना कैरियर दांव पर लगा दिया, राजीव मयंक की बात सुनकर कहता है कि यह तो बताओ हुआ क्याॽ
मयंक बोला इतने भोले मत बनो तुम्हें अच्छे से पता है क्या हुआ, तुमने जानबूझकर उस लड़की को अपने से आगे कर दिया और खुद चौथे स्थान पर आए राजीव कहा सब लोग यह क्यों समझ रहे हैं ??
मयंक ने कहा क्योंकि यही हुआ है । राजीव कहता है इसमें अवनी जी की कोई गलती नहीं मयंक बोला मैंने तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं तो तू उसकी सफाई देने क्यों बैठ गया ???
फिर मयंक जाकर रसोई में कुछ करने लगता है, राजीव समझ जाता है कि मयंक नाराज हो गया मयंक को खुश करने के लिए राजीव उसके पीछे रसोई में जाता है ।
,और मयंक से कहता है आज शाम को पार्टी में चलोगे मयंक उसकी ओर देखता है ,और चुप रहता है, राजीव फिर पूछता है तुमने हां या नहीं में जवाब नहीं दिया ।
मयंक बोला किसने दी है पार्टी राजीव ने कहा पहले बताओ चलोगे कि नहीं, मयंक ने कहा तुमने ऐसा क्यों किया राजीव बोला हां मैं अवनी से प्यार करता हूं ।
उसके लिए कुछ भी कर सकता हूं , लेकिन मेरा विश्वास करो मैंने जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं किया मयंक उसको एकटक देखता रहता है। आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये 🙏🙏🙏
क्रमशः।।।।।।